भिवानी: कोरोना काल की मार झेल रहे लोगों पर अब महंगाई की मार पड़ रही है. जो लोग सस्ते के चक्कर में सब्जी मंडी जाते हैं, वो भी भाव सुनकर हैरान रह जाते हैं. मजबूरन वो सोच से आधी सब्जी लेकर मायूस लौट रहे हैं.
कोरोना काल में लोगों के आय के संसाधन सीमित हो रहे हैं. ऐसे में हर कोई दो-दो पैसे की बचत करने में जुटा है, लेकिन हर रोज बढ़ती महंगाई में आमजन चाह कर भी बचत नहीं कर पा रहा.
गैरजरूरी चीजों की खरीद ना करने पर भी आमजन को पेट भरने के लिए सब्जी तो हर रोज चाहिए. जब लोग सस्ते में सब्जी खरीदने सब्जी मंडी पहुंचते हैं तो भाव सुन कर वहां भी रोंगटे खड़े हो जाते हैं. बात करें भिवानी सब्जी मंडी में भाव की तो यहां हर सब्जी के भाव दो से ढाई गुना हो गए हैं.
कुछ ऐसे हैं अभी मंडी में सब्जियों के दाम-
सब्जी | पहले के रेट | अब के रेट |
टमाटर | 20-25 रु प्रति किलो | 50 रु प्रति किलो |
घिया | 10 रु प्रति किलो | 20-25 रु प्रति किलो |
हरी मिर्च | 25-30 रु प्रति किलो | 40-50 रु प्रति किलो |
भिंडी | 15-20 रु प्रति किलो | 40 रु प्रति किलो |
प्याज | 12-15 रु प्रति किलो | 25-30 रु प्रति किलो |
आलू | 10-12 रु प्रति किलो | 30 रु प्रति किलो |
मंडी में आने वाले ग्राहक परेशान
सब्जियों के इन आसमानी भावों से आम ग्राहक बेहद परेशान हैं. मंडी में सब्जी लेने आए लोगों ने बताया कि वो सस्ती सब्जी सोचकर यहां खरीदने आए थे, लेकिन हर सब्जी के भाव दो गुणा हो गए हैं. ऐसे में वो जो सोच कर आए थे उससे आधी सब्जी लेकर जा रहे हैं. भाव बढ़ने से ना केवल ग्राहक बल्कि यहां से सब्जी खरीदने आने वाले दुकानदार भी परेशान हैं.
सब्जी व्यापारी को भी हो रहा नुकसान
सब्जी बेचने वाले मदनलाल का कहना है कि बारिश होने की वजह से सब्जियां खराब हुई हैं, जिससे आवक कम हुई है और भाव दो गुणा हो गए हैं. खरीद कम होने से उन्हें कुछ कमाई नहीं हो रही. लोग कम सब्जी खरीद रहे हैं जिस वजह से कभी-कभी सब्जी फेंकनी भी पड़ती है.
एक तरफ कोरोना काल की मार और दूसरी तरफ बारिश के कारण बढ़े सब्जियों के दामों ने आमजन का जीना दुशवार कर दिया है. ऐसे में लोग सरकार से जल्द कुछ ना कुछ राहत देने की उम्मीद कर रहे हैं ताकि उनका किसी तरह से गुजर बसर तो हो.
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