चंडीगढ़: मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने सोमवार को गांवों के समुचित विकास को सुनिश्चित करने के लिए ठोस एवं तरल अपशिष्ट प्रबंधन पर विशेष बल देने के साथ ब्लॉक स्तर पर सन्निहित (साथ-साथ लगते) गांवों को शामिल करने की संभावनाओं को तलाशने के निर्देश दिए. पहले चरण में, स्वच्छ भारत मिशन कार्यक्रम को आगे ले जाने के लिए प्रत्येक ब्लॉक में क्लस्टरों को चिन्हित किया जाएगा. ये निर्देश सीएम ने सोमवार को आयोजित हरियाणा राज्य स्वच्छ भारत मिशन (एचएसएसबीएम) की शासी निकाय (गर्वनिंग बॉडी) की चौथी बैठक की अध्यक्षता करते हुए दिए.
बैठक में ये भी बताया गया कि राज्य के सभी गांवों में सामुदायिक स्वच्छता परिसरों का निर्माण किया जाएगा. ऐसे 4000 परिसरों का निर्माण किया जा चुका है और शेष स्वच्छता परिसरों पर काम जल्द ही शुरू किया जाएगा. इसके अलावा, गांवों में ठोस और तरल कचरे के उचित प्रबंधन के लिए, स्वच्छ भारत मिशन और संबंधित योजनाओं के तहत 1,396 ठोस और तरल अपशिष्ट प्रबंधन (एसएलडब्ल्यूएम) परियोजनाओं का निर्माण किया जाएगा.
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इसके अलावा बैठक में बताया गया कि स्वच्छ भारत मिशन (शहरी) के तहत 71,000 शौचालयों के लक्ष्य के मुकाबले 65,306 व्यक्तिगत घरेलू शौचालयों का निर्माण किया गया है. इसके अलावा, 4081 सामुदायिक शौचालय सीटों के लक्ष्य के मुकाबले 4057 सामुदायिक शौचालय सीटों का निर्माण किया गया है जबकि 6313 सार्वजनिक शौचालय सीटों के लक्ष्य के मुकाबले 6872 सार्वजनिक शौचालय सीटों का निर्माण किया गया है, जोकि 109 प्रतिशत है. बैठक में बताया गया कि स्वच्छ सर्वेक्षण, 2020 के लिए आवास और शहरी मामलों के मंत्रालय द्वारा कचरा मुक्त शहर के लिए नगर निगम करनाल को 3 स्टार और नगर निगम रोहतक को 1 स्टार रेटिंग से सम्मानित किया गया है.
हरियाणा में इस मिशन को और मजबूत बनाने की आवश्यकता पर बल देते हुए मुख्यमंत्री ने निर्देश दिए कि हरियाणा राज्य स्वच्छ भारत मिशन, (ग्रामीण) और हरियाणा राज्य स्वच्छ भारत मिशन, (शहरी) के जिला स्तरीय शासी निकाय का गठन जमीनी स्तर पर किए जा रहे विभिन्न कार्यों की प्रभावी निगरानी हेतू जल्द से जल्द किया जाना चाहिए. उन्होंने ये भी निर्देश दिये कि सरकारी विभागों के अलावा, गैर सरकारी संगठनों (एनजीओ) को भी राज्य के सभी गांवों में शुरू किए जा रहे कचरे के डोर-टू-डोर कलेक्शन के काम में जोड़ा जाना चाहिए.
बैठक में ये भी बताया गया कि प्रधानमंत्री ग्रामीण सड़क योजना के तहत सड़कों के निर्माण में उपयोग के लिए 110 टन प्लास्टिक कचरे को पीडब्ल्यूडी (बी एंड आर) को सौंपा जाएगा. इसके अलावा, हिसार जिले में गांव नयागांव परियोजना की तर्ज पर हर जिले में गोबरधन परियोजनाओं का निर्माण किया जाएगा, जो रसोई गैस की एक तिहाई कीमत पर घरेलू गैस कनेक्शन प्रदान करेगी. इससे पहले, हरियाणा राज्य स्वास्थ्य प्रणाली संसाधन केंद्र की कार्यकारी निदेशक सोनिया त्रिखा खुल्लर ने सात प्रमुख विषयगत क्षेत्रों, जैसे- अस्पताल रखरखाव, स्वच्छता व साफ-सफाई, जल प्रबंधन, संक्रमण नियंत्रण, सहयोग सेवाएं, स्वच्छता को बढ़ावा देना और अस्पताल की सीमा इत्यादि पर राज्य भर में सभी स्वास्थ्य संस्थानों में उठाए जा रहे विभिन्न कदमों पर एक विस्तृत प्रस्तुति भी दी.
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