चंडीगढ़: हरियाणा कांग्रेस की अध्यक्ष कुमारी सैलजा ने रविवार को चंडीगढ़ में पत्रकारों के साथ प्रेस वार्ता (kumari selja on Farmers) की. प्रेस वार्ता के दौरान कुमारी शैलजा ने मनोहर सरकार पर जमकर हमला साधा. कुमारी शैलजा ने कहा कि प्रदेश में एक अप्रैल से गेहूं की सरकारी खरीद शुरू होने वाली है. मगर राज्य की सरकार की तरफ से मंड़ियों में फसल बिक्री के लिए अभी तक भी प्रयाप्त इंतजाम नहीं किए गए हैं. अनाज मंडियों में हर वर्ष की तरह रहने वाली अव्यवस्थाओं को देखते हुए सरकार सभी तैयारियां तुरंत पूरी करें, जिससे किसानों को अपने माल को बेचने और खरीदने में किसी तरह की परेशानियां ना हो.
हरियाणा कांग्रेस अध्यक्ष कुमारी शैलजा ने रविवार को चंडीगढ़ में स्थित कांग्रेस मुख्यालय में पत्रकारों से प्रेस वार्ता की. इस दौरान कुमारी शैलजा ने कहा मंडियो में हर साल की तरह इस बार भी अव्यवस्थाओं का माहौल देखने को मिल सकता है. मंडी में अव्यवस्थाओं देखते हुए सरकार सरकार सभी तैयारियां तुरंत पूरी करें, जिससे किसानों को माल बिक्री और खरीदी में परेशानियों का सामना ना करना पड़े.
वहीं फसल का मंडियों से उठान बिक्री के 24 घंटे के अंदर सुनिश्चित किया जाए और किसानों को 48 घंटे के अंदर फसल का भुगतान हो. कुमारी सैलजा ने कहा कि फसल की खरीद प्रदेश सरकार के लिए हर साल का रूटीन प्रोसेस है. इसके बावजूद राज्य सरकार किसानों को परेशान करने का मौके नहीं छोड़ती है, जब पहले से सरकार को पता है कि कितने रकबे पर फसल की बिजाई हुई है. तो फिर उसे खरीदने के दौरान किसी तरह की परेशानी खड़ी नहीं होना चाहिए.
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कुमारी सैलजा ने कहा कि फसल की खरीद प्रदेश सरकार के लिए हर साल का रूटीन प्रोसेस है. इसके बावजूद राज्य सरकार किसानों को परेशान करने का मौके नहीं छोड़ती है, जब पहले से सरकार को पता है कि कितने रकबे पर फसल की बिजाई हुई है. तो फिर उसे खरीदने के दौरान किसी तरह की परेशानी खड़ी नहीं होना चाहिए. उन्होंने सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि फसल खरीद के दौरान किसानों को परेशान करने के लिए सरकार और अधिकारी गलत तौर-तरीकों पर उतारू हो जाते हैं.
इन सब कारणों से किसान सरकार के खिलाफ होकर सफल किसान आंदोलन किया है. इस वजह से केंद्र की सरकार और राज्य की मनोहर सर्कार किसानों से बदला लेने का मौका नहीं छोड़ रही है. कुमारी सैलजा ने कहा कि सरकार का 48 घंटे में उठान और 72 घंटे में फसल के भुगतान का दावा हर वर्ष खोखला साबित होता है. सरकार साजिशन किसानों को फसल का भुगतान लंबे समय तक नहीं करती है.
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जिसकी वजह से ऋण लेकर बुवाई करने वाले किसानों के सामने घोर संकट खड़ा हो जाता है, साथ ही किसानों की अगली फसल की बुवाई भी इससे प्रभावित होती है. वह सरकार से मांग करती हैं कि सरकार फसल का भुगतान 48 घंटे के अंदर करना सुनिश्चित करें. कुमारी सैलजा ने कहा कि सरकार किसानों के लिए मंडियों में पीने की पानी की व्यवस्था, सफाई व्यवस्था, चौकीदार, लकड़ी के क्रेट का इंतजाम भी करें. साथ ही बारिश से गेहूं की फसल को बचाने के लिए पर्याप्त मात्रा में तिरपाल भी मंडियों में उपलब्ध कराए जाएं.
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