चंडीगढ़: अग्निपथ योजना के विरोध में चंडीगढ़ कांग्रेस ने भी सोमवार को प्रदर्शन किया. इस प्रदर्शन को शांतिपूर्ण सत्याग्रह आदोंलन का नाम दिया गया है. 8 दिन पहले भी चंडीगढ़ यूथ कांग्रेस ने सेक्टर 7 में लाइट प्वाइंट पर विरोध प्रदर्शन किया था. वहीं एक बार फिर सोमवार को कांग्रेस के बड़े नेता पूरे प्रदेश में सड़क पर उतरे.
चंडीगढ़ कांग्रेस के प्रवक्ता राजीव शर्मा ने कहा कि यदि अग्निपथ योजना के प्रावधानों से सशस्त्र सेनाओं में भर्ती की गई तो सुरक्षा बलों के संस्कारों और कार्य संस्कृति का अवमूल्यन सुनिश्चित होगा. यह सुरक्षा बलों के आत्म बल पर आघात होगा. पार्टी की चंडीगढ़ इकाई सभी उपलब्ध संवैधानिक साधनों का सहारा लेकर केंद्र सरकार को इस विवादास्पद स्कीम को रद्द करने के लिए कहेगी. हाल ही में चंडीगढ़ कांग्रेस प्रधान को बदला गया है जिसके चलते हरमोहिंदर सिंह लक्की इस पर्दर्शन में नहीं दिखे.
आपको बता दें कि पूर्व प्रधान सुभाष चावला ने पांच महीने में दो पार्षदों और कुछ बड़े कार्यकर्ताओं के भाजपा में शामिल होने के बाद कांग्रेस प्रधान के पद से इस्तीफा दे दिया था. नए प्रधान के आने पर बसपा के चंडीगढ़ से जुड़े कुछ नेताओं ने कांग्रेस जॉइन कर ली थी. मोदी सरकार की अग्निपथ योजना का देशभर में विरोध हो रहा है. बीते दिनों देश में कई जगह तोड़-फोड़, आगजनी समेत हिंसा की कई घटनाएं सामने आ चुकी हैं. भारतीय सेनाओं में सिर्फ 4 साल के लिए युवाओं की भर्ती के लिए केंद्र सरकार अग्निपथ योजना लाई है.
रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने 14 जून को अग्निपथ योजना शुरू करने की घोषणा की थी. इसके तहत 4 साल के लिए भारतीय सेना में युवाओं की भर्ती होगी. चुने गए युवाओं को अग्निवीर कहा जाएगा. इस वर्ष करीब 46 हजार युवाओं को सहस्त्र बलों में शामिल करने की योजना है.
सेना में शामिल होने की तैयारियों में जुटे युवाओं का कहना है कि वे सालों तक कड़ी मेहनत करके सेना में भर्ती होने की तैयारी कर रहे हैं. ऐसे में 4 साल की नौकरी उन्हें मंजूर नहीं है. योजना के तहत भर्ती अग्निवीरों की उम्र 17 से 21 वर्ष के बीच होगी. योजना के मुताबिक भर्ती हुए 25 फीसदी युवाओं को सेना में नियमित किया जायेगा जबकि बाकी 75 फीसदी को रिटायरमेंट दे दिया जायेगा. यह सभी प्रावधान भर्ती की तैयारी कर रहे युवाओं को मंजूर नहीं हैं. इसलिए देशभर में अग्निपथ योजना का विरोध हो रहा है.