भिवानी: केंद्र सरकार और प्रदेश सरकार द्वारा हरियाणा में हर घर में नल का दावा तो किया जा रहा है लेकिन जमीनी स्तर पर सरकार के यह दावे खोखले नजर आ रहे हैं. हम ऐसा इसलिए कह रहे हैं क्योंकि जिला भिवानी के करीब 900 घरों और पांच हजार आबादी वाले गांव उमरावत में पिछले दो दशकों से पानी की किल्लत से लोग जूझ रहे (WATER PROBLEM IN UMRAWAT VILLAGE) हैं. इस गांव में कोई भी जल स्रोत नहीं है. गांव में भूमिगत पानी तो है लेकिन वो भी खारा है.
उमरावत गांव के हालात ऐसे हैं कि उन्हें पानी खरीद कर पीना पड़ रहा है. हालांकि जनस्वास्थ्य विभाग द्वारा गांव में एक टैंक का निर्माण तो करवाया गया है लेकिन वह भी खाली होता (WATER PROBLEM IN BHIWANI) है. ग्रामीणों का कहना है कि पिछले 20 सालों से पानी की यह समस्या ज्यों की त्यों बनी हुई है. ग्रामीण कई बार इस समस्या को सरकार के समक्ष उठा चुके हैं लेकिन उनकी सुध लेने वाला कोई नहीं. आज तक इस समस्या का समाधान नहीं निकल पाया है. सरकार आंख बंद कर बैठी हुई है.
ग्रामीणों का कहना है कि जमीन का खारा पानी पीने की वजह से उन्हें चर्म रोग हो चुका है. उनका कहना है प्रतिमाह उन्हें 1200 से 1500 रुपए के बीच पानी का खर्च उठाना पड़ रहा (NO WATER SOURCE IN UMRAWAT VILLAGE) है, क्योंकि पानी का एक टैंकर 600-700 रुपए का पड़ता है, जो मुश्किल से 10 दिन ही निकाल पाता है. पानी दूर दराज के इलाकों से लाने के कारण उनके बच्चों की भी पढ़ाई पर असर पड़ रहा है.
वहीं गांव उमरावत में पानी की समस्या के बारे में जनस्वास्थ्य विभाग के एसडीओ मोहित शर्मा ने कहा कि इस गांव में पानी की काफी समस्या है. उन्होंने कहा कि जिला भिवानी के गांव उमरावत में पानी की समस्या को दूर करने के लिए नया प्रोजेक्ट तैयार करने का प्रपोजल उच्च अधिकारियों को भेज दिया गया (WATER SCARCITY IN UMRAWAT VILLAGE) है. मंजूरी मिलते ही कार्य शुरू हो किया जाएगा. जिससे लोगों की पानी की समस्या दूर हो जाएगी. उनका कहना है फिलहाल जमीन के पानी को फिल्टर करके सप्लाई किया जा रहा है.
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