चंडीगढ़: अगले कुछ दिनों तक हरियाणा में सियासी हलचलों की वजह से राजनीतिक जमीन का तपना तय है. जून महीने में निकाय चुनाव (Haryana Local Body Election) होने हैं तो उससे पहले सभी राजनीतिक दल सियासी दांव पेच के लिए मंथन करने में जुट गए हैं. एक तरफ बीजेपी की प्रदेश कार्यकारिणी की बैठक होनी है तो वहीं आम आदमी पार्टी के राष्ट्रीय संयोजक और दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल कुरुक्षेत्र में अपना दम दिखाने जा रहे हैं. इसके साथ ही कांग्रेस पार्टी भी चिंतन शिविर का आयोजन कर अपनी आगामी रणनीति पर काम कर रही है. हरियाणा सरकार में सहयोगी पार्टी जजेपी भी किसी से पीछे नहीं रहना चाहती. यानि सत्ता पक्ष हो या विपक्ष सभी ने सियासी अखाड़े में अपना दम लगाने की तैयारी पूरी कर ली है.
हरियाणा नगर निकाय चुनाव कार्यक्रम- हरियाणा में 18 नगर परिषद और 31 नगर पालिका के लिए चुनाव होने जा रहे हैं. जिसके लिए वोटिंग 19 जून को होगी और मतगणना 22 जून को. उससे पहले सभी सियासी दल अपना दमखम दिखाने में जुट गई हैं. एक तरफ हरियाणा बीजेपी की प्रदेश कार्यकारिणी की बैठक 22 और 28 मई को हिसार में होने जा रही है. तो वहीं आम आदमी पार्टी कुरुक्षेत्र में 29 मई को दिल्ली के मुख्यमंत्री केजरीवाल के नेतृत्व में रैली का आयोजन कर रही है. इसके साथ ही कांग्रेस पार्टी ने भी हरियाणा में अब अपनी कमर कसते हुए 30 मई से 1 जून को चंडीगढ़ में चिंतन शिविर का आयोजन किया है.
हिसार में जुटेंगे बीजेपी के दिग्गज- 27-28 मई को हिसार में हरियाणा बीजेपी कार्यकारिणी की बैठक (Haryana BJP executive meeting) हो रही है. इस बैठक में मुख्यमंत्री मनोहर लाल भी मौजूद रहेंगे. 27 मई को प्रदेश पदाधिकारियों की बैठक होगी. इस बैठक में हरियाणा बीजेपी प्रभारी विनोद तावड़े, संगठन मंत्री समेत सभी पदाधिकारी मौजूद रहेंगे. बैठक में बीजेपी के सभी मंत्री, विधायक, वरिष्ठ नेता, कार्यकारिणी सदस्य मौजूद रहेंगे. इतना ही नहीं हरियाणा बीजेपी के सभी सांसद, केंद्रीय मंत्री भी बैठकों में शामिल होंगे. जानकारी के मुताबिक कार्यकारिणी की बैठक में मौजूदा स्थिति, राजनीतिक हालात समेत कई मुद्दों पर होगी चर्चा. साथ ही बैठक में राज्यसभा चुनावों, नगर निकाय चुनाव समेत पंचायत चुनाव की रणनीति पर चर्चा होगी. यानी बीजेपी पूरी तैयारी के साथ निकाय चुनावों में उतरने जा रही है.
बीजेपी ने तो 8 महीने से निकाय चुनाव की तैयारी शुरू कर दी थी. बीजेपी का कार्यकर्ता सरकार की नीतियों को लेकर लोगों के बीच लगातार काम कर रहा है. उनका कहना है कि बीजेपी दुनिया का सबसे बड़ा संगठन है और संगठन के दम पर ही बीजेपी अपनी नीतियों को जनता तक पहुंचाती है. जहां तक बात विपक्षी पार्टी की है तो कांग्रेस के पास संगठन ही नहीं है, ऐसे में उसकी चुनौती की बात करना बेमानी होगी. आम आदमी पार्टी का तो हरियाणा में आधार ही नहीं है. बीजेपी को पूरी उम्मीद है कि निकाय चुनाव में उसकी जीत होगी. जहां तक जेजेपी के साथ गठबंधन की बात है. तो उसको लेकर हिसार में होने वाली बैठक के बाद पार्टी के वरिष्ठ नेता अंतिम रूप देंगे. प्रवीण अत्रे, प्रवक्ता, बीजेपी
हरियाणा कांग्रेस का चिंतन शिविर- हरियाणा कांग्रेस में हुए संगठनात्मक बदलाव के बाद पार्टी प्रदेश में अपनी स्थिति मजबूत करने की कवायद में जुटी है. नए प्रदेश अध्यक्ष उदय भान को मिली जिम्मेदारी के बाद एक तरफ जहां पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा ताकतवर बनकर उभरे हैं तो वही पार्टी चंडीगढ़ में 30 मई और 1 जून को हरियाणा कांग्रेस का चिंतन शिविर आयोजित कर रही है. 2 दिनों के इस चिंतन शिविर में हरियाणा कांग्रेस के तमाम दिग्गज जुटेंगे. जिस में सभी नेता भविष्य के रोड मैप को लेकर चर्चा करेंगे. हरियाणा कांग्रेस के इस चिंतन शिविर में पार्टी के निशाने पर खास तौर पर प्रदेश की बीजेपी-जेजेपी गठबंधन की सरकार रहेगी. वहीं महंगाई, बेरोजगारी और भ्रष्टाचार को लेकर भी इस चिंतन शिविर में चर्चा होगी. भविष्य में लोगों की समस्याओं को लेकर कांग्रेस पार्टी सड़कों पर उतरने की भी तैयारी कर रही है.
कांग्रेस पार्टी निकाय चुनाव में जनता के बीच राज्य सरकार की नाकामियों को लेकर जाएगी. जिसमें भ्रष्टाचार, बेरोजगारी, बिजली और महंगाई का मुद्दा प्रमुख रहेगा. वे कहते हैं कि कांग्रेस पार्टी लगातार मजबूत हो रही है. जिस तरीके से बीते दिनों कई पूर्व विधायकों ने कांग्रेस पार्टी का दामन थामा है उससे राज्य में कांग्रेस और मजबूत हुई है. जिसका फायदा उन्हें निकाय चुनाव में जरूर मिलेगा. आम आदमी पार्टी को लेकर वे कहते हैं कि पंजाब में जिस तरीके से उनके स्वास्थ्य मंत्री भ्रष्टाचार में पकड़े गए हैं, उससे साफ हो गया है कि आम आदमी पार्टी भ्रष्टाचार में लिप्त पार्टी है. ऐसे में जनता उन्हें हरियाणा में सिरे से नकार देगी. केवल ढींगरा, प्रवक्ता, कांग्रेस
कुरुक्षेत्र के रण में केजरीवाल- इधर पंजाब के बाद हरियाणा में अपने लिए सियासी जमीन तलाशने वाली आम आदमी पार्टी भी किसी से पीछे नहीं रहना चाह रही है. पार्टी 29 मई को धर्मनगरी कुरुक्षेत्र में 'अब बदलेगा' हरियाणा रैली का आयोजन करने जा रही है. पार्टी इस रैली में लाखों की भीड़ जुटने का दावा कर रही है. इस रैली में खासतौर पर दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल मौजूद रहेंगे. ऐसे में हो सकता है कि वे पंजाब की तर्ज पर हरियाणा में भी कुछ बड़ी घोषणाएं करें. आम आदमी पार्टी के नेता तो यह भी कह रहे हैं कि उनके कार्यक्रम को देखते हुए प्रदेश की सत्ताधारी पार्टी और कांग्रेस ने अपने कार्यक्रम तय किए हैं.
आम आदमी पार्टी हरियाणा में आम लोगों को साथ लेकर चल रही है. इसके साथ ही उनका कहना है कि बीजेपी और कांग्रेस ने उनके डर से केजरीवाल की रैली के दिन अपने कार्यक्रम रखें. इन दोनों पार्टियों में इतने कार्यकर्ता इकट्ठे नहीं होंगे उससे ज्यादा लोग केजरीवाल की रैली में होंगे. आम आदमी पार्टी सिंबल पर निकाय चुनाव लड़ेगी. इस चुनाव में आम आदमी पार्टी स्वच्छ और साफ छवि के लोगों को उम्मीदवार बनाएगी. लोगों को बिजली पानी मिले और भ्रष्टाचार खत्म हो इसको लेकर पार्टी आगे बढ़ेगी. सुशील गुप्ता, हरियाणा प्रभारी, आम आदमी पार्टी
इतना ही नहीं आम आदमी पार्टी के प्रदेश प्रभारी और राज्यसभा सांसद सुशील गुप्ता लगातार जमीनी स्तर पर इस रैली को सफल बनाने के लिए जुटे हैं. वे अभी तक पार्टी नेताओं और कार्यकर्ताओं की 200 से ज्यादा बैठकें कर चुके हैं. इसके साथ ही पार्टी कार्यकर्ता डोर टू डोर रैली को लेकर निमंत्रण देने जा रहे हैं.
जेजेपी की तैयारी- बुधवार को नगर निकाय चुनाव को लेकर जेजेपी ने भी मंथन किया. इस बैठक की अध्यक्षता पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अजय सिंह चौटाला ने की. बैठक में पार्टी प्रदेश अध्यक्ष सरदार निशान सिंह के साथ-साथ पार्टी के वरिष्ठ नेता और विधायक भी मौजूद रहे. इनके अलावा नगर निकाय चुनाव को लेकर सभी चुनावी क्षेत्रों में बनाए गए पार्टी के प्रभारी, सामान्य बॉडी के सभी जिला प्रधान व चुनावी क्षेत्र वाले हलका प्रधान, जेजेपी यूएलबी प्रकोष्ठ के सभी जिला अध्यक्ष एवं चुनावी क्षेत्र वाले हलका अध्यक्ष भी बैठक में शामिल हुए. बैठक में पार्टी ने चुनाव को लेकर विस्तारपूर्वक चर्चा की और रणनीति तैयार की.
अगले तीन दिनों में उम्मीदवारों का चयन कर लिया जायेगा. साथ ही बैठक में इस बात को लेकर भी चर्चा हुई चेयरमैन के अलावा सदस्यों का चुनाव पार्टी सिंबल पर लड़े या नहीं. इसके साथ ही सरकार की कामों को जनता के बीच किस तरीके से ले जाना है. कैसे जनता के बीच प्रचार प्रसार करना है. इस पर भी विस्तृत चर्चा की गई. जहां तक गठबंधन में किस तरीके से चुनाव लड़ना है इसको लेकर पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष बीजेपी के साथ बातचीत करेंगे. दिग्विजय चौटाला, महासचिव, जेजेपी
राजनीतिक मामलों के जानकार प्रोफेसर गुरमीत सिंह कहते हैं कि निकाय चुनाव तो एक बहाना है, इसके जरिए सभी राजनीतिक पार्टियां आगामी लोकसभा और विधानसभा चुनाव से पहले खुद को जमीनी स्तर पर सक्रिय करने के साथ-साथ खुद का आकलन भी करना चाह रही हैं. इसलिए कोई भी राजनीतिक दल निकाय चुनावों को हल्के में लेने की गलती नहीं कर रहा है. एक तरफ सत्ताधारी दल तो वहीं विपक्षी दल भी अपनी ताकत को आजमाने के लिए निकाय चुनावों को एक मौके के तौर पर देख रहा है.