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हर तरफ से मार झेल रहे किसानों को तेल के दाम में राहत दे सरकार- हुड्डा - भूपेंद्र सिंह हुड्डा बयान तेल के दाम

पूर्व सीएम भूपेंद्र सिंह हुड्डा ने आरोप लगाया कि बीजेपी सरकार किसानों की परेशानियों से लगातार नजरें चुरा रही है. गन्ना किसानों की करोड़ों रुपये की पेमेंट पेंडिंग है और आढ़तियों को भी मजदूरी का भुगतान अब तक नहीं किया गया है. वहीं हुड्डा ने तेल के दामों में हुई बढ़ोतरी को भी वापस लेने की मांग की है.

bhupinder singh hooda on farmers
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Published : Jul 30, 2020, 7:32 PM IST

चंडीगढ़ः पूर्व मुख्यमंत्री और नेता प्रतिपक्ष भूपेंद्र सिंह हुड्डा ने हरियाणा में तेल के दाम कम करने की मांग उठाई है. हुड्डा का कहना है कि लॉकडाउन की पाबंदियां काफी हद तक समाप्त हो चुकी हैं. सरकार की आमदनी के लगभग तमाम जरिए खुल चुके हैं. ऐसे में कोरोना काल और उससे पहले हुई तेल के दामों में बढ़ोतरी को वापस लिया जाए. प्रदेश और केंद्र सरकार दोनों को अपने करों में कटौती करनी चाहिए. अंतर्राष्ट्रीय बाजeर में कच्चे तेल की कीमत 2004 के स्तर पहुंच चुकी है, लेकिन सरकार टैक्स पर टैक्स लगाकर इसे महंगा करने में लगी है.

हरियाणा सरकार भी करे तेल पर वैट कम

अब तो दिल्ली सरकार ने तेल सस्ता करने की दिशा में फैसला लेते हुए 8.36 रुपये डीजल के रेट कम किए हैं. हरियाणा की बीजेपी सरकार को भी तेल पर लगने वाले वैट को कम करके कांग्रेस कार्यकाल के स्तर पर लाना चाहिए. हमारे कार्यकाल में डीजल पर वैट करीब 9% था, जो बीजेपी सरकार में लगभग डबल हो गया है. इसकी सबसे ज़्यादा मार किसान पर पड़ रही है. नेता प्रतिपक्ष ने कहा कि डीजल का सीधा संबंध महंगाई से है. तेल के दाम बढ़ने से आम जनता पर चौतरफा महंगाई की मार पड़ रही है. किसान की कृषि लागत बढ़ गई है.

कोरोना के नाम पर किसानों से हो रही वसूली

पहले से सरकारी नीतियों की मार झेल रहे किसान से आज भी कोरोना के नाम पर वसूली हो रही है. इसी बीच टिड्डी दल ने किसानों की परेशानी बढ़ा दी है. पलवल, महेंद्रगढ़, रेवाड़ी, गुरुग्राम, सिरसा, हिसार, झज्जर और सोनीपत के बाद टिड्डी दल ने रोहतक के खेतों में भी कहर बरपाया है. किसानों की खड़ी फसलों को भारी नुकसान हुआ है, लेकिन बीमा कंपनियां टिड्डी दल से हुए नुकसान का मुआवजा देने से इंकार कर रही हैं. ऐसे में जरूरत है कि सरकार किसानों की मदद के लिए आगे आए और टिड्डी हमले से नुकसान की स्पेशल गिरदावरी करवाई जाए. सरकार को फौरन क्षति का आंकलन कर उचित मुआवजा देना चाहिए.

ये भी पढ़ें- मस्जिद के अंदर खुलेआम चल रहा मदरसा, ईटीवी भारत की पड़ताल में हुआ खुलासा

पूर्व मुख्यमंत्री ने मांग की है कि सरकार को टिड्डी हमले से बचाव के लिए होने वाले दवाई छिड़काव घोटाले की भी गंभीरता से जांच करवानी चाहिए क्योंकि कई जगहों से शिकायत मिली थी कि वहां दवाई के नाम पर पानी का छिड़काव करवा दिया गया. हरियाणा सरकार की तरफ से टिड्डी से बचाव के लिए हर एक किसान को सहायता राशि मुहैया करवानी चाहिए, ताकि वो अपने स्तर पर दवाई का छिड़काव कर सके.

गन्ना किसानों की करोड़ों रुपये की पेमेंट बकाया

हुड्डा ने आरोप लगाया कि बीजेपी सरकार किसानों की परेशानियों से लगातार नजरें चुरा रही है. बार-बार शिकायत करने के बावजूद गन्ना किसानों की करोड़ों रुपये की पेमेंट पेंडिंग है. आढ़तियों को मजदूरी का भुगतान अब तक नहीं किया गया. बारिश की वजह से प्रदेश के कई इलाकों में हुए जलभराव का भी कोई समाधान नहीं किया जा रहा. जलभराव की वजह से कई फसलों को काफी नुकसान पहुंचा है. किसान उसके लिए मुआवजे की मांग कर रहे हैं. दूसरी तरफ हर साल इन दिनों में मिलने वाले राईस सूट भी किसानों को अब तक नहीं मिले हैं. सरकार को चाहिए कि वो वक्त रहते किसानों की इन तमाम मांगों और समस्याओं पर गौर करें.

ये भी पढ़ें- रोहतक PGI का दावा: हेपेटाइटिस की दवा मार सकती है कोरोना, ट्रायल की मांगी अनुमति

चंडीगढ़ः पूर्व मुख्यमंत्री और नेता प्रतिपक्ष भूपेंद्र सिंह हुड्डा ने हरियाणा में तेल के दाम कम करने की मांग उठाई है. हुड्डा का कहना है कि लॉकडाउन की पाबंदियां काफी हद तक समाप्त हो चुकी हैं. सरकार की आमदनी के लगभग तमाम जरिए खुल चुके हैं. ऐसे में कोरोना काल और उससे पहले हुई तेल के दामों में बढ़ोतरी को वापस लिया जाए. प्रदेश और केंद्र सरकार दोनों को अपने करों में कटौती करनी चाहिए. अंतर्राष्ट्रीय बाजeर में कच्चे तेल की कीमत 2004 के स्तर पहुंच चुकी है, लेकिन सरकार टैक्स पर टैक्स लगाकर इसे महंगा करने में लगी है.

हरियाणा सरकार भी करे तेल पर वैट कम

अब तो दिल्ली सरकार ने तेल सस्ता करने की दिशा में फैसला लेते हुए 8.36 रुपये डीजल के रेट कम किए हैं. हरियाणा की बीजेपी सरकार को भी तेल पर लगने वाले वैट को कम करके कांग्रेस कार्यकाल के स्तर पर लाना चाहिए. हमारे कार्यकाल में डीजल पर वैट करीब 9% था, जो बीजेपी सरकार में लगभग डबल हो गया है. इसकी सबसे ज़्यादा मार किसान पर पड़ रही है. नेता प्रतिपक्ष ने कहा कि डीजल का सीधा संबंध महंगाई से है. तेल के दाम बढ़ने से आम जनता पर चौतरफा महंगाई की मार पड़ रही है. किसान की कृषि लागत बढ़ गई है.

कोरोना के नाम पर किसानों से हो रही वसूली

पहले से सरकारी नीतियों की मार झेल रहे किसान से आज भी कोरोना के नाम पर वसूली हो रही है. इसी बीच टिड्डी दल ने किसानों की परेशानी बढ़ा दी है. पलवल, महेंद्रगढ़, रेवाड़ी, गुरुग्राम, सिरसा, हिसार, झज्जर और सोनीपत के बाद टिड्डी दल ने रोहतक के खेतों में भी कहर बरपाया है. किसानों की खड़ी फसलों को भारी नुकसान हुआ है, लेकिन बीमा कंपनियां टिड्डी दल से हुए नुकसान का मुआवजा देने से इंकार कर रही हैं. ऐसे में जरूरत है कि सरकार किसानों की मदद के लिए आगे आए और टिड्डी हमले से नुकसान की स्पेशल गिरदावरी करवाई जाए. सरकार को फौरन क्षति का आंकलन कर उचित मुआवजा देना चाहिए.

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पूर्व मुख्यमंत्री ने मांग की है कि सरकार को टिड्डी हमले से बचाव के लिए होने वाले दवाई छिड़काव घोटाले की भी गंभीरता से जांच करवानी चाहिए क्योंकि कई जगहों से शिकायत मिली थी कि वहां दवाई के नाम पर पानी का छिड़काव करवा दिया गया. हरियाणा सरकार की तरफ से टिड्डी से बचाव के लिए हर एक किसान को सहायता राशि मुहैया करवानी चाहिए, ताकि वो अपने स्तर पर दवाई का छिड़काव कर सके.

गन्ना किसानों की करोड़ों रुपये की पेमेंट बकाया

हुड्डा ने आरोप लगाया कि बीजेपी सरकार किसानों की परेशानियों से लगातार नजरें चुरा रही है. बार-बार शिकायत करने के बावजूद गन्ना किसानों की करोड़ों रुपये की पेमेंट पेंडिंग है. आढ़तियों को मजदूरी का भुगतान अब तक नहीं किया गया. बारिश की वजह से प्रदेश के कई इलाकों में हुए जलभराव का भी कोई समाधान नहीं किया जा रहा. जलभराव की वजह से कई फसलों को काफी नुकसान पहुंचा है. किसान उसके लिए मुआवजे की मांग कर रहे हैं. दूसरी तरफ हर साल इन दिनों में मिलने वाले राईस सूट भी किसानों को अब तक नहीं मिले हैं. सरकार को चाहिए कि वो वक्त रहते किसानों की इन तमाम मांगों और समस्याओं पर गौर करें.

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