चंडीगढ़: शिमला के गुड़िया रेप मर्डर केस के आरोपी की पुलिस कस्टडी में हुई मौत के मामले में पूर्व आईजी जहूर हैदर जैदी को जेल में b-class सुविधाएं नहीं मिलेगी. बी क्लास सुविधाओं के लिए जैदी ने जो एप्लीकेशन सीबीआई कोर्ट में दायर की थी. उसे शुक्रवार को जज ने खारिज कर दिया.
जैदी ने जेल के ऑफिस का कंप्यूटर इस्तेमाल करने की इजाजत मांगी थी. उसकी ये एप्लीकेशन भी कोर्ट ने खारिज कर दी है. इन दोनों एप्लीकेशन पर अपना फैसला सुनाते हुए सीबीआई कोर्ट के जज डॉक्टर सुशील कुमार गर्ग ने कहा कि भारत देश संविधान और कानून से चलता है. देश में कानून से ऊपर कोई नहीं है.
दरअसल जैदी ने कहा था कि वो पोस्ट ग्रेजुएट हैं और टैक्सपेयर हैं. इसलिए उसे जेल में बी क्लास सुविधाएं मिलनी चाहिए. लेकिन पंजाब जेल मैनुअल के मुताबिक हत्या के आरोपियों को ये सुविधाएं नहीं मिल सकती. सीबीआई के वकील केपी सिंह ने भी बहस के दौरान ये नियम जज के सामने पेश किए. दोनों पक्षों की बहस सुनने के बाद कोर्ट ने जैदी की अर्जी खारिज कर दी.
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क्या था पूरा मामला?
2017 में कोटखाई में एक लड़की का रेप कर मर्डर कर दिया गया था. उस केस में पुलिस ने कुछ संदिग्ध आरोपियों को पकड़ा था. जिनमें सूरज नाम का आरोपी भी शामिल था. इस दौरान 18 जुलाई 2017 को सूरज की संदिग्ध हालत में मौत हो गई थी. सीबीआई जांच में सामने आया कि पुलिस के टॉर्चर से उसकी मौत हुई थी. इस केस में सीबीआई ने आईजीपी जहूर एच. जैदी, एसपी डीडब्ल्यू नेगी, ठियोग डीएसपी मनोज जोशी, कोटखाई के पूर्व एसएचओ राजिंदर सिंह, एएसआई दीप चंद, हेड कांस्टेबल सूरत सिंह, मोहन सिंह, रफी मोहम्मद अली और कांस्टेबल रंजीत को आरोपी बनाया गया था. इन सभी के खिलाफ चंडीगढ़ सीबीआई कोर्ट में ट्रायल चल रहा है.