चंडीगढ़: राज्य सरकार ने फैसला लिया है कि जो धान न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) पर नहीं खरीदा जाता (बासमती व डुप्लीकेट बासमती) उस पर 4 प्रतिशत मार्केट फीस की जगह अब सीधा 100 रुपये प्रति क्विंटल फीस लगेगी. जिसमें से 50 रुपये मंडी बोर्ड को जाएंगे और 50 रुपये हरियाणा ग्रामीण विकास फंड में उपकर के रूप में जमा होंगे. इसके अलावा, सरकार ने यह भी निर्णय लिया है कि एमएसपी पर खरीद हेतु जिन क्षेत्रों में धान की अच्छी पैदावार होती है, उन क्षेत्रों में औसत पैदावार 30 क्विंटल प्रति एकड़ व अन्य क्षेत्रों में 28 क्विंटल प्रति एकड़ मानी जाएगी.
ये एजेंसिंयां खरीदेंगी फसल- राज्य सरकार की घोषणा के अनुसार अन्य खरीफ फसलों की खरीद भी एक अक्टूबर से प्रारंभ होगी. फसलों की सुगम खरीद के लिए समुचित व्यवस्था की गई है. किसानों को अपनी फसल बेचने में किसी प्रकार की परेशानी का सामना नहीं करना पड़ेगा. विपणन सत्र 2022-23 के दौरान धान, बाजरा, मक्का, मूंग, सूरजमुखी, मूंगफली, तिल, अरहर और उड़द आदि फसलों की खरीद की जाएगी. खाद्य, नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्ता मामले विभाग द्वारा धान की 50 प्रतिशत खरीद की जाएगी. इसके अलावा, हैफेड द्वारा 30 प्रतिशत, हरियाणा राज्य भंडारण निगम द्वारा 15 प्रतिशत तथा भारतीय खाद्य निगम द्वारा 5 प्रतिशत धान की खरीद की जाएगी.
खरीफ फसलों की एमएसपी- खरीफ फसलों की खरीद भारत सरकार द्वारा घोषित न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) पर की जाएगी. धान (कॉमन) के लिए 2040 रुपये प्रति क्विंटल, धान (ग्रेड-ए) के लिए 2060 रुपये प्रति क्विंटल, बाजरा के लिए 2350 रुपये प्रति क्विंटल, मक्का के लिए 1962 रुपये प्रति क्विंटल, मूंग के लिए 7755 रुपये प्रति क्विंटल, सूरजमुखी के लिए 6400 रुपये प्रति क्विंटल, मूंगफली के लिए 5850 रुपये प्रति क्विंटल, तिल के लिए 7830 रुपये प्रति क्विंटल, अरहर व उड़द के लिए 6600 रुपये प्रति क्विंटल एमएसपी निर्धारित किया गया है.
400 से अधिक मण्डियों की व्यवस्था- राज्य सरकार द्वारा खरीफ फसलों की निर्बाध खरीद सुनिश्चित करने के लिए पर्याप्त संख्या में मण्डियों की व्यवस्था की गई है. धान की खरीद के लिए 201 मंडिंया, बाजरा की खरीद के लिए 86, मक्का की खरीद के लिए 19, मूंग की खरीद के लिए 38 मंडियां, सूरजमूखी की खरीद के लिए 9 मंडियां, मूंगफली की खरीद के लिए 7 मंडियां, तिल की खरीद के लिए 27 मंडियां, अरहर की खरीद के लिए 22 मंडियां तथा उड़द की खरीद के लिए 10 मंडियां निर्धारित की गई हैं.
मंडियों में होगी हेल्प डेस्क- मंडियों में अनाज की साफ-सफाई के लिए पर्याप्त संख्या में उपकरण उपलब्धह करवाए गए हैं. इसके अलावा, सभी मंडियों में बारदाने की उपलब्धाता भी सुसनिश्चित की गई है, ताकि फसल की बोली के उपरांत बोरियों में भरकर उसका उठान भी सुनिश्चित हो सके. मंडियों में किसानों की मदद के लिए हेल्प डेस्क की सुविधा स्थापित की गई है. इस हेल्प डेस्क पर मार्केटिंग बोर्ड, कृषि व संबंधित विभाग के अधिकारी तैनात होंगे. हेल्प डेस्क पर किसानों की शिकायतों का भी निवारण किया जाएगा.