चंडीगढ़ : सोमवार को हरियाणा सरकार और भारतीय किसान यूनियन उग्राहा ग्रुप के बीच बैठक की (Haryana CM hold meeting with farmers) गई. बैठक में किसानों की मांगों को लेकर चर्चा की गई. बैठक के दौरान किसानों ने देह श्यामलात जमीन के साथ ही कई मुद्दों पर बातचीत की. हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल की अध्यक्षता में मीटिंग का आयोजन किया गया. बैठक में किसान नेता सुरेश कोथ और दर्शन पाल सिंह भी शामिल रहे. बैठक के बाद हरियाणा सरकार के वित्त आयुक्त बीएस कुंडू ने बताया कि मुख्यमंत्री मनोहर लाल और किसान यूनियन के बीच एक सौहार्दपूर्ण माहौल में बातचीत हुई है. बैठक में किसानों की सभी मांगों पर गंभीरता से विचार करने का आश्वासन दिया गया है. बैठक के दौरान बकाया फसल मुआवजा, लम्पी बीमारी, नारायणगढ़ गन्ना मिल के बकाया, जलभराव और गिरदावरी, श्यामलात जमीन जैसे कई मुद्दों पर चर्चा की गई.
वित्त आयुक्त बीएस कुंडू ने कहा कि किसानों से देह देह शामलात जमीन विवाद (Deh Shamlat land dispute) और बाकी जमीन का एक जटिल मामला है. सुप्रीम कोर्ट ने देश में बने कई कानूनों के बाद यह फैसला लिया है. ऐसे में सरकार की कोशिश सुप्रीम कोर्ट के फैसले को देखते हुए बीच का रास्ता निकालकर राहत देने की कोशिश की है. उन्होंने कहा कि इसमें कुछ वक्त लगेगा. वहीं नारायणगढ़ गन्ना मील का बकाया 60 करोड़ के मसले पर उन्होंने कहा कि जब भी मिल चलेगी और उससे होने वाली कमाई में से सबसे पहले किसानों को भुगतान किया जाएगा.
वहीं बैठक के बाद भारतीय किसान यूनियन उग्रहा नेता सुरेश कोथ ने कहा कि की बैठक में देह शामलात जमीन विवाद, धौली धार, मुस्त खाते की जमीन को वापस लेने का एक बड़ा मसला था. इस पर मुख्यमंत्री ने उन्हें जल्द ही समाधान का आश्वासन दिया है. साथ ही जमीन को खाली कराने का सरकार की तरफ से जो आदेश जारी किया गया है. उसपर रोक लगा दी जाएगी. सुरेश कोथ ने कहा कि मुख्यमंत्री ने आश्वासन दिया है कि सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद देह देह शामलात जमीन विवाद के मुद्दे पर सरकार विधानसभा में कानून बनाने पर विचार करेगी.
वहीं किसान नेता दर्शन पाल सिंह ने कहा कि सरकार ने हरियाणा में लंपी बीमारी (Lumpy disease in Haryana) से मरने वाले पशुओं की संख्या पता लगाने के लिए सर्वे का फैसला किया है और इसके बाद ही मुआवजे पर विचार किया जाएगा. वहीं नारायणगढ़ शुगर मिल पर भी सकारात्मक बात हुई है.