चंडीगढ़: लॉकडाउन के चलते लोगों के जीवन पर काफी गहरा असर पड़ा है. खासकर गरीब लोग दो वक्त की रोटी के लिए मोहताज हो चुके हैं. ऐसे में कुछ लोग गरीबों की मदद के लिए आगे भी आए हैं. जो लगातार इन गरीबों तक खाना, मास्क, सैनिटाइजर और अन्य जरूरत का सामान पहुंचा रहे हैं.
लॉकडाउन में जानवरों की हालत भी खराब हो चुकी है. क्योंकि पहले आसपास घूमते हुए जानवरों को लोग खाना दे दिया करते थे. लेकिन अब लोग खुद घरों से बाहर नहीं निकल रहे हैं तो उन जानवरों को ना तो खाना के लिए कुछ मिल पा रहा है और ना ही पीने के लिए पानी. इसी बात को समझा चंडीगढ़ की समाजसेवी पूजा बख्शी ने. जिन्होंने लॉकडाउन के दौरान जानवरों की सेवा करने की पहल की है.
जानवरों को खाना मुहैया करवा रही संस्था
पूजा बख्शी और इनकी संस्था की ओर से गरीब लोगों को खाना, मास्क और सैनिटाइजर आदि चीजें मुहैया करवाई जा रही हैं. इन्होंने गरीब महिलाओं को रोजगार देने की पहल भी की है. ताकि लॉकडाउन के दौरान उनकी थोड़ी बहुत आमदनी होती रहे. इसके अलावा संस्था की ओर से जानवरों की सेवा भी की जा रही है. ताकि कहीं जानवर खाने की कमी की वजह से भूख से ना मर जाएं. इसलिए ये लोग चंडीगढ़ में जगह-जगह जाकर जानवरों को चारा मुहैया करवा रहे हैं.
ताकि कोई गरीब रात को भूखा न सोए...
शुक्रवार को संस्था के लोग सेक्टर-45 की गौशाला में पहुंचे और वहां जानवरों को चारा खिलाया. साथ ही जो मजदूर गौशाला में काम कर रहे थे, उन्हें मास्क और कुछ खाने का सामान वितरित किया. इस बारे में पूजा बख्शी ने कहा कि हजारों गरीब लोग बेहद मुश्किल वक्त से गुजर रहे हैं. क्योंकि उनके काम धंधे बंद होने की वजह से इनकी आमदनी बंद हो गई. जिससे इन्हें दो वक्त की रोटी भी नसीब नहीं हो रही.
जिसके बाद प्रशासन और संस्थाओं की ओर से गरीबों को खाना पहुंचाने की कोशिश की जा रही है लेकिन ऐसे में जानवरों के बारे में किसी ने नहीं सोचा क्योंकि खाने की कमी की वजह से वो भी मर रहे हैं. इसलिए हमारी संस्था गरीबों को खाना पहुंचाने के साथ-साथ जानवरों को चारा और पानी पहुंचाने का काम ही कर रही है.
हम चंडीगढ़ में अलग जाकर जानवरों को चारा दे रहे हैं. ताकि चारे की कमी से किसी जानवर की जान ना जाए. उन्होंने कहा कि जानवर भी हमारे समाज का एक हिस्सा हैं और उनकी देखभाल करना हमारा फर्ज बनता है. इस मुश्किल वक्त में हम उन्हें नजरअंदाज नहीं कर सकते. जिस तरह हम दूसरे लोगों की सेवा कर रहे हैं. उसी तरह हमें जानवरों की सेवा भी करनी चाहिए.
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