चंडीगढ़: हरियाणा में भर्तियों को लेकर हमेशा से कोई ना कोई विवाद रहा है. इसी कड़ी में पूर्व कांग्रेस सरकार के समय में भर्ती किए गए 816 ड्राइंग टीचर की नौकरी भी अब खतरे के जद में आ गई है. कांग्रेस सरकार के समय में भर्ती 816 ड्राइंग टीचरों को भी अब नौकरी से निकाले जाने की तैयारी शुरू हो गई है.
सुप्रीम कोर्ट में केस हारे ड्राइंग टीचर
हाईकोर्ट में केस हारने के बाद यह ड्राइंग टीचर सुप्रीम कोर्ट की शरण में गए थे. जहां पर इनकी याचिका खारिज होने के बाद मौलिक शिक्षा विभाग के महानिदेशक ने सभी जिला मौलिक शिक्षा अधिकारियों से इनकी रिपोर्ट मांग ली है. इसके बाद इन टीचरों की बर्खास्तगी की प्रक्रिया शुरू हो सकती है. जानकारी के मुताबिक इन टीचर ऊपर सोमवार तक कार्रवाई भी हो सकती है.
भर्ती में अनियमितताएं पाई गई
ड्राइंग टीचरों की भर्ती के लिए साल 2006 में विज्ञप्ति निकाली गई थी. यह प्रक्रिया साल 2008 तक चली. जिसके बाद 2010 में इन टीचरों को ज्वॉइनिंग दी गई थी. आरोप है कि इस भर्ती में उस वक्त की सरकार ने अनियमितताएं बरती थी. इस मामले में ड्राइंग टीचर हाई कोर्ट की सिंगल बेंच के बाद डबल बेंच में गए थे, लेकिन वहां भी वे केस हार गए.
सोमवार को जारी हो सकते हैं बर्खास्तगी के आदेश
इसके बाद देश की सबसे बड़ी अदालत सुप्रीम कोर्ट से भी राहत नहीं मिली. अब विभाग जल्द ही इन्हें नौकरी से बर्खास्त करेगा. क्योंकि महानिदेशक ने सभी जिला मौलिक शिक्षा अधिकारियों को निर्देश दिए हैं कि 21 दिसंबर की दोपहर 2 बजे तक इनकी सूचना अनिवार्य रूप से भिजवा दें. इसके लिए 19 व 20 दिसंबर को शनिवार व रविवार का अवकाश होने पर भी कार्यालय खोलकर काम किया जाए. जानकारी के मुताबिक इन सभी को बर्खास्त करने की नोटिफिकेशन सोमवार को हो सकती है.
बता दें कि यह एक साल में भूपेंद्र हुड्डा सरकार की दूसरी भर्ती है, जिसे रद्द कर वर्षों से नौकरी कर रहे कर्मचारियों को घर भेजा जा सकता है. इससे पहले 1983 पीटीआई की छुट्टी की जा चुकी है. हालांकि उन्हें 25 हजार रुपए मासिक के आधार पर वालिंटियर के आधार पर रखा जा रहा है. ऐसे में यह भी कयास लगाया जा रहा है कि इन ड्राइंग टीचरों की भी इनकी तर्ज पर सरकार एडजस्ट कर सकती है.
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