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देश की पहली एनिमल रिसर्च फैसिलिटी चंडीगढ़ PGI में शुरू, जानिए क्यों है खास

चंडीगढ़ पीजीआई में देश की पहली एनिमल रिसर्च फैसिलिटी शुरू की गई है. इसकी सहायता से छोटे जानवरों में बेसिक रिसर्च की जा सकेगी.

Chandigarh PGI
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Published : Apr 20, 2021, 5:36 PM IST

चंडीगढ़: पीजीआई में रिसर्च को लेकर देशभर में बेहतरीन काम किया जाता है. इस कड़ी में पीजीआई के नाम एक और उपलब्धि जुड़ गई है. चंडीगढ़ पीजीआई में अब एनिमल रिसर्च फैसिलिटी शुरू की गई है. जिसकी सहायता से छोटे जानवरों में बेसिक रिसर्च की जा सकेगी. ये फैसिलिटी शुरू करने वाला पीजीआई देश का पहला अस्पताल बन गया है.

रेडियोडायग्नोसिस विभाग के प्रमुख डॉ. एमएस संधू ने बताया कि इसका मकसद ह्यूमन डिस्ऑर्डर्स के उपचार के लिए इस्तेमाल होने वाली नई दवाओं और हार्डवेयर काे टेस्ट करना है.

ये भी पढ़ें- कोरोना असर: पंचकूला के मनसा देवी मंदिर को लेकर ये आदेश हुए जारी

डीएसए मशीन एक परिष्कृत डिजिटल एक्स-रे मशीन है, जो एक बार आयोडीन बेस्ड कंट्रास्ट को कैथेटर नामक पतली नलियों के माध्यम से वेसल्स में इंजेक्ट करने के बाद इंसान या जानवरों के शरीर के अंदर के वेसल्स का सटीक मूल्यांकन करने में मदद करती है.

परंपरागत रेडियोलॉजिस्ट इस मशीन का इस्तेमाल शरीर के विभिन्न अंगों जैसे मस्तिष्क, लीवर, किडनी आदि की एंजियोग्राफी करने के लिए भी करते हैं.

ये भी पढ़ें- खेलो इंडिया यूथ गेम्स-2021 की तारीखों का हुआ एलान, जानिए कब होगा आयोजन

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रेडियोडायग्नोसिस विभाग के प्रमुख डॉ. एमएस संधू ने बताया कि इसका मकसद ह्यूमन डिस्ऑर्डर्स के उपचार के लिए इस्तेमाल होने वाली नई दवाओं और हार्डवेयर काे टेस्ट करना है.

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डीएसए मशीन एक परिष्कृत डिजिटल एक्स-रे मशीन है, जो एक बार आयोडीन बेस्ड कंट्रास्ट को कैथेटर नामक पतली नलियों के माध्यम से वेसल्स में इंजेक्ट करने के बाद इंसान या जानवरों के शरीर के अंदर के वेसल्स का सटीक मूल्यांकन करने में मदद करती है.

परंपरागत रेडियोलॉजिस्ट इस मशीन का इस्तेमाल शरीर के विभिन्न अंगों जैसे मस्तिष्क, लीवर, किडनी आदि की एंजियोग्राफी करने के लिए भी करते हैं.

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