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जो पार्षद 5 लाख खर्च नहीं कर पाते वे किस आधार पर मांग रहे हैं एक करोड़- चंडीगढ़ मेयर - चंडीगढ़ मेयर राजेश कालिया

चंडीगढ़ में मंगलवार को नगर निगम की हाउस मीटिंग का आयोजन किया गया. जिसमें कई मुद्दों को लेकर चर्चा की जानी थी, लेकिन मीटिंग शुरू होते ही कुछ पार्षदों ने सबसे पहले मीडिया पर हमला बोलना शुरू कर दिया. जिस पर मेयर कालिया ने जवाब देते हुए मीडिया की तारीफ की.

mayor rajesh kalia
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Published : Nov 26, 2019, 8:50 PM IST

चंडीगढ़: पार्षदों का कहना था कि मीडिया चंडीगढ़ को लेकर भ्रामक बातें फैला रहा है. चंडीगढ़ में इतना बुरा हाल भी नहीं है, जितना मीडिया दिखा रहा है. इस मुद्दे पर सफाई देते हुए चंडीगढ़ के मेयर राजेश कालिया ने कहा कि मैं पार्षदों की बातों का समर्थन नहीं करता.

मेयर कालिया ने की मीडिया की तारीफ
मेयर कालिया ने कहा हम पारदर्शिता में विश्वास करते हैं और मीडिया पारदर्शिता लाने में सहायता करता है. देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भी मीडिया की कई बार सराहना कर चुके हैं और लोकतंत्र के लिए मीडिया की भूमिका अहम है. इसलिए मीडिया को स्वतंत्र होकर काम करना चाहिए और किसी की परवाह नहीं करनी चाहिए.

सुनिए क्या कहा चंडीगढ़ के मेयर राजेश कालिया ने

इसके अलावा मेयर ने कहा कि वह नगर निगम के लिए 93 करोड़ रुपये की राशि लाने में सफल हुए हैं. जिससे कई अधूरे काम पूरे कर लिए जाएंगे. अभी नगर निगम को 150 करोड़ और मिलने वाले हैं जिससे विकास कार्यों को नई गति मिलेगी.

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कांग्रेस पार्षदों को दिया जवाब
दूसरी तरफ उन्होंने कांग्रेस पार्षदों के आरोपों का भी जवाब दिया. कांग्रेस पार्षदों ने कुछ दिन पहले यह आरोप लगाया था कि नगर निगम की ओर से जो पार्षदों को 1-1 करोड़ रुपए की राशि दी गई है वह विकास कार्यों के लिए काफी नहीं है. जिस पर मेयर ने कहा है कि उन पार्षदों को वार्ड डेवलपमेंट फंड के तौर पर जो राशि मिलती है वह उसे ही खर्च नहीं करते तो वह अलग से एक करोड़ पर की राशि को कम कैसे कह सकते हैं.

मेयर ने कहा कि कुछ पार्षद तो ऐसे हैं जिन्होंने सिर्फ 5 लाख रुपये ही खर्च किए हैं. जब वे पैसे को विकास कार्यों पर खर्च कर ही नहीं सकते तो उन्हें कोई हक नहीं बनता कि वह नगर निगम की ओर से दी गई अतिरिक्त राशि को कम आंके.

लायंस कंपनी को लेकर दी सफाई
इसके अलावा को लायंस कंपनी को लेकर दिए गए कांग्रेस पार्षदों के बयान के जवाब में उन्होंने कहा कि कंपनी चंडीगढ़ में साफ सफाई का काम संभालती है और इस काम के बदले कंपनी को सालाना 50 करोड़ रुपये दिए जाते हैं.

कंपनी अपना काम बखूबी कर रही है क्योंकि चंडीगढ़ के दूसरे हिस्से में दूसरी कंपनी काम करती है और उस कंपनी को 150 करोड़ रुपये दिए जाते हैं. लायंस कंपनी उस कंपनी से ज्यादा बेहतरीन काम कर रही है.

ये भी पढ़ें: विधानसभा का विशेष सत्र: रणबीर गंगवा बने डिप्टी स्पीकर, सदन के पटल पर रखी CAG रिपोर्ट

गौरतलब है कि कुछ दिन पहले कांग्रेस पार्षदों ने आरोप लगाते हुए कहा था कि लायंस कंपनी चंडीगढ़ में कोई काम नहीं कर रही लेकिन फिर भी उसे हर साल 50 करोड़ दिए जाते हैं. उन्होंने यह भी आरोप लगाया था कि हो सकता है कि इस कंपनी में चंडीगढ़ के किसी भाजपा नेता का भी शेयर हो. तभी इस कंपनी को हर साल इतनी बड़ी धनराशि दी जाती है.

चंडीगढ़: पार्षदों का कहना था कि मीडिया चंडीगढ़ को लेकर भ्रामक बातें फैला रहा है. चंडीगढ़ में इतना बुरा हाल भी नहीं है, जितना मीडिया दिखा रहा है. इस मुद्दे पर सफाई देते हुए चंडीगढ़ के मेयर राजेश कालिया ने कहा कि मैं पार्षदों की बातों का समर्थन नहीं करता.

मेयर कालिया ने की मीडिया की तारीफ
मेयर कालिया ने कहा हम पारदर्शिता में विश्वास करते हैं और मीडिया पारदर्शिता लाने में सहायता करता है. देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भी मीडिया की कई बार सराहना कर चुके हैं और लोकतंत्र के लिए मीडिया की भूमिका अहम है. इसलिए मीडिया को स्वतंत्र होकर काम करना चाहिए और किसी की परवाह नहीं करनी चाहिए.

सुनिए क्या कहा चंडीगढ़ के मेयर राजेश कालिया ने

इसके अलावा मेयर ने कहा कि वह नगर निगम के लिए 93 करोड़ रुपये की राशि लाने में सफल हुए हैं. जिससे कई अधूरे काम पूरे कर लिए जाएंगे. अभी नगर निगम को 150 करोड़ और मिलने वाले हैं जिससे विकास कार्यों को नई गति मिलेगी.

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कांग्रेस पार्षदों को दिया जवाब
दूसरी तरफ उन्होंने कांग्रेस पार्षदों के आरोपों का भी जवाब दिया. कांग्रेस पार्षदों ने कुछ दिन पहले यह आरोप लगाया था कि नगर निगम की ओर से जो पार्षदों को 1-1 करोड़ रुपए की राशि दी गई है वह विकास कार्यों के लिए काफी नहीं है. जिस पर मेयर ने कहा है कि उन पार्षदों को वार्ड डेवलपमेंट फंड के तौर पर जो राशि मिलती है वह उसे ही खर्च नहीं करते तो वह अलग से एक करोड़ पर की राशि को कम कैसे कह सकते हैं.

मेयर ने कहा कि कुछ पार्षद तो ऐसे हैं जिन्होंने सिर्फ 5 लाख रुपये ही खर्च किए हैं. जब वे पैसे को विकास कार्यों पर खर्च कर ही नहीं सकते तो उन्हें कोई हक नहीं बनता कि वह नगर निगम की ओर से दी गई अतिरिक्त राशि को कम आंके.

लायंस कंपनी को लेकर दी सफाई
इसके अलावा को लायंस कंपनी को लेकर दिए गए कांग्रेस पार्षदों के बयान के जवाब में उन्होंने कहा कि कंपनी चंडीगढ़ में साफ सफाई का काम संभालती है और इस काम के बदले कंपनी को सालाना 50 करोड़ रुपये दिए जाते हैं.

कंपनी अपना काम बखूबी कर रही है क्योंकि चंडीगढ़ के दूसरे हिस्से में दूसरी कंपनी काम करती है और उस कंपनी को 150 करोड़ रुपये दिए जाते हैं. लायंस कंपनी उस कंपनी से ज्यादा बेहतरीन काम कर रही है.

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गौरतलब है कि कुछ दिन पहले कांग्रेस पार्षदों ने आरोप लगाते हुए कहा था कि लायंस कंपनी चंडीगढ़ में कोई काम नहीं कर रही लेकिन फिर भी उसे हर साल 50 करोड़ दिए जाते हैं. उन्होंने यह भी आरोप लगाया था कि हो सकता है कि इस कंपनी में चंडीगढ़ के किसी भाजपा नेता का भी शेयर हो. तभी इस कंपनी को हर साल इतनी बड़ी धनराशि दी जाती है.

Intro:मंगलवार को नगर निगम की हाउस मीटिंग का आयोजन किया गया। जिसमें कई मुद्दों को लेकर चर्चा की जानी थी। लेकिन मीटिंग शुरू होते ही कुछ पार्षदों ने सबसे पहले मीडिया पर हमला बोलना शुरू कर दिया । उनका कहना था कि मीडिया चंडीगढ़ को लेकर भ्रामक बातें फैला रहा है। चंडीगढ़ में इतना बुरा हाल भी नहीं है जितना मीडिया दिखा रहा है।


Body:इस मुद्दे पर सफाई देते हुए चंडीगढ़ के मेयर राजेश कालिया ने कहा की मैं हूं पार्षदों की बातों का समर्थन नहीं करता। क्योंकि हम पारदर्शिता में विश्वास करते हैं और मीडिया पारदर्शिता लाने में सहायता करता है । देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भी मीडिया कि कई बार सराहना कर चुके हैं और लोकतंत्र के लिए मीडिया की भूमिका अहम है। इसलिए मीडिया को स्वतंत्र होकर काम करना चाहिए और किसी की परवाह नहीं करनी चाहिए।
इसके अलावा मेयर ने कहा कि वह नगर निगम के लिए 93 करोड़ रुपये की राशि लाने में सफल हुए हैं
जिससे कई अधूरे काम पूरे कर लिए जाएंगे। अभी नगर निगम को 150 करोड़ और मिलने वाले हैं जिससे विकास कार्यों को नई गति मिलेगी।
दूसरी तरफ उन्होंने कांग्रेस पार्षदों के आरोपों का भी जवाब दिया। कांग्रेस पार्षदों ने कुछ दिन पहले यह आरोप लगाया था की नगर निगम की ओर से जो पार्षदों को 1-1 करोड़ रुपए की राशि दी गई है । वह विकास कार्यों के लिए काफी है। जिस पर मेयर ने कहा है कि उन पार्षदों को वार्ड डेवलपमेंट फंड के तौर पर जो राशि मिलती है। वह उसे ही खर्च नहीं करते तो वह अलग से एक करोड़ पर की राशि को कम कैसे कह सकते हैं। कुछ पार्षद तो ऐसे हैं जिन्होंने सिर्फ 5 लाख रुपये ही खर्च किए हैं। जब वे पैसे को विकास कार्यो पर खर्च कर ही नहीं सकते तो, उन्हें कोई हक नहीं बनता कि वह नगर निगम की ओर से दी गई अतिरिक्त राशि को कम आंके।
इसके अलावा को लायंस कंपनी को लेकर दिए गए कांग्रेस पार्षदों के बयान के जवाब में उन्होंने कहा कि कंपनी चंडीगढ़ में साफ सफाई का काम संभालती है और इस काम के बदले कंपनी को सालाना 50 करोड़ रुपये दिए जाते हैं । अपना काम बखूबी कर रही है। क्योंकि चंडीगढ़ के दूसरे हिस्से में दूसरी कंपनी काम करती है और उस कंपनी को 150 करोड़ रुपये दिए जाते हैं। लायंस कंपनी उस कंपनी से ज्यादा बेहतरीन काम कर रही है।
गौरतलब है कि कुछ दिन पहले कांग्रेस पार्षदों ने हरिओम पर आरोप लगाते हुए कहा था कि लायंस कंपनी चंडीगढ़ में कोई काम नहीं कर रही। लेकिन फिर भी उसे हर साल 50 करोड़ दिए जाते हैं। उन्होंने यह भी आरोप लगाया था कि हो सकता है कि इस कंपनी में चंडीगढ़ के किसी भाजपा नेता का भी शेयर हो। तभी इस कंपनी को हर साल इतनी बड़ी धनराशि दी जाती है।

बाइट- राजेश कालिया, मेयर, चंडीगढ़


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