चंडीगढ़: हरियाणा के उप मुख्यमंत्री दुष्यंत चौटाला ने कहा कि प्रदेश में 7 स्पेशल इकोनामिक जोन में लगभग 10000 करोड़ रुपए के निवेश का लक्ष्य रखा गया है. जिससे एक लाख युवाओं के लिए रोजगार के अवसर पैदा होंगे.
डिप्टी सीएम ने बताया कि प्रदेश में उद्योगों को बढ़ावा देने के लिए बेहतर इंफ्रास्ट्रक्चर तैयार किया गया है ताकि ज्यादा से ज्यादा विदेशी निवेश को हरियाणा में लाया जा सके. उन्होंने बताया कि हरियाणा सरकार की ओर से जानी-मानी से कोविड-19 के दौरान भी वेबीनार के माध्यम से हरियाणा में निवेश के लिए बातचीत हुई है. इस चर्चा के दौरान उक्त कंपनियों के प्रतिनिधियों ने भरपूर उत्साह दिखाया है.
डिप्टी सीएम के मुताबिक हरियाणा में विदेशी निवेश से उद्योगों को स्थापित करने के लिए माहौल अनुकूल है. ईज ऑफ डूइंग बिजनेस के मामले में हरियाणा उत्तर भारत में पहले और देश में तीसरे स्थान पर है. हरियाणा सरकार का लक्ष्य राज्य को टॉप पर ले जाने का है.
उन्होंने जानकारी दी कि प्रदेश में उद्योगों को विकसित करने के लिए हरियाणा राज्य औद्योगिक एवं आधारभूत संरचना विकास निगम की ओर से 34 इंडस्ट्रियल स्टेट तैयार किए गए हैं. इनमें अलग-अलग प्रकार के 1100 से अधिक औद्योगिक प्लांट आईएमटी फरीदाबाद, बावल, मानेसर, पानीपत और गुरुग्राम में उपलब्ध है.
उप मुख्यमंत्री ने बताया कि हरियाणा देश में कैपिटल गुड्स मैन्युफैक्चरर्स के क्षेत्र में अग्रणी क्षमता रखता है. इसके लिए मानेसर क्षेत्र अहम रोल अदा कर रहा है. इसके अलावा दिल्ली, मुंबई व अमृतसर और कोलकाता एक्सप्रेस वे तथा कुंडली-मानेसर-पलवल एक्सप्रेस-वे पर मुख्य इंडस्ट्रियल कार्य डोर विकसित किया जा रहा है. जो पूरे प्रदेश को कवर करते हुए औद्योगिक यूनिट की कनेक्टिविटी को अब और बंदरगाह से जुड़ेगा.
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