चंडीगढ़: केशनी आनंद अरोड़ा बुधवार को चंडीगढ़ में हरियाणा की मुख्य सचिव के पद से सेवानिवृत हो गईं. सेवानिवृति समारोह के दौरान मुख्यमंत्री के प्रधान सचिव, राजेश खुल्लर ने कहा कि मुख्य सचिव केशनी आनंद अरोड़ा बहुत ही सरल व्यक्तित्व की धनी हैं. उनकी प्रशासनिक क्षमता बेजोड़ रही है.
उन्होंने इसी क्षमता के बलबूते पर राज्य सरकार के विकास में अहम भूमिका निभाई है. कोविड-19 के दौरान भी उन्होंने कड़ी मेहनत करके अधिकारियों में जोश एवं ऊर्जा का संचार किया.
हरियाणा के नवनियुक्त मुख्य सचिव विजयवर्धन ने केशनी आनंद अरोड़ा की कार्यशैली की प्रशंसा करते हुए कहा कि उन्होंने हमेशा टीम को साथ लेकर कार्य किया है. उन्होंने कहा कि मुख्य सचिव की सेवानिवृति से हरियाणा सरकार एक बेहतरीन अधिकारी की सेवाओं से वंचित हो जाएगी. इस अवसर पर कई वरिष्ठ अधिकारियों ने भी उनके सरल एवं सौम्य स्वभाव और प्रशासनिक कार्यशैली के बारे में अपने अनुभव साझा किए.
केशनी आनंद अरोड़ा के बारे में कुछ अहम जानकारी
बता दें कि केशनी आनंद अरोड़ा हरियाणा कैडर की 1983 बैच की टॉपर आईएएस अधिकारी रही हैं. वो एम.ए. (राजनीति विज्ञान) और एम. फील बैच की टॉपर भी टॉपर रहीं. उन्होंने ऑस्ट्रेलिया के पश्चिमी सिडनी विश्वविद्यालय से एमबीए की डिग्री हासिल की.
हरियाणा के गठन के बाद से उन्हें राज्य की पहली महिला उपायुक्त नियुक्त होने का गौरव प्राप्त है. वे यमुनानगर की उपायुक्त के पद पर 16 अप्रैल, 1990 से लेकर 1 जुलाई,1991 तक रहीं. उन्होंने जिले में स्वैच्छिक संगठनों द्वारा वयस्क साक्षरता के कार्यान्वयन और मंडल आयोग के दौरान कानून व्यवस्था की स्थिति को संभालने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई.
हरियाणा की पूर्व मुख्य सचिव ने कहां-कहां दी थी सेवाएं?
केशनी आनंद अरोड़ा ने हरियाणा सरकार के इलेक्ट्रॉनिक्स और आई.टी. विभाग में अतिरिक्त मुख्य सचिव के रूप में भी काम किया. उन्होंने ई-जिला परियोजना हरियाणा के कार्यान्वयन को सुव्यवस्थित किया. जिसे इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय, भारत सरकार द्वारा भारत के साथ कुछ अन्य राज्यों के साथ नंबर वन के रूप में स्थान दिया गया था.
हरियाणा सरकार के राजस्व और आपदा प्रबंधन विभाग में अतिरिक्त मुख्य सचिव एवं वित्तायुक्त के रूप में उन्होंने कई नवीनतम ई-गवर्नेंस परियोजनाओं का क्रियान्वयन किया.जिनमें ई-पंजीकरण में फर्स्ट-इन-फर्स्ट आउट, अनिवार्य ई-स्टैपिंग, ऑनलाइन पैन सत्यापन,राज्य में क्लाउड आधारित वेब-हैलरिस और डीड रजिस्ट्रेशन के लिए हरियाणा विकास एवं शहरी क्षेत्र विनियमन अधिनियम, 1975 के धारा-7 ए के तहत एनओसी जारी करना शामिल है. इन ई-गवर्नेंस पहलों के कार्यान्वयन और निगरानी से राज्य को वर्ष 2018-19 में पंजीकरण शुल्क और स्टांप शुल्क के रूप में 5679.45 करोड़ रुपये प्राप्त हुए.
केशनी आनंद अरोड़ा को कब और कहां किया गया सम्मानित
जो कि वर्ष 2017-18 से 1414.27 करोड़ रुपये से 33 प्रतिशत अधिक रहे और हरियाणा के इतिहास में यह राशि रुपये के संग्रह में उच्चतम थी. घटक आधारित वेब-हैलरिस को 28 जून, 2019 को नई दिल्ली में बीडल्ब्यू बिजनेसवल्र्ड डिजिटल इंडिया अवार्ड -2019 से सम्मानित किया गया. उन्हें अन्य महत्वपूर्ण परियोजनाओं के लिए भी श्रेय दिया गया है. जिसमें राज्य मुख्यालय पर और सभी जिलों में आधुनिक राजस्व रिकॉर्ड रूम (एमआरआरआर), ड्रोन इमेजिंग का उपयोग करते हुए सभी क्षेत्रों (ग्रामीण, शहरी, नियंत्रित क्षेत्रों और अबादी-देह) को कवर करने वाले पूरे हरियाणा में बढ़े स्तर पर मैपिंग, रोवर्स और कॉर्स नेटवर्क का उपयोग और राज्य मुख्यालय पर सरकारी भूमि पोर्टल और संपत्ति प्रबंधन प्रकोष्ठ के साथ-साथ सरकारी भूमि और संपत्तियों की कम्प्यूटरीकृत सूची के लिए जिले स्थापित किए गए थे.