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राष्ट्रीय सर्वे पर चंडीगढ़ नगर निगम ने खड़े किए सवाल, कहा-हमें पता ही नहीं सैंपल कहां से लिया - चंडीगढ़ के पानी की शुद्धता को मिला 8वां रैंक

भारतीय मानक ब्यूरो की रैंकिंग के अनुसार चंडीगढ़ के पानी की शुद्धता को 8वां रैंक मिला है. इस रैंकिंग पर चंडीगढ़ नगर निगम ने सवाल खड़े कर दिए हैं.

राष्ट्रीय सर्वे पर चंडीगढ़ नगर निगम ने खड़े किए सवाल
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Published : Nov 21, 2019, 12:11 PM IST

चंडीगढ़: कहने को चंडीगढ़ को स्मार्ट सिटी के तौर पर डेवलप किया जा रहा है. 24 घंटे पीने के पानी की सप्लाई किए जाने का प्रपोजल है, लेकिन बावजूद इसके ये ध्यान नहीं दिया जा रहा कि जितना पानी लोगों को मिल रहा है वो साफ है या नहीं है.

चंडीगढ़ का पानी पीने लायक नहीं!
हाल ही में भारतीय मानक ब्यूरो की रैंकिंग के अनुसार चंडीगढ़ के पानी की शुद्धता को 8वीं रैंक मिला है. इस रैंकिंग ने चंडीगढ़ नगर निगम पर सवाल खड़े कर दिए हैं. हालांकि नगर निगम के मेयर राजेश कालिया के मुताबिक चंडीगढ़ के लोगों को स्वच्छ पानी देना नगर निगम की प्राथमिकता है. शहर में दूषित पानी जैसी कोई समस्या नहीं है. फिर भी चीफ इंजीनियर को बुलाकर रिपोर्ट मांगी गई, जिन इलाकों से चंडीगढ़ के पानी का सैंपल लिया गया है, वहां व्यवस्था को दूरुस्त किया जाए. इसे चंडीगढ़ नगर निगम सकारत्मकता के साथ ले रहा है.

राष्ट्रीय सर्वे पर चंडीगढ़ नगर निगम ने खड़े किए सवाल

'सर्वें के बारे में निगम को जानकारी नहीं'
रैंकिंग के लिए सैंपल कहां से लिए गए, निगम को इसकी जानकारी तक नहीं है. निगम के मेयर का कहना है कि चंडीगढ़ से ही पंचकूला और चंडी मंदिर को पानी दिया जाता है. मेयर राजेश कालिया ने कहा कि इस सर्वे के बारे में उन्हें कोई जानकारी नहीं मिली. साथ ही इसमें कौन से मानकों के आधार पर रैंकिंग तय की गई है, उसकी भी जानकारी नहीं है. लेकिन चंडीगढ़ का पानी इतना साफ है कि आरओ की भी आवश्यकता नहीं है.

चंडीगढ़ का पानी शिमला से भी ज्यादा खराब

चंडीगढ़ के मेयर का दावा है कि शुद्ध पानी देने के लिए लगातार प्रयास भी कर रहे हैं. रैंकिंग में चंडीगढ़ का पानी शिमला से भी खराब बताया गया है. शिमला को सातवां रैंक मिला है, जबकि चंडीगढ़ आठवें रैंक पर है.

ये भी पढ़ें: जेजेपी-बीजेपी का गठबंधन अटूट, महाराष्ट्र में भी हरियाणा की तरह बनें स्थिर सरकार- डिप्टी सीएम

चंडीगढ़: कहने को चंडीगढ़ को स्मार्ट सिटी के तौर पर डेवलप किया जा रहा है. 24 घंटे पीने के पानी की सप्लाई किए जाने का प्रपोजल है, लेकिन बावजूद इसके ये ध्यान नहीं दिया जा रहा कि जितना पानी लोगों को मिल रहा है वो साफ है या नहीं है.

चंडीगढ़ का पानी पीने लायक नहीं!
हाल ही में भारतीय मानक ब्यूरो की रैंकिंग के अनुसार चंडीगढ़ के पानी की शुद्धता को 8वीं रैंक मिला है. इस रैंकिंग ने चंडीगढ़ नगर निगम पर सवाल खड़े कर दिए हैं. हालांकि नगर निगम के मेयर राजेश कालिया के मुताबिक चंडीगढ़ के लोगों को स्वच्छ पानी देना नगर निगम की प्राथमिकता है. शहर में दूषित पानी जैसी कोई समस्या नहीं है. फिर भी चीफ इंजीनियर को बुलाकर रिपोर्ट मांगी गई, जिन इलाकों से चंडीगढ़ के पानी का सैंपल लिया गया है, वहां व्यवस्था को दूरुस्त किया जाए. इसे चंडीगढ़ नगर निगम सकारत्मकता के साथ ले रहा है.

राष्ट्रीय सर्वे पर चंडीगढ़ नगर निगम ने खड़े किए सवाल

'सर्वें के बारे में निगम को जानकारी नहीं'
रैंकिंग के लिए सैंपल कहां से लिए गए, निगम को इसकी जानकारी तक नहीं है. निगम के मेयर का कहना है कि चंडीगढ़ से ही पंचकूला और चंडी मंदिर को पानी दिया जाता है. मेयर राजेश कालिया ने कहा कि इस सर्वे के बारे में उन्हें कोई जानकारी नहीं मिली. साथ ही इसमें कौन से मानकों के आधार पर रैंकिंग तय की गई है, उसकी भी जानकारी नहीं है. लेकिन चंडीगढ़ का पानी इतना साफ है कि आरओ की भी आवश्यकता नहीं है.

चंडीगढ़ का पानी शिमला से भी ज्यादा खराब

चंडीगढ़ के मेयर का दावा है कि शुद्ध पानी देने के लिए लगातार प्रयास भी कर रहे हैं. रैंकिंग में चंडीगढ़ का पानी शिमला से भी खराब बताया गया है. शिमला को सातवां रैंक मिला है, जबकि चंडीगढ़ आठवें रैंक पर है.

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Intro:स्मार्ट सिटी कहे जाने वाले चंडीगढ़ की पानी शुद्धता शिमला से भी कम पायदान पर है जी हाँ हाल ही में भारतीय मानक ब्यूरो की रैंकिंग के अनुसार चंडीगढ़ के पानी की शुद्धता को 8 वें रैंक मिला है। इस रैंकिंग ने चंडीगढ़ नगर निगम ने सवाल खड़े कर दिए हैं... हालाँकि नगर निगम के मेयर राजेश कालिया के मुताबिक चंडीगढ़ के लोगो को स्वच्छ पानी देना नगर निगम की प्राथमिकता है शहर में दूषित पानी जैसी कोई समस्या नहीं है फिर भी चीफ इंजीनियर को बुलाकर रिपोर्ट मांगी गयी जिन इलाको से चंडीगढ़ के पानी का सैंपल लिया गया है वो ठीक किया जाये इसे चंडीगढ़ नगर निगम सकारत्मकता के साथ ले रहा है।


Body:रैंकिंग के लिए सैंपल कहां से लिए गए, निगम को इसकी जानकारी तक नहीं है। निगम के मेयर का कहना है कि चंडीगढ़ से ही पंचकूला और चंडी मंदिर को पानी दिया जाता है... मेयर राजेश कालिया ने कहा कि इस सर्वे के बारे में उन्हें कोई जानकारी नहीं मिली। साथ ही इसमें कौन से मानकों के आधार पर रैंकिंग तय की गई है, उसकी भी जानकारी नहीं है, लेकिन चंडीगढ़ का पानी इतना साफ है कि आरओ की भी आवश्यकता नहीं है। शुद्ध पानी देने के लिए लगातार प्रयास भी कर रहे हैं।रैंकिंग में चंडीगढ़ का पानी शिमला से भी खराब बताया गया है... शिमला को सातवीं रैंकिंग मिली है जबकि चंडीगढ़ आठवीं रैंकिंग पर है। वहीं देहरादून का पानी चंडीगढ़ से भी खराब बताया गया है। देहरादून को 18वीं रैंकिंग मिली है.. आपको बता दे कि विकिपीडिया पर भी देश में सबसे अच्छा पानी देने वाले शहरों की सूची में चंडीगढ़ नंबर एक पर है। ऐसे में रैंकिंग में कौन से मानक अपनाए गए हैं, इसकी जानकारी नहीं है।

बाइट : राजेश कालिया, मेयर, चंडीगढ़


हाल ही में भारतीय मानक ब्यूरो ने शुद्ध पानी देने वाले शहरों की रैंकिंग जारी की गई है। जिसमें चंडीगढ़ को आठवां स्थान दिया गया है। रैंकिंग जारी होने के बाद नगर निगम में हड़कंप मच गया है। निगम लगातार लोगों को शुद्ध पानी देने के लिए प्रयासरत है। हाल ही में अमृत योजना के तहत देश में चंडीगढ़ नंबर एक स्थान पर आया था।Conclusion:
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