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फेस्टिव सीजन में भी सुनसान चंडीगढ़ के बाजार, 50 फीसदी तक कम हुआ व्यापार

हर साल दिवाली पर ज्यादातर लोग खरीदारी किया करते थे, जिस वजह से दुकानों में सेल बढ़ जाती थी, लेकिन इस बार जब दिवाली का सीजन नजदीक है तो बाजार में सिर्फ 30 से 40 प्रतिशत बिक्री ही हो रही है. जिसके पीछे दुकानदार अलग-अलग वजह बता रहे हैं.

chandigarh shopkeepers business condition in festive season
फेस्टिव सीजन में भी सुनसान चंडीगढ़ के बाजार, 50% तक कम हुआ व्यापार
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Published : Oct 13, 2020, 4:01 PM IST

चंडीगढ़: फेस्टिव सीजन शुरू हो गया है, बावजूद इसके चंडीगढ़ के बाजारों से रौनक गायब है. कोरोना का खौफ ऐसा है कि अनलॉक होने के बाद भी ग्राहक बाजारों से दूरी बनाए हुए हैं. हार्डवेयर से लेकर फर्नीचर, क्रोकरी से लेकर इलेक्ट्रॉनिक और कपड़ों के दुकानदार अब तक कोरोना के इफेक्ट से नहीं निकल पाए हैं. इस बीच दुकानदारों के लिए सबसे बड़ी चुनौती काम पहले की तरह सामान्य ना हो पाना है.

ईटीवी भारत की टीम ने चंडीगढ़ के अलग-अलग दुकानदारों से बात की और जाना कि आखिर उनका धंधा अनलॉक में कैसा चल रहा है और वो मंदी के दौर से उभर पाए हैं या फिर नहीं?

हार्डवेयर दुकानदारों की बिक्री हुई आधी

हर साल दिवाली पर ज्यादातर लोग रंग रोगन का काम कराया करते थे. जिस वजह से दिवाली के सीजन में हार्डवेयर दुकानदारों की चांदी-चांदी होती थी, लेकिन इस बार जब दिवाली का सीजन नजदीक है तो हार्डवेयर के बाजार में सिर्फ 30 से 40 प्रतिशत बिक्री ही हो रही है. जिसके पीछे दुकानदार अलग-अलग वजह बता रहे हैं.

फेस्टिव सीजन में भी सुनसान चंडीगढ़ के बाजार, 50 फीसदी तक कम हुआ व्यापार

टीवी, फ्रिज, एलसीडी, वॉशिंग मशीन जैसे बड़े इलेक्ट्रॉनिक उपकरणों में डील करने वाले दुकानदारों का काम भी पूरी तरह से मंदा पड़ा है. आलम ये है कि कर्मचारियों को वेतन देने के लिए भी दुकानदारों को दो बार सोचना पड़ रहा है. दिवाली और धनतेरस के वक्त वैसे ये बिजनेस काफी फल-फूलता था, लेकिन इस बार ऐसा नजर नहीं आ रहा है.

आधी हुई क्रोकरी की बिक्री

कोरोना से पहले तक घरों में इस्तेमाल होने वाले क्रोकरी के सामान का काम हर समय जारी रहता था और त्योहारी सीजन के नजदीक आते ही ये काम दोगुना हो जाता था, लेकिन इस बार क्रोकरी के दुकानदार भी कोरोना और लॉकडाउन की मार से अब तक नहीं उभर पाए हैं.

कम हुई कंप्यूटर और लैपटॉप की मांग

कंप्यूटर और लैपटॉप मोबाइल एसेसरीज का काम करने वाले दुकानदार भी धंधा आधे से भी कम होने की बात कहते नजर आए. उन्होंने काम आधा होने की वजह बड़ी आईटी कंपनियों के वर्क फॉर्म होम और आईटी कंपनियों का काम भी पहले के मुकाबले कम होना बताया. जिसकी वजह से कंप्यूटर और लैपटॉप समेत अन्य इलेक्ट्रॉनिक पार्ट्स की अब पहले की तरह मांग कम रह गई है.

ये भी पढ़िए: बरोदा के लिए ये है बीजेपी का 'प्लान विजय', 500 कार्यकर्ताओं को दी गई स्पेशल जिम्मेदारी

इन दुकानदारों की हुई 'चांदी-चांदी'!

ये थी उन दुकानदारों की बात जो कोरोना और लॉकडाउन की मार से अब तक पूरी तरह से उभर नहीं पाए हैं, लेकिन कुछ ऐसे भी दुकानदार हैं जिनकी सेल कोरोना काल के दौरान दोगुना हुई है. हम बात कर रहे हैं किराना और केमिस्टों की. इसके अलावा लॉकडाउन खुलने के बाद साइकिल बेचने वालों का काम भी दोगुना हुआ है. जिसकी बड़ी वजह लोगों का जिम ना जाना और पब्लिक ट्रांसपोर्ट का इस्तेमाल कम होना है.

चंडीगढ़: फेस्टिव सीजन शुरू हो गया है, बावजूद इसके चंडीगढ़ के बाजारों से रौनक गायब है. कोरोना का खौफ ऐसा है कि अनलॉक होने के बाद भी ग्राहक बाजारों से दूरी बनाए हुए हैं. हार्डवेयर से लेकर फर्नीचर, क्रोकरी से लेकर इलेक्ट्रॉनिक और कपड़ों के दुकानदार अब तक कोरोना के इफेक्ट से नहीं निकल पाए हैं. इस बीच दुकानदारों के लिए सबसे बड़ी चुनौती काम पहले की तरह सामान्य ना हो पाना है.

ईटीवी भारत की टीम ने चंडीगढ़ के अलग-अलग दुकानदारों से बात की और जाना कि आखिर उनका धंधा अनलॉक में कैसा चल रहा है और वो मंदी के दौर से उभर पाए हैं या फिर नहीं?

हार्डवेयर दुकानदारों की बिक्री हुई आधी

हर साल दिवाली पर ज्यादातर लोग रंग रोगन का काम कराया करते थे. जिस वजह से दिवाली के सीजन में हार्डवेयर दुकानदारों की चांदी-चांदी होती थी, लेकिन इस बार जब दिवाली का सीजन नजदीक है तो हार्डवेयर के बाजार में सिर्फ 30 से 40 प्रतिशत बिक्री ही हो रही है. जिसके पीछे दुकानदार अलग-अलग वजह बता रहे हैं.

फेस्टिव सीजन में भी सुनसान चंडीगढ़ के बाजार, 50 फीसदी तक कम हुआ व्यापार

टीवी, फ्रिज, एलसीडी, वॉशिंग मशीन जैसे बड़े इलेक्ट्रॉनिक उपकरणों में डील करने वाले दुकानदारों का काम भी पूरी तरह से मंदा पड़ा है. आलम ये है कि कर्मचारियों को वेतन देने के लिए भी दुकानदारों को दो बार सोचना पड़ रहा है. दिवाली और धनतेरस के वक्त वैसे ये बिजनेस काफी फल-फूलता था, लेकिन इस बार ऐसा नजर नहीं आ रहा है.

आधी हुई क्रोकरी की बिक्री

कोरोना से पहले तक घरों में इस्तेमाल होने वाले क्रोकरी के सामान का काम हर समय जारी रहता था और त्योहारी सीजन के नजदीक आते ही ये काम दोगुना हो जाता था, लेकिन इस बार क्रोकरी के दुकानदार भी कोरोना और लॉकडाउन की मार से अब तक नहीं उभर पाए हैं.

कम हुई कंप्यूटर और लैपटॉप की मांग

कंप्यूटर और लैपटॉप मोबाइल एसेसरीज का काम करने वाले दुकानदार भी धंधा आधे से भी कम होने की बात कहते नजर आए. उन्होंने काम आधा होने की वजह बड़ी आईटी कंपनियों के वर्क फॉर्म होम और आईटी कंपनियों का काम भी पहले के मुकाबले कम होना बताया. जिसकी वजह से कंप्यूटर और लैपटॉप समेत अन्य इलेक्ट्रॉनिक पार्ट्स की अब पहले की तरह मांग कम रह गई है.

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इन दुकानदारों की हुई 'चांदी-चांदी'!

ये थी उन दुकानदारों की बात जो कोरोना और लॉकडाउन की मार से अब तक पूरी तरह से उभर नहीं पाए हैं, लेकिन कुछ ऐसे भी दुकानदार हैं जिनकी सेल कोरोना काल के दौरान दोगुना हुई है. हम बात कर रहे हैं किराना और केमिस्टों की. इसके अलावा लॉकडाउन खुलने के बाद साइकिल बेचने वालों का काम भी दोगुना हुआ है. जिसकी बड़ी वजह लोगों का जिम ना जाना और पब्लिक ट्रांसपोर्ट का इस्तेमाल कम होना है.

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