चंडीगढ़: डेरा सच्चा सौदा के प्रमुख गुरमीत राम रहीम को जेल में जान का खतरा होने के दावे के साथ दायर की गई याचिका पर पंजाब हरियाणा हाई कोर्ट में सुनवाई हुई. डेरा सच्चा सौदा के अस्पताल के डॉक्टर मोहित गुप्ता ने याचिका दायर कर आरोप लगाया था कि सुनारिया जेल में राम रहीम की जान को खतरा है.
एक हफ्ते में जवाब दाखिल करने के निर्देश
जस्टिस अमोल रतन सिंह की कोर्ट ने मामले पर सुनवाई करते हुए सुनारिया जेल के सुपरिटेंडेंट को एक हफ्ते में जवाब दाखिल करने के निर्देश दिए हैं. कोर्ट ने पूछा है कि सुनारिया जेल में पिछले 1 साल में कितनी बार गैंग वार हुई, 1 साल में कितने मोबाइल और हथियार मिले हैं. क्या किसी हमले में किसी की मौत भी हुई है? इसकी सारी जानकारी सुपरिटेंडेंट को एफीडेविट दाखिल करके बतानी होगी. मामले की अगली सुनवाई 6 नवंबर को होगी.
राम रहीम को दाखिल करना होगा एफिडेविट
राम रहीम के वकील डॉक्टर एपी सिंह ने बताया कि हाई कोर्ट ने राम रहीम की मेडिकल रिपोर्ट भी कोर्ट में दाखिल करने के निर्देश दिए हैं साथ ही राम रहीम से भी इस मामले में एफिडेविट दाखिल करने के लिए कहा है. एपी सिंह ने बताया कि जिस तरह राम रहीम के करीबी महिंदर पाल बिट्टू को नाभा की हाई सिक्योरिटी जेल में मरवा दिया गया था.
उसी तरह जेल में राम रहीम की भी जान को खतरा है. उन्हें मरवाने के लिए साजिशें रची जा रही है. याचिकाकर्ता के मुताबिक राम रहीम पर जेल में तीन बार हो चुका है हमला. गौरतलब है महिंदर पाल बिट्टू पंजाब में श्री गुरू ग्रंथ साहिब की बेअदबी मामले में मुख्य आरोपियों में से एक थे जिनकी जून 2019 में जेल के अंदर हत्या कर दी गई थी.
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