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प्राइवेट अस्पतालों की मनमानी पर लगेगी लगाम! तय होने जा रहा है कोरोना इलाज का खर्चा

प्रदेश सरकार ने कोविड-19 के इलाज के दौरान मरीजों से मनमानी करने वाले प्राइवेट अस्पतालों पर नकेल कसने की तैयारी कर ली है. सरकार इन अस्पतालों में कोरोना के इलाज के लिए रुपये निर्धारित करने पर विचार कर रही है.

स्वास्थ्य विभाग ने निजी अस्पतालों में इलाज के लिए राशि निर्धारित कर CM को भेजा प्रस्ताव
स्वास्थ्य विभाग ने निजी अस्पतालों में इलाज के लिए राशि निर्धारित कर CM को भेजा प्रस्ताव
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Published : Jun 25, 2020, 10:05 AM IST

Updated : Jun 25, 2020, 10:16 AM IST

चंडीगढ़: हरियाणा सरकार ने निजी अस्पतालों की मनमानी पर नकेल कसने का प्रस्ताव तैयार कर लिया है. इस प्रस्ताव के पास होने के बाद कोविड-19 के इलाज के लिए मरीजों से मनमानी फीस वसूली नहीं जा सकेगी. स्वास्थ्य विभाग की ओर से प्रस्ताव बनाकर मुख्यमंत्री कार्यालय को भेज दिया गया है. जिस पर अंतिम मुहर मुख्यमंत्री द्वारा लगाई जाएगी. इसके बाद निजी अस्पतालों को सरकार द्वारा निर्धारित मापदंडों को मानना अनिवार्य हो जाएगा.

विभाग की ओर से निजी अस्पतालों में कोविड-19 के इलाज के लिए तीन श्रेणियां बनाई गई हैं. जिसमें अधिकतम श्रेणी 15 हजार और उसके बाद 10,000 और उससे कम का प्रस्ताव रखा गया है. वर्तमान में प्रतिदिन बड़े निजी अस्पताल 30 से 40,000 प्रतिदिन के हिसाब से मरीजों से वसूल रहे हैं.

इसके अलावा दूसरी श्रेणी में छोटे अस्पताल आएंगे. जिनके लिए 10,000 रुपये तक का प्रावधान है. सबसे छोटे अस्पतालों के लिए इस राशि का 5 से 10,000 तक का प्रस्ताव बनाया गया है. इसके अलावा दो अस्पताल आयुष्मान योजना के तहत सूचीबद्ध हैं. वहां कोविड-19 जैसे आयुष्मान योजना के अलावा 20% का प्रीमियम का प्रस्ताव रखा गया है.

फरीदाबाद-गुरुग्राम में मनमानी
जानकारी मिल रही थी कि कोविड-19 के मरीजों से भारी संख्या में वसूली की शिकायत फरीदाबाद और गुरुग्राम के निजी अस्पतालों द्वारा की जा रही थी. अस्पताल पैकेज के तौर पर इलाज कर रहे हैं. प्रदेश में ज्यादा मरीज भी फरीदाबाद और गुरुग्राम जिले में ही हैं.

स्वास्थ्य विभाग ने कोविड-19 से ग्रस्त मरीजों के प्राइवेट अस्पतालों में इलाज के लिए राशि निर्धारित कर प्रस्ताव मुख्यमंत्री को प्रस्ताव भेज दिया है. प्रस्ताव के पास होने के बाद कोई भी निजी अस्पताल इस महामारी के दौर में मरीजों से मनमाने ढंग से राशि वसूल नहीं सकेगा.

ये भी पढ़ें- बुधवार तक 12 हजार के पार पहुंची कोरोना संक्रमितों की संख्या, अब तक 188 की मौत

चंडीगढ़: हरियाणा सरकार ने निजी अस्पतालों की मनमानी पर नकेल कसने का प्रस्ताव तैयार कर लिया है. इस प्रस्ताव के पास होने के बाद कोविड-19 के इलाज के लिए मरीजों से मनमानी फीस वसूली नहीं जा सकेगी. स्वास्थ्य विभाग की ओर से प्रस्ताव बनाकर मुख्यमंत्री कार्यालय को भेज दिया गया है. जिस पर अंतिम मुहर मुख्यमंत्री द्वारा लगाई जाएगी. इसके बाद निजी अस्पतालों को सरकार द्वारा निर्धारित मापदंडों को मानना अनिवार्य हो जाएगा.

विभाग की ओर से निजी अस्पतालों में कोविड-19 के इलाज के लिए तीन श्रेणियां बनाई गई हैं. जिसमें अधिकतम श्रेणी 15 हजार और उसके बाद 10,000 और उससे कम का प्रस्ताव रखा गया है. वर्तमान में प्रतिदिन बड़े निजी अस्पताल 30 से 40,000 प्रतिदिन के हिसाब से मरीजों से वसूल रहे हैं.

इसके अलावा दूसरी श्रेणी में छोटे अस्पताल आएंगे. जिनके लिए 10,000 रुपये तक का प्रावधान है. सबसे छोटे अस्पतालों के लिए इस राशि का 5 से 10,000 तक का प्रस्ताव बनाया गया है. इसके अलावा दो अस्पताल आयुष्मान योजना के तहत सूचीबद्ध हैं. वहां कोविड-19 जैसे आयुष्मान योजना के अलावा 20% का प्रीमियम का प्रस्ताव रखा गया है.

फरीदाबाद-गुरुग्राम में मनमानी
जानकारी मिल रही थी कि कोविड-19 के मरीजों से भारी संख्या में वसूली की शिकायत फरीदाबाद और गुरुग्राम के निजी अस्पतालों द्वारा की जा रही थी. अस्पताल पैकेज के तौर पर इलाज कर रहे हैं. प्रदेश में ज्यादा मरीज भी फरीदाबाद और गुरुग्राम जिले में ही हैं.

स्वास्थ्य विभाग ने कोविड-19 से ग्रस्त मरीजों के प्राइवेट अस्पतालों में इलाज के लिए राशि निर्धारित कर प्रस्ताव मुख्यमंत्री को प्रस्ताव भेज दिया है. प्रस्ताव के पास होने के बाद कोई भी निजी अस्पताल इस महामारी के दौर में मरीजों से मनमाने ढंग से राशि वसूल नहीं सकेगा.

ये भी पढ़ें- बुधवार तक 12 हजार के पार पहुंची कोरोना संक्रमितों की संख्या, अब तक 188 की मौत

Last Updated : Jun 25, 2020, 10:16 AM IST
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