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भिवानी पशु पालन विभाग ने बुलोसा रोग के लिए चलाया टीकाकरण अभियान - Symptoms of Bullosa disease

भिवानी पशु पालन विभाग ने बुलोसा बीमारी के लिए टीकाकरण अभियान चलाया है. 30 अक्टूबर तक यह अभियान चलाया जाएगा. टीकाकरण के बाद पशुओं का आनॅलाइन रिकार्ड लिया जाएगा.

vaccination campaign in bhiwani
vaccination campaign in bhiwani
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Published : Oct 17, 2022, 6:25 PM IST

भिवानी : हरियाणा के भिवानी में पशुपालन विभाग ने टीकाकरण अभियाना चलाया (vaccination campaign in bhiwani) है. यह टीकाकरण अभियान पशुओं में होने वाली बुलोसा बीमारी को लेकर चलाया गया है. उपायुक्त नरेश नरवाल के मार्गदर्शन में पशुपालन और डायरी विभाग ने पशुओं में बुलोसा बीमारी को खत्म करने अभियान छेड़ा है. बता दें कि इस अभियान की शुरुआत सोमवार से जिले के बलियाली गांव से की गई.

पशुपालन विभाग के उप निदेशक डॉ. सुखदेव राठी ने बुलोसा बीमारी के बचाव के बारे में बताया. उन्होंने कहा कि चार से आठ महीने तक की कटड़ियों और बछड़ियों में यह टीका लगाया जाता है. टीका एक बार लगने के बाद पशु की गर्भपात की पूरी उम्र सुरक्षा हो जाती है. इस टीके के बाद बुलोसा रोग से बचाव (prevention of bullosa disease) के अंतिम दिनों में होने वाला गर्भपात रूक जाता है.

उन्होंने बताया कि बुलोसा एक ऐसी बीमारी है, जो पशुओं से पशुओं में और पशुओं से इंसानों मे फैलती है. यह बीमारी ग्रसित पशु की जेर उठाने और दूध से भी इंसानें में फैल सकती है. इस बीमारी इतनी खतरनाक है कि इंसानों में नपुसंकता भी आ सकती है. उन्होंने बताया कि 30 अक्टूबर तक टीकाकरण करने के बाद इन सभी पशुओं का रिकार्ड भी आनॅलाईन किया जाएगा.

ये भी पढ़ें- 'एनडीआरआई की क्लोन तकनीक सफल': क्लोन भैंस गरीमा2 से पैदा हुई सातवीं संतान भी स्वस्थ

इंसानों में इसके संक्रमण के बाद होने वाले लक्षणों के बारे में बताते हुए डॉ. राठी ने बताया कि बुलोसा रोग के लक्षण (Symptoms of Bullosa disease) में इंसान का स्वभाव चिड़चिड़ा हो जाने के साथ जोड़ों में दर्द रहना शुरू हो जाता है. इसके अलावा बुखार आ जाता है. अगर इस बुलोसा बीमारी की पहचान नहीं हो पाती तो इसका इलाज भी लंबा चलता है.

भिवानी : हरियाणा के भिवानी में पशुपालन विभाग ने टीकाकरण अभियाना चलाया (vaccination campaign in bhiwani) है. यह टीकाकरण अभियान पशुओं में होने वाली बुलोसा बीमारी को लेकर चलाया गया है. उपायुक्त नरेश नरवाल के मार्गदर्शन में पशुपालन और डायरी विभाग ने पशुओं में बुलोसा बीमारी को खत्म करने अभियान छेड़ा है. बता दें कि इस अभियान की शुरुआत सोमवार से जिले के बलियाली गांव से की गई.

पशुपालन विभाग के उप निदेशक डॉ. सुखदेव राठी ने बुलोसा बीमारी के बचाव के बारे में बताया. उन्होंने कहा कि चार से आठ महीने तक की कटड़ियों और बछड़ियों में यह टीका लगाया जाता है. टीका एक बार लगने के बाद पशु की गर्भपात की पूरी उम्र सुरक्षा हो जाती है. इस टीके के बाद बुलोसा रोग से बचाव (prevention of bullosa disease) के अंतिम दिनों में होने वाला गर्भपात रूक जाता है.

उन्होंने बताया कि बुलोसा एक ऐसी बीमारी है, जो पशुओं से पशुओं में और पशुओं से इंसानों मे फैलती है. यह बीमारी ग्रसित पशु की जेर उठाने और दूध से भी इंसानें में फैल सकती है. इस बीमारी इतनी खतरनाक है कि इंसानों में नपुसंकता भी आ सकती है. उन्होंने बताया कि 30 अक्टूबर तक टीकाकरण करने के बाद इन सभी पशुओं का रिकार्ड भी आनॅलाईन किया जाएगा.

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इंसानों में इसके संक्रमण के बाद होने वाले लक्षणों के बारे में बताते हुए डॉ. राठी ने बताया कि बुलोसा रोग के लक्षण (Symptoms of Bullosa disease) में इंसान का स्वभाव चिड़चिड़ा हो जाने के साथ जोड़ों में दर्द रहना शुरू हो जाता है. इसके अलावा बुखार आ जाता है. अगर इस बुलोसा बीमारी की पहचान नहीं हो पाती तो इसका इलाज भी लंबा चलता है.

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