चंडीगढ़: यूटी प्रशासन ने लॉकडाउन के हालात से निपटने के लिए काफी सारे वेंडर्स को पास दे रखे हैं. इतना ही नहीं प्रशासन ने कुछ राशन के स्टोर को भी इस तरह के पास जारी किए हैं ताकि लोगों को जरूरी सामान लॉक मिलता रहे लेकिन चंडीगढ़ निगम और आरटीओ कार्यालय के बाहर भारी संख्या में वेंडर्स की पास बनाने के लिए लाइन लगी है, जहां धारा-144 का उल्लंघन हो रहा है.
चंडीगढ़ आरटीओ और निगम कार्यालय के बाहर लगी कतार उन वेंडर्स की है जो जरूरी सामान बेचने के लिए पास बनाने के लिए यहां पहुंचे हैं. इनका कहना है कि ये लोग 6 घंटे से यहां पर अपना पास बनाने के लिए खड़े हैं, लेकिन प्रशासन का कोई भी अधिकारी उनकी सुनने के लिए बैठा नहीं है.
यहां पर जो लोग आए हैं इनमें कुछ वे लोग हैं जो सब्जी बेचने के लिए वेंडर का पास बनाना चाहते हैं, तो कुछ वह लोग हैं जो अपनी राशन की दुकानें खोलने के लिए पास बनाना चाहते हैं. इतना ही नहीं इसके अलावा इन लोगों की मांग है कि अगर दुकान खोलने का पास दिया है तो उन दुकानों तक सामान पहुंचाने वाली गाड़ियों को भी पास उपलब्ध करवाया जाए.
इन लोगों का कहना है कि यह सुबह से यहां कतारों में खड़े हैं लेकिन इनको सुनने के लिए या इनका पास बनाने के लिए कोई भी अधिकारी अभी तक कार्यालय में नहीं पहुंचा है जिसकी वजह से यहां पर सैकड़ों की संख्या में वेंडर्स इकट्ठा हो गए हैं जिससे धारा-144 का भी उल्लंघन हो रहा है.
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इन लोगों की मांग है कि प्रशासन और ज्यादा पास मुहैया करवाए ताकि लोग गली मोहल्लों में बनी दुकानों तक पहुंचकर समान ले सके और बाजार में भीड़ एकत्र ना हो. इसके लिए हर मोहल्ले की जरूरी सामान की दुकानों को पास उपलब्ध करवाया जाए जिससे स्थानीय लोग अपनी नजदीकी दुकानों में जाकर जरूरी सामान खरीद सकें.
बता दें कि चंडीगढ़ प्रशासन ने जरूरी सेवाओं जैसे सब्जी, दवाएं और कुछ राशन की दुकानों को पास मुहैया करवा रखे हैं. इतना ही नहीं प्रशासन कोशिश कर रहा है कि वह लोगों के घरों तक जरूरी सामान पहुंचा सके. इसके लिए अधिकारियों को भी तैनात किया गया है. बावजूद इसके कुछ और लोग अपनी दुकानों को खोलने के लिए पास बनवाना चाहते हैं और साथ ही कुछ सब्जी व्यापारी भी गलियों में सब्जी बेचने के लिए पास बनवाने की मांग कर रहे हैं.
वहीं जो ट्रांसपोर्टर इन दुकानों तक सामान पहुंचाएगा वह भी अपना पास बनवाना चाहता है. हालांकि प्रशासन अपनी ओर से काफी प्रयास कर रहा है कि लोगों को जो जरूरी सुविधा है वह मिलती रहे लेकिन आरटीओ और निगम कार्यालय के बाहर इकट्ठा हुए ये लोग उनके प्रयासों और नियमों की अनदेखी कर रहे हैं क्योंकि इनकी सुनने के लिए कार्यालय में कई घंटों से कोई अधिकारी भी मौजूद नहीं है.
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