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किसानों का सिर फोड़ने वाले एसडीएम पर सीएम की मेहरबानी? अपने करीब दी ये बड़ी जिम्मेदारी

किसानों का सिर फोड़ने के आदेश देने वाले करनाल के एसडीएम आयुष सिन्हा का तबादला हो गया है. उनके खिलाफ कार्रवाई की मांग हो रही थी, जिसके बाद सीएम मनोहर लाल ने ये फैसला लिया. लेकिन अब उनके तबादले पर भी सवाल उठ रहे हैं.

karnal sdm
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Published : Sep 1, 2021, 8:49 PM IST

चंडीगढ़ः आयुष सिन्हा का तबादला तो कर दिया गया है, लेकिन अब लोग कह रहे हैं कि ये कार्रवाई है या मेहरहबानी. क्योंकि मुख्यमंत्री ने उन्हें अपने गृह जिले के एसडीएम पद से हटाकर सीधे अपने डिपार्टमेंट सिटीजन रिसोर्सेज इनफॉरमेशन डिपार्टमेंट (CRID) में एडिशनल सेक्रेटरी बना दिया है. इस विभाग को सीएम मनोहर लाल काफी गंभीरता से लेते हैं. उनकी इसी नियुक्ति पर सवालिया निशान लग रहे हैं कि ये तो पहले से भी बड़ा पद और अपने करीब सीएम ने उन्हें बुला लिया.

आपको बता दें कि आयुष सिन्हा वो आईएएस अधिकारी हैं जो करनाल में हुए लाठीचार्ज के मामले में सुर्खियों में है, इनका ही वीडियो वायरल हुआ था. जिसको लेकर प्रदेश की राजनीति में काफी घमासान मचा था. इसमें वे किसानों को अपशब्द बोलते हुए सुनाई दे रहे थे. जिसके बाद उन पर कार्रवाई करने की मांग लगातार राजनीतिक गलियारों में होती रही.

अब बात ये हो रही है कि सीएम मनोहर लाल को आयुष सिन्हा पर काफी भरोसा है इसलिए उन्होंने किसानों के बढ़ते दबाव को कम करने के लिए ये तोड़ निकाला है. जिससे सापं भी मर जाये और लाठी भी ना टूटे.

ये भी पढ़ेंः किसानों के सिर फोड़ने का आदेश देने वाले SDM का तबादला, जानिए कहां भेजे गए

लेकिन अब इस पर किसान नेताओं की प्रतिक्रिया अहम होगी, क्योंकि किसान नेता लगातार प्रदर्शन कर रहे थे और आयुष सिन्हा पर कार्रवाई की मांग कर रहे थे. गुरनाम चढ़ूनी ने तो सरकार को अल्टीमेटम भी दिया था कि अगर एसडीएम पर कार्रवाई नहीं हुई तो वो बड़ा आंदोलन करेंगे. उनके अलावा राकेश टिकैत ने भी किसानों पर हुए लाठीचार्ज और एसडीएम की भाषा पर सवाल उठाते हुए सरकार को घेरा था.

चंडीगढ़ः आयुष सिन्हा का तबादला तो कर दिया गया है, लेकिन अब लोग कह रहे हैं कि ये कार्रवाई है या मेहरहबानी. क्योंकि मुख्यमंत्री ने उन्हें अपने गृह जिले के एसडीएम पद से हटाकर सीधे अपने डिपार्टमेंट सिटीजन रिसोर्सेज इनफॉरमेशन डिपार्टमेंट (CRID) में एडिशनल सेक्रेटरी बना दिया है. इस विभाग को सीएम मनोहर लाल काफी गंभीरता से लेते हैं. उनकी इसी नियुक्ति पर सवालिया निशान लग रहे हैं कि ये तो पहले से भी बड़ा पद और अपने करीब सीएम ने उन्हें बुला लिया.

आपको बता दें कि आयुष सिन्हा वो आईएएस अधिकारी हैं जो करनाल में हुए लाठीचार्ज के मामले में सुर्खियों में है, इनका ही वीडियो वायरल हुआ था. जिसको लेकर प्रदेश की राजनीति में काफी घमासान मचा था. इसमें वे किसानों को अपशब्द बोलते हुए सुनाई दे रहे थे. जिसके बाद उन पर कार्रवाई करने की मांग लगातार राजनीतिक गलियारों में होती रही.

अब बात ये हो रही है कि सीएम मनोहर लाल को आयुष सिन्हा पर काफी भरोसा है इसलिए उन्होंने किसानों के बढ़ते दबाव को कम करने के लिए ये तोड़ निकाला है. जिससे सापं भी मर जाये और लाठी भी ना टूटे.

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लेकिन अब इस पर किसान नेताओं की प्रतिक्रिया अहम होगी, क्योंकि किसान नेता लगातार प्रदर्शन कर रहे थे और आयुष सिन्हा पर कार्रवाई की मांग कर रहे थे. गुरनाम चढ़ूनी ने तो सरकार को अल्टीमेटम भी दिया था कि अगर एसडीएम पर कार्रवाई नहीं हुई तो वो बड़ा आंदोलन करेंगे. उनके अलावा राकेश टिकैत ने भी किसानों पर हुए लाठीचार्ज और एसडीएम की भाषा पर सवाल उठाते हुए सरकार को घेरा था.

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