चंडीगढ़: उत्तर प्रदेश के मुजफ्फरनगर जिले की मीरापुर सीट से भाजपा के टिकट पर चुनाव जीतकर विधानसभा पहुंचे अवतार भड़ाना की दोबारा कांग्रेस में वापसी हो गई है. भड़ाना ने गुरुवार को इस्तीफा देकर प्रियंका गांधी की मौजूदगी में दोबारा कांग्रेस ज्वाइन कर ली है.
भड़ाना का पॉलिटिकल करियर
सबसे पहले आपको बता दें कि 2008 के परिसीमन के बाद मीरापुर विधानसभा सीट बनी. 2012 में पहली बार इस सीट से बसपा के जमील अहमद कासमी चुनाव जीते थे. दूसरी बार इस सीट से अवतार भड़ाना ने चुनाव लड़ा और भारी मतों से जीत हासिल कर यूपी विधानसभा पहुंचे थे. अब लोकसभा चुनाव से पहले अवतार भड़ाना ने भाजपा छोड़ने और विधायक पद से इस्तीफा देने का ऐलान कर दिया है.
अवतार भड़ाना ने अपने राजनीतिक करियर की शुरुआत चौधरी देवीलाल की पार्टी से की थी. देवीलाल की पार्टी आज इनेलो है , लेकिन 80 के दशक में कई बार नाम बदले गए. 1988 में अवतार भड़ाना ने पानीपत में गुर्जर समुदाय का एक सम्मेलन करवाया, जिसमें चौधरी देवीलाल भी पहुंचे थे. इससे खुश होकर देवीलाल ने उस समय भड़ाना को बिना चुनाव जीते ही अपनी सरकार में स्थानीय निकाय मंत्री बना दिया. 1988-89 में भड़ाना पहली बार हरियाणा सरकार में मंत्री बने.
इसके बाद भड़ाना ने पहली बार 1991 में फरीदाबाद लोकसभा सीट से कांग्रेस के टिकट पर चुनाव लड़ा और जीते. इसके बाद फिर कांग्रेस के टिकट पर मेरठ लोकसभा सीट से चुनाव लड़ा और संसद पहुंचे. 2004 और 2009 में भड़ाना ने दोबारा फरीदाबाद संसदीय सीट से चुनाव लड़कर जीत हासिल की, लेकिन 2014 में चली मोदी लहर में भड़ाना फरीदाबाद से चुनाव हार गए. 2014 में यहां से कृष्ण पाल गुर्जर ने भड़ाना को 4.60 लाख वोटों से हराया था.
हार के तुरंत बाद भड़ाना इनेलो की कश्ती में सवार हो गए. अभी तिहाड़ में बंद ओपी चौटाला ने अवतार भड़ाना को पार्टी का राष्ट्रीय उपाध्यक्ष भी बनाया, लेकिन भड़ाना इंडियन नेशनल लोकदल में ज्यादा दिन नहीं टिके. 2015 में उन्होंने भाजपा का दामना पकड़ा और 2017 में उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव लड़ा. भड़ाना ने मुज्जफरनगर के मीरापुर सीट से भाजपा के टिकट पर चुनाव लड़ा और भारी मतों से जीतकर विधानसभा पहुंचे. बात भड़ाना के मौजूदा प्रभार की करें तो अभी वो भाजपा की राष्ट्रीय कार्यकारिणी के सदस्य भी हैं.
कृष्णपाल गुर्जर को दी थी चुनौती
16 जनवरी को पलवल में एक कार्यक्रम में आए अवतार भड़ाना ने मंच से फरीदाबाद से मौजूदा सांसद और केंद्रीय राज्य मंत्री कृष्णपाल गुर्जर को खुली चुनौती दे दी थी. भड़ाना ने कहा था कि गुर्जर मेरे सामने चुनाव लड़कर दिखाएं, अगर वो अपनी जमानत भी बचा लें तो मैं राजनीति छोड़ दूंगा.
आपको बता दें कि अवतार सिंह भड़ाना हरियाणा के बड़े व्यापारियों की लिस्ट में आते हैं. बात उनकी शैक्षणिक योग्यता की करें तो वो सिर्फ 8वीं पास हैं, लेकिन बेटे को विदेश से पढ़ाया है.