चंडीगढ़: हरियाणा के कृषि एवं किसान कल्याण मंत्री जय प्रकाश दलाल ने कहा है कि मुख्यमंत्री मनोहर लाल की सोच के अनुरूप प्रदेश की शत-प्रतिशत 1354 टेलों पर पानी पहुंचाने की योजनाएं तैयार की गई है.
दक्षिण हरियाणा के महेंद्रगढ़, रेवाड़ी, चरखी दादरी, भिवानी और झज्जर जिलों की उठान सिंचाई परियोजनाओं के लिए मोटर और पम्प सेट की मरम्मत का कार्य प्राथमिकता आधार पर पूरा किया जाए. साथ ही 30 सितंबर 2020 तक इस क्षेत्र की हर टेल तक पानी पहुंचाना सुनिश्चित किया जाए.
कृषि मंत्री जेपी दलाल ने नहरी प्रणाली की समीक्षा के लिए भिवानी, हिसार, हांसी और सिवानी मंडलों के अधीक्षक अभियंताओं के साथ बैठक की. बैठक में सिंचाई एवं जल संसाधन विभाग के अभियंता प्रमुख सतबीर सिंह कादियान ने मंत्री को प्रदेश के नहर प्रणाली तंत्र को मानचित्र के माध्यम से अवगत कराया.
3251 करोड़ रुपये की सिंचाई परियोजनाएं तैयार
बैठक में इस बात की भी जानकारी दी गई कि विभाग ने पश्चिमी जमुना नहर (डब्ल्यूजेसी) कैरियर सिस्टम अर्थात सिरसा शाखा, हांसी शाखा, जेएलएन फीडर, भालौट शाखा, दिल्ली शाखा और गुरुग्राम जल आपूर्ति चैनल के मेन ऑफ-टेक्स का पुनरोद्धार करने के लिए 3251 करोड़ रुपये की परियोजनाएं तैयार की गई है.
इसके अलावा 210 करोड़ रुपये की लागत से पश्चिमी जमुना नहर कैरियर सिस्टम के पुनरोद्धार के बाद मानसून अवधि के दौरान उपलब्ध पानी का अधिकतम उपयोग करने के लिए हमीदा हेड से मुनक हेड तक 3700 क्यूसेक की अतिरिक्त क्षमता बढ़ाई गई है.
बैठक में बताया कि राज्य सूखा राहत और बाढ़ नियंत्रण बोर्ड द्वारा वर्ष 2020-21 के दौरान बाढ़ नियंत्रण और जल निकासी कार्यों के लिए 195.51 करोड़ रुपये की 212 नई योजनाओं को मंजूरी दी है. सभी 1354 टेलों में से 41 दूर-दराज की विकट टेलों पर पानी पहुंचाने के लिए विशेष अभियान भी शुरू किया गया है.इसके साथ-साथ वर्ष 2020-21 के दौरान 215 रैन वाटर हारवेस्टिंग स्ट्रक्चर लगाने का भी लक्ष्य निर्धारित किया गया है.
सूक्ष्म सिंचाई परियोजनाओं पर जोर
जेपी दलाल ने अधिकारियों को निर्देश दिए कि सूक्ष्म सिंचाई परियोजनाओं को अधिक से अधिक बढ़ावा देने के लिए नियमित रूप से विशेष कार्यक्रम चलाए जाने चाहिए. ताकि अधिक से अधिक किसान सूक्ष्म सिंचाई परियोजनाओं को अपनाएं. मंत्री को इस बात से अवगत कराया कि सूक्ष्म सिंचाई परियोजनाओं का 1219.65 करोड़ रुपये की लागत की योजनाओं के प्रस्ताव कृषि सहकारिता एवं किसान कल्याण मंत्रालय, भारत सरकार को भेजे गए हैं. जिनके पूरे होने उपरांत पानी की क्षमता बढ़ेगी और 72327 हैक्टेयर भूमि कमान क्षेत्र सूक्ष्म सिंचाई के अधीन आएगी.
इस दौरान बैठक में अभियंता प्रमुख राकेश चौहान, भिवानी-हिसार सिंचाई मंडल के अधीक्षक अभियंता जसमेर सिंह, हांसी मंडल के एक्सईएन संदीप कुमार माथुर, हिसार के एक्सईएन रमेश कुमार और सिवानी के एक्सईएन संजीव सहारण उपस्थित रहे.
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