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लॉकडाउन ने तोड़ी छोटे दुकानदारों की कमर, चौपट हुआ काम

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Published : May 21, 2020, 4:40 PM IST

कोरोना के कारण लगे लॉकडाउन का असर हर वर्ग पर बड़ा है. जहां एक ओर बड़ी-बड़ी कंपनियों को नुकसान हुआ है. वहीं छोटे दुकानदारों पर भी इसकी मार पड़ी है.

lockdown effect on small shopkeepers
लॉकडाउन ने तोड़ी छोटे दुकानदारों की कमर

चंडीगढ़: वैश्विक महामारी कोरोना वायरस से पूरा विश्व आर्थिक मंदी के दौर से गुजर रहा है. कोरोना लॉकडाउन के कारण छोटे दुकानदार और दुकानों में काम करने वालों के सामने रोजी-रोटी का संकट पैदा हो गया है. ईटीवी भारत ने छोटी सी किराना की दुकान चलाने वाले दुकानदार से बातचीत की और जाना कि कैसे वो इस लॉकडाउन की स्थिति में अपना काम कर रहे हैं.

मंदा हुआ धंधा

दुकानदार ने बताया कि लॉकडाउन में पहले से आधे लोग भी सामान खरीदने नहीं आ रहे हैं. जिसके चलते उन्हें भारी नुकसान उठाना पड़ रहा है. क्योंकि उनका काम साथ लगती दुकानों में काम करने वाले लोगों और दिहाड़ी मजदूर से चलता था. लॉकडाउन में बड़ी दुकानों का काम बंद कर दिया गया है या 50 प्रतिशत काम करने वाले को ही बुलाया जा रहा है. जिसके चलते राशन आदि की बिक्री आधी से भी कम रह गई है.

लॉकडाउन ने तोड़ी छोटे दुकानदारों की कमर, क्लिक कर देखें वीडियो

त्यौहारों में नहीं हुई बिक्री

दुकानदार ने ये भी बताया कि राशन आदि सामान ज्यादातर लोग उधारी में लेकर जाते थे. लॉकडाउन होने के कारण लोग अपने गृह जिले वापस चले गए हैं. अब उनमें से अधिकतर के वापस आने की कोई गारंटी नहीं है. जिससे आधी से ज्यादा रकम डूबने का डर सताने लगा है.

दुकानदार ने बताया कि लॉकडाउन के दौरान कई त्यौहार आदि भी फीके ही निकल गए हैं. जैसे नवरात्रों में हर साल काफी सामान की बिक्री होती थी. लेकिन इस बार लोग घरों से ही नहीं निकले तो सामान कैसे बिकता.

दुकानों में रखा सामान हुआ खराब

दुकानदारों ने बताया कि उनका काफी सामान तो रखे का रखा ही खराब हो गया. क्योंकि नवरात्रों के दौरान खास प्रकार का भोजन तैयार करने के लिए अलग-अलग तरह के राशन की मांग ज्यादा बढ़ जाती है. जो कि आम दिनों में कम ही लिया जाता है तो इस नुकसान को भी इस महामारी के दौर में हमें ही झेलना पड़ेगा.

ये भी पढ़ें- ना बैंड, ना बाजा, ना बाराती, लॉकडाउन से हुआ कारोबार चौपट

चंडीगढ़: वैश्विक महामारी कोरोना वायरस से पूरा विश्व आर्थिक मंदी के दौर से गुजर रहा है. कोरोना लॉकडाउन के कारण छोटे दुकानदार और दुकानों में काम करने वालों के सामने रोजी-रोटी का संकट पैदा हो गया है. ईटीवी भारत ने छोटी सी किराना की दुकान चलाने वाले दुकानदार से बातचीत की और जाना कि कैसे वो इस लॉकडाउन की स्थिति में अपना काम कर रहे हैं.

मंदा हुआ धंधा

दुकानदार ने बताया कि लॉकडाउन में पहले से आधे लोग भी सामान खरीदने नहीं आ रहे हैं. जिसके चलते उन्हें भारी नुकसान उठाना पड़ रहा है. क्योंकि उनका काम साथ लगती दुकानों में काम करने वाले लोगों और दिहाड़ी मजदूर से चलता था. लॉकडाउन में बड़ी दुकानों का काम बंद कर दिया गया है या 50 प्रतिशत काम करने वाले को ही बुलाया जा रहा है. जिसके चलते राशन आदि की बिक्री आधी से भी कम रह गई है.

लॉकडाउन ने तोड़ी छोटे दुकानदारों की कमर, क्लिक कर देखें वीडियो

त्यौहारों में नहीं हुई बिक्री

दुकानदार ने ये भी बताया कि राशन आदि सामान ज्यादातर लोग उधारी में लेकर जाते थे. लॉकडाउन होने के कारण लोग अपने गृह जिले वापस चले गए हैं. अब उनमें से अधिकतर के वापस आने की कोई गारंटी नहीं है. जिससे आधी से ज्यादा रकम डूबने का डर सताने लगा है.

दुकानदार ने बताया कि लॉकडाउन के दौरान कई त्यौहार आदि भी फीके ही निकल गए हैं. जैसे नवरात्रों में हर साल काफी सामान की बिक्री होती थी. लेकिन इस बार लोग घरों से ही नहीं निकले तो सामान कैसे बिकता.

दुकानों में रखा सामान हुआ खराब

दुकानदारों ने बताया कि उनका काफी सामान तो रखे का रखा ही खराब हो गया. क्योंकि नवरात्रों के दौरान खास प्रकार का भोजन तैयार करने के लिए अलग-अलग तरह के राशन की मांग ज्यादा बढ़ जाती है. जो कि आम दिनों में कम ही लिया जाता है तो इस नुकसान को भी इस महामारी के दौर में हमें ही झेलना पड़ेगा.

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