चंडीगढ़: 39वें हुनर हाट का आयोजन चंडीगढ़ सेक्टर-17 के परेड ग्राउंड पर किया जा रहा है. इस मेले में जहां एक तरफ देश भर के हस्तशिल्प और दस्तकार अपनी बनाई वस्तुओं को प्रदर्शित कर रहे हैं, वहीं इस मेले में लोगों को अलग-अलग राज्यों के लजीज व्यंजन अपनी ओर आकर्षित कर रहे हैं. इस मेले में देश भर के तमाम राज्यों के व्यंजन मौजूद हैं, लेकिन इनमें बिहार का लिट्टी चोखा सबसे ज्यादा पसंद किया जा रहा है.
लिट्टी चोखे के दीवाने हुए लोग- मेले के अंदर गांव की थीम पर फूड कोड बनाया गया है, जिसमें झोपड़ी नुमा खाने के स्टॉल्स बनाए गए हैं. इन्हीं स्टॉल्स में से एक बिहार का भी स्टॉल है. इस स्टॉल पर बिहार का मुख्य खाना लिट्टी-चोखा बनाया जा रहा है और लोग इस लिट्टी चोखे को काफी पसंद कर रहे हैं. लिट्टी चोखा बनाने वाले फूल शाह ने बताया कि उनकी उम्मीद से ज्यादा लोगों को इसका स्वाद पसंद आ रहा है.
लिट्टी चोखा बना रोजगार का जरिया- फूल शाह प्रतिदिन 70 से 75 हजार का लिट्टी चोखा बेच रहे हैं. फूल शाह बताते हैं कि लिट्टी चोखा काफी लोकप्रिय है. इससे उन्हें प्रतिदिन अच्छी कमाई भी हो रही है. वे रोजाना 70 हजार रुपए तक की बिक्री करते हैं. उन्होंने अपने स्टाल पर कोयले की एक छोटी सी अंगीठी बना रखी है, जिस पर वे लिट्टी को तैयार करते हैं. लिट्टी को गेहूं के आटे से तैयार किया जाता है. इसमें सत्तू और अन्य मसालों की स्टफिंग की जाती है. इसके बाद इसे अंगीठी पर कोयले की हल्की आंच पर सेका जाता है. लिट्टी तैयार होने के बाद इसको देसी घी में डुबोया जाता है. इसके बाद चोखे और कई तरह की चटनियों के साथ इसे परोसा जाता है.
दोस्तों और परिवार के साथ पहुंच रहे लोग- बिहार के इस मशहूर खाने का जो भी एक बार स्वाद चखकर जाता है, वह दोबारा अपने दोस्तों और परिवार को यहा लेकर आता है. मेले में घूमने आए हरीश बताते हैं कि आमतौर पर चंडीगढ़ में लिट्टी चोखा नहीं मिलता है. ये यहां के लोगों के लिए एक नया स्वाद है. पहले वह अकेले आए थे अब वह अपनी बेटी को इसका स्वाद चखाने के लिए बिहार के स्टाल पर लेकर आए हैं. वैसे भी ये खाना देश और दुनिया में मशहूर है. इसके अलावा यहां पर अनरसा (चावल के आटे और मावा से तैयार होने वाली स्वीट डिश) और ठेकुआ (छठ पर्व तैयार की जाने वाली स्वीट डिश) के स्वाद को भी लोग काफी पसंद कर रहे हैं.
फूड कोर्ट में लगाए गए हैं 60 स्टाल- चंडीगढ़ सेक्टर-17 के परेड ग्राउंड में लगे हुनर हाट मेले के फूड कोर्ट में खाने के 60 स्टाल लगाए गए हैं. यहां आने वाले वेजिटेरियन और नॉन वेजिटेरियन फूड पसंद करने वालों का खास खयाल रखा गया है. इसके लिए अलग-अलग फूड कोर्ट बनाए गए हैं. वेजिटेरियन फूड कोर्ट को गांव की थीम पर बनाया गया है, जिसमें हर स्टाल में अलग-अलग राज्य के फूड आइटम बनाए जा रहे हैं.
हुनर हाट में पहुंचे हैं 700 दस्तकार- 39वें हुनर हाट का आयोजन वोकल फॉर लोकल और स्वदेशी एवं स्वावलंबन थीम पर किया जा रहा है. हुनर हाट में 30 से ज्यादा राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के लगभग 700 दस्तकार, शिल्पकार, कारीगर अपने स्वदेशी हस्तनिर्मित उत्पादनों की प्रदर्शनी एवं बिक्री के लिए आये हैं. हुनर हाट में उत्तर प्रदेश, उत्तराखंड, राजस्थान, दिल्ली, नागालैंड, मध्य प्रदेश, मणिपुर, बिहार, आंध्र प्रदेश, झारखंड, गोवा, पंजाब, लद्दाख, कर्नाटक, गुजरात, हरियाणा, जम्मू-कश्मीर, पश्चिम बंगाल, महाराष्ट्र, छत्तीसगढ़, तमिलनाडु, केरल एवं अन्य क्षेत्रों से हुनर के उस्ताद कारीगर अपने साथ लकड़ी, ब्रास, बांस, शीशे, कपड़े, कागज, मिट्टी आदि के शानदार उत्पाद लेकर आये हैं.
कब तक चलेगा मेला? हुनर हाट में शामिल होने के लिए देश के कोने-कोने से आने वाले कलाकारों के आने-जाने, रहने और खाने का इंतजाम भी केंद्र सरकार की ओर से किया जाता है. इतना ही नहीं हर स्टाल मालिक को प्रतिदिन 1000 रुपये भी सरकार की ओर से दिए जाते हैं. इस मेले में चंडीगढ़ के लोगों को अलग-अलग राज्यों के शिल्पकार द्वारा बनाए गए सामान खरीदने का मौका मिल रहा है. हुनर हाट का आगाज केंद्रीय मंत्री मुख्तार अब्बास नकवी ने 25 मार्च को किया था. यह मेला 3 अप्रैल तक चलेगा.
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