चंडीगढ़: कोविड-19 संक्रमित मामलों में लगातार इजाफा होने और रिकवरी रेट घटते जाने के बावजूद हरियाणा सरकार प्रदेश में आर्थिक गतिविधियों को गति देने और जनजीवन को सही ढर्रे पर लाने के लिए लॉकडाउन में धीरे-धीरे ढील दे रही है. कोरोनावायरस के बढ़ते संक्रमण को देखते हुए सरकार अब नई रणनीति पर काम कर रही है.
स्वास्थ्य सेवाएं बढ़ाई गई
प्रदेश के हर जिले में कोरोना मरीजों के लिए टेस्टिंग लैब बनाई जाएंगीऔर एडहॉक पर 300 डॉक्टरों की भर्ती भी की जाएगी. इसके अलावा सभी मेडिकल कॉलेज चाहे वह प्राइवेट है या सरकारी के चौथे और पांचवें साल की पढ़ाई कर रहे डॉक्टरों की सेवाएं भी जरूरत पड़ने पर ली जाएंगी.
गौरतलब है कि राज्य में एनसीआर से लगभग 4 जिलों में संक्रमण तेजी से बढ़ रहा है. जिसके चलते दिल्ली के साथ लगते बॉर्डर को भी सील किया गया था. लेकिन सोमवार से प्रदेश भर में अनलॉक 1 लागू हो गया है. जिसके चलते फरीदाबाद, बहादुरगढ़ और गुरुग्राम बॉर्डर खोल दिए गए. इंटर स्टेट और इंटर डिस्ट्रिक्ट में लोगों और माल की आवाजाही से भी प्रतिबंध हटा दिए गए हैं.
वेंटिलेटर से लेकर आइसोलेशन बेड भी तैयार
अनलॉक वन के लागू होने से प्रदेश में संक्रमितों की संख्या में इजाफा होने का खतरा और बढ़ गया है. प्रदेश में संक्रमण के कारण बढ़ते हुए मरीजों को ध्यान में रखते हुए व्यापक व्यवस्था भी की गई है. राज्य की कुल जनसंख्या को ध्यान में रखते हुए 8929 आइसोलेशन बेड तैयार किए गए हैं. 1025 वेंटिलेटर और 125000 से ज्यादा पीपीई किट का इंतजाम किया गया है. इसके अलावा 305496 n95 मास्क का इंतजाम भी किया जा चुका है.
प्रदेश में कुल 383 कंटेंटमेंट जोन और 15 लैब काम कर रही हैं. हरियाणा में 12000 मरीजों को रखने की व्यवस्था है और 38000 तक लोगों को क्वॉरेंटाइन करने की तैयारी पूरी की गई है. प्रदेश में होने वाली मौतों का ऑडिट भी विशेष टीम द्वारा किया जा रहा है. ताकि अध्ययन के बाद अनुभव का फायदा लिया जा सके. बढ़ते आंकड़ों को देखते हुए कंटेंटमेंट जून में 30 जून तक लॉकडाउन बढ़ाया गया है.
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