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जब होनी थी सबसे ज्यादा कमाई तभी हो गया लॉकडाउन, टैक्सी ड्राइवर कैसे भरेंगे किश्त? - चंडीगढ़ लॉकडाउन

गर्मियों के दिनों में टूरिस्ट ज्यादा होते हैं. इस वक्त दूसरे महीनों की तुलना में टैक्सियों की ज्यादा डिमांड रहती है, लेकिन लॉकडाउन की वजह से टैक्सी स्टैंड पर सन्नाटा पसरा है. पढ़िए पूरी खबर...

effect of lockdown on cab drivers
लॉकडाउन: ऑन सीजन थम गए टैक्सी के पहिये
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Published : Apr 9, 2020, 3:38 PM IST

Updated : Apr 9, 2020, 6:25 PM IST

चंडीगढ़: कोरोना वायरस ने सभी तरह के व्यव्साय को प्रभावित किया है. ये बात अलग है कि कुछ कारोबारी कम प्रभावित हुए तो कुछ के काम पूरी तरह से चौपट हो गया है. अगर बात टैक्सी ड्राइवर्स की करों तो उनपर भी कोरोना की मार पड़ी है. लॉकडाउन की वजह से चंडीगढ़ की सैंकड़ों टैक्सियों के पहियों पर भी ब्रेक लग गया है.

क्लिक कर देखें रिपोर्ट

टैक्सी मालिकों और ड्राइवरों ने बताया कि वो सालों से टैक्सी चला रहे हैं, लेकिन ये उनके जीवन का सबसे बुरा दौर है. वो हर रोज आते हैं, कुछ देर टैक्सी स्टैंड पर खड़े होते हैं और फिर दोबारा घर चले जाते हैं. जब ईटीवी भारत ने टैक्सी ड्राइवरों से उनकी परेशानियों के बारे में सवाल किए तो उनके जवाबों में लॉकडाउन का दर्द साफ देखा जा सकता था.

एक टेक्सी ऑपरेटर ने बताया कि उन से पहले उन के पिता भी यही काम करते थे और अब वो पिछले 20 सालों से कैब का कार्य कर रहे हैं. इस तरह का समय न उन्होंने कभी देखा था और न ही कभी सोचा था. उन्होंने कहा कि उन की सभी गाड़ियां पिछले कई दिनों से एक इंच भी नही हिली है. ऐसे में वो टैक्सी की किश्त भी घर की जमा पूंजी से भर रहे हैं.

इसी तरह की परेशानी एक दूसरे कैब मालिक ने बताई और कहा कि उनके पास 15 के करीब गाड़ियां पिछले कई दिनों से ऑफिस के बाहर खड़ी हैं. किश्तें घर से भर रहे हैं, क्योंकि ज्यादातर गाड़ियां बैंक से लोन पर ली गई है. वहीं कुछ कैब ड्राइवरों ने बताया कि उनकी सैलरी 10 हजार है, लेकिन काम नहीं होने की वजह से मालिक उन्हें सिर्फ जेब खर्च ही दे पा रहा है.

ये भी पढ़िए: लॉक डाउन में ट्रांस्पोर्टर्स को लगा बड़ा झटका, प्रवासी ड्राइवर भूखे रहने को मजबूर

आपको बता दें चंडीगढ़ में इस समय 60 से ऊपर प्रशासन से मान्यता प्राप्त टैक्सी स्टैंड हैं. जिन पर कम से कम 15 कैब हैं और कई तो ऐसे भी व्यवसाई हैं जिन के पास 100 के करीब कैब हैं. इन में से ज्यादा टैक्सियां किश्तों पर हैं. ऐसे में अगर जल्द लॉकडाउन नहीं खुला तो टैक्सी व्यव्साय से जुड़े लोगों को भारी नुकसान का सामना करना पड़ सकता है.

चंडीगढ़: कोरोना वायरस ने सभी तरह के व्यव्साय को प्रभावित किया है. ये बात अलग है कि कुछ कारोबारी कम प्रभावित हुए तो कुछ के काम पूरी तरह से चौपट हो गया है. अगर बात टैक्सी ड्राइवर्स की करों तो उनपर भी कोरोना की मार पड़ी है. लॉकडाउन की वजह से चंडीगढ़ की सैंकड़ों टैक्सियों के पहियों पर भी ब्रेक लग गया है.

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टैक्सी मालिकों और ड्राइवरों ने बताया कि वो सालों से टैक्सी चला रहे हैं, लेकिन ये उनके जीवन का सबसे बुरा दौर है. वो हर रोज आते हैं, कुछ देर टैक्सी स्टैंड पर खड़े होते हैं और फिर दोबारा घर चले जाते हैं. जब ईटीवी भारत ने टैक्सी ड्राइवरों से उनकी परेशानियों के बारे में सवाल किए तो उनके जवाबों में लॉकडाउन का दर्द साफ देखा जा सकता था.

एक टेक्सी ऑपरेटर ने बताया कि उन से पहले उन के पिता भी यही काम करते थे और अब वो पिछले 20 सालों से कैब का कार्य कर रहे हैं. इस तरह का समय न उन्होंने कभी देखा था और न ही कभी सोचा था. उन्होंने कहा कि उन की सभी गाड़ियां पिछले कई दिनों से एक इंच भी नही हिली है. ऐसे में वो टैक्सी की किश्त भी घर की जमा पूंजी से भर रहे हैं.

इसी तरह की परेशानी एक दूसरे कैब मालिक ने बताई और कहा कि उनके पास 15 के करीब गाड़ियां पिछले कई दिनों से ऑफिस के बाहर खड़ी हैं. किश्तें घर से भर रहे हैं, क्योंकि ज्यादातर गाड़ियां बैंक से लोन पर ली गई है. वहीं कुछ कैब ड्राइवरों ने बताया कि उनकी सैलरी 10 हजार है, लेकिन काम नहीं होने की वजह से मालिक उन्हें सिर्फ जेब खर्च ही दे पा रहा है.

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आपको बता दें चंडीगढ़ में इस समय 60 से ऊपर प्रशासन से मान्यता प्राप्त टैक्सी स्टैंड हैं. जिन पर कम से कम 15 कैब हैं और कई तो ऐसे भी व्यवसाई हैं जिन के पास 100 के करीब कैब हैं. इन में से ज्यादा टैक्सियां किश्तों पर हैं. ऐसे में अगर जल्द लॉकडाउन नहीं खुला तो टैक्सी व्यव्साय से जुड़े लोगों को भारी नुकसान का सामना करना पड़ सकता है.

Last Updated : Apr 9, 2020, 6:25 PM IST
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