ETV Bharat / city

ईस्टर्न-वेस्टर्न पेरिफेरल एक्सप्रेसवे मामला, दिल्ली सरकार का जवाब- 'हरियाणा, यूपी से मांगे निर्माण के लिए पैसा'

author img

By

Published : Nov 22, 2019, 2:43 PM IST

दिल्ली सरकार ने ईस्टर्न और वेस्टर्न पेरिफेरल एक्सप्रेसवे के निर्माण के लिए सुप्रीम कोर्ट में कहा कि दिल्ली सरकार अकेले एक्सप्रेसवे के निर्माण के लिए 4000 हजार करोड़ नहीं दे सकती.

eastern western peripheral expressway case

चंडीगढ़/दिल्ली: ईस्टर्न और वेस्टर्न पेरिफेरल एक्सप्रेसवे के निर्माण को लेकर सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई हुई. दिल्ली सरकार ने कहा कि इस एक्सप्रेसवे से हरियाणा और उत्तर प्रदेश को फायदा हो रहा है. दोनों राज्य एक्सप्रेसवे के साथ रिहायशी कॉलोनी बना रहे हैं और साथ ही टोल टैक्स ले रहे हैं.

यूपी-हरियाणा की गाड़ियां बढ़ा रही प्रदूषण
इसके अलावा यूपी और हरियाणा की गाड़ियां वहां प्रदूषण भी बढ़ा रही हैं. दिल्ली सरकार ने कहा कि वो पहले ही 2015 से लेकर अब तक एक्सप्रेसवे के निर्माण के लिए 700 करोड़ रु. दे चुके हैं. केंद्रीय कैबिनेट सचिव द्वारा हाल ही में ली गई बैठक में दिल्ली को एक्सप्रेसवे निर्माण का 50 प्रतिशत और यूपी और हरियाणा को 25-25 प्रतिशत हिस्सा देने के लिए कहा गया था.

सुप्रीम कोर्ट ने दो हफ्तों का समय दिया
दिल्ली सरकार ने कहा कि या तो दिल्ली को एक्सप्रेसवे से होने वाले फायदे की 50 प्रतिशत राशि दी जाए नहीं तो फिर दिल्ली से निर्माण राशि ना मांगी जाए. सुप्रीम कोर्ट ने इस मामले में दिल्ली सरकार को 2 हफ्तों में उचित याचिका के साथ आने के लिए कहा है.

ये भी पढ़ें: गुरुग्राम में महिला डॉक्टर ने किया सुसाइड, पति की इस लत से थी परेशान

दिल्ली सरकार ने किया था आवेदन
बता दें कि दिल्ली में प्रदूषण को देखते हुए ईस्टर्न और वेस्टर्न पेरिफेरल एक्सप्रेस का निर्माण करने का निर्णय लिया गया था. दिल्ली सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में आवेदन देकर कहा था कि वह इस प्रोजेक्ट को लेकर अब और धन नहीं देगी. इसकी भरपाई केंद्र सरकार करे या जिन्होंने देरी की है वे करें.

सुप्रीम कोर्ट से किया आग्रह
दिल्ली सरकार ने कहा था कि एक्सप्रेसवे को बनाने का ध्येय दिल्ली की यातायात व्यवस्था को सुगम बनाने और प्रदूषण कम करना था, लेकिन ऐसा नहीं हो पाया. ऐसे में दूसरों की लापरवाही और गलती का खामियाजा दिल्ली सरकार नहीं भुगत सकती. दिल्ली सरकार ने सुप्रीम कोर्ट से आग्रह किया कि उसे और फंड जारी करने का निर्देश न दिया जाए.

ये भी पढ़ें: संत रविदास मंदिर को लेकर लगाई गई अशोक तंवर की याचिका पर सुप्रीम कोर्ट जल्द सुनवाई को तैयार

चंडीगढ़/दिल्ली: ईस्टर्न और वेस्टर्न पेरिफेरल एक्सप्रेसवे के निर्माण को लेकर सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई हुई. दिल्ली सरकार ने कहा कि इस एक्सप्रेसवे से हरियाणा और उत्तर प्रदेश को फायदा हो रहा है. दोनों राज्य एक्सप्रेसवे के साथ रिहायशी कॉलोनी बना रहे हैं और साथ ही टोल टैक्स ले रहे हैं.

यूपी-हरियाणा की गाड़ियां बढ़ा रही प्रदूषण
इसके अलावा यूपी और हरियाणा की गाड़ियां वहां प्रदूषण भी बढ़ा रही हैं. दिल्ली सरकार ने कहा कि वो पहले ही 2015 से लेकर अब तक एक्सप्रेसवे के निर्माण के लिए 700 करोड़ रु. दे चुके हैं. केंद्रीय कैबिनेट सचिव द्वारा हाल ही में ली गई बैठक में दिल्ली को एक्सप्रेसवे निर्माण का 50 प्रतिशत और यूपी और हरियाणा को 25-25 प्रतिशत हिस्सा देने के लिए कहा गया था.

सुप्रीम कोर्ट ने दो हफ्तों का समय दिया
दिल्ली सरकार ने कहा कि या तो दिल्ली को एक्सप्रेसवे से होने वाले फायदे की 50 प्रतिशत राशि दी जाए नहीं तो फिर दिल्ली से निर्माण राशि ना मांगी जाए. सुप्रीम कोर्ट ने इस मामले में दिल्ली सरकार को 2 हफ्तों में उचित याचिका के साथ आने के लिए कहा है.

ये भी पढ़ें: गुरुग्राम में महिला डॉक्टर ने किया सुसाइड, पति की इस लत से थी परेशान

दिल्ली सरकार ने किया था आवेदन
बता दें कि दिल्ली में प्रदूषण को देखते हुए ईस्टर्न और वेस्टर्न पेरिफेरल एक्सप्रेस का निर्माण करने का निर्णय लिया गया था. दिल्ली सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में आवेदन देकर कहा था कि वह इस प्रोजेक्ट को लेकर अब और धन नहीं देगी. इसकी भरपाई केंद्र सरकार करे या जिन्होंने देरी की है वे करें.

सुप्रीम कोर्ट से किया आग्रह
दिल्ली सरकार ने कहा था कि एक्सप्रेसवे को बनाने का ध्येय दिल्ली की यातायात व्यवस्था को सुगम बनाने और प्रदूषण कम करना था, लेकिन ऐसा नहीं हो पाया. ऐसे में दूसरों की लापरवाही और गलती का खामियाजा दिल्ली सरकार नहीं भुगत सकती. दिल्ली सरकार ने सुप्रीम कोर्ट से आग्रह किया कि उसे और फंड जारी करने का निर्देश न दिया जाए.

ये भी पढ़ें: संत रविदास मंदिर को लेकर लगाई गई अशोक तंवर की याचिका पर सुप्रीम कोर्ट जल्द सुनवाई को तैयार

Intro:Body:

video


Conclusion:

For All Latest Updates

TAGGED:

ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.