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हरियाणा का चाय बेचने वाला बॉक्सर, बिना मदद के जीत रहा है मेडल

हर खिलाड़ी का सपना होता है देश के लिए मेडल जीतने का लेकिन जब देश ही खिलाड़ी के लिए कुछ नहीं करेगा तो वो मेडल किस तरह जीतेगा. ऐसी ही कुछ कहानी है हरियाणा भिवानी जिले के चाय बेचने वाले बॉक्सर लुक्का की.

pro boxer rajesh lukka
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Published : Jun 19, 2019, 4:30 PM IST

भिवानी: राजेश कसाना उर्फ लुक्का आज प्रो बॉक्सिंग में अपना अच्छा नाम कमा रहे हैं. इसकी शुरुआत हुई थी 2006 से. लुक्का ने पहला मेडल 2008 में स्कूल स्टेट चैंपियनशिप में हासिल किया था और इसके बाद मेडल जीतने का ये सिलसिला यूं ही जारी रहा. ईटीवी भारत से राजेश लुक्का ने अपने इस सफर की पूरी कहानी बताई.

चाय बेचकर मेडल जीत रहा है भिवानी का बॉक्सर लुक्का, देखिए ये रिपोर्ट.

खोलनी पड़ी चाय की दुकान
इस दौरान उन्हें कई तरह की परेशानियों का सामना भी करना पड़ा. पैसों की कमी, डाइट भी पूरी ना मिलना, पिता और बहन का निधन हो जाना. घर के हालात इतने खराब हो गए कि लुक्का को चाय की दुकान खोलनी पड़ी लेकिन बॉक्सिंग नहीं छोड़ी. सुबह-शाम प्रैक्टिस की और बाकी समय में चाय बेचकर घर को संभालते रहे. फिर केस होने के कारण दुकान बंद हो गई. कठिनाईयां बढ़ती जा रही थी. वहीं मुश्किल के इस समय में सरकार की ओर से भी कोई मदद नहीं मिली.

सरकार से नौकरी देने की लगाई गुहार
लुक्का अब सीनियर वर्ल्ड टाइटल की तैयारी कर रहे हैं. उन्होंने ईटीवी भारत के जरिए सरकार से एक छोटी सी नौकरी देने की गुहार लगाई है. राजेश लुक्का की तरह और भी कई खिलाड़ी हैं जो मदद की राह देख रहे हैं. अगर इन्हें सहायता मिल जाए तो ये देश के लिए ज्यादा से ज्यादा मेडल जीतने में कोई कसर नहीं छोड़ेंगे. अब देखना ये है कि सबसे बेहतर खेल नीति होने का दम भरने वाली हरियाणा सरकार इनकी मदद करने के लिए कब आगे बढ़ेगी.

भिवानी: राजेश कसाना उर्फ लुक्का आज प्रो बॉक्सिंग में अपना अच्छा नाम कमा रहे हैं. इसकी शुरुआत हुई थी 2006 से. लुक्का ने पहला मेडल 2008 में स्कूल स्टेट चैंपियनशिप में हासिल किया था और इसके बाद मेडल जीतने का ये सिलसिला यूं ही जारी रहा. ईटीवी भारत से राजेश लुक्का ने अपने इस सफर की पूरी कहानी बताई.

चाय बेचकर मेडल जीत रहा है भिवानी का बॉक्सर लुक्का, देखिए ये रिपोर्ट.

खोलनी पड़ी चाय की दुकान
इस दौरान उन्हें कई तरह की परेशानियों का सामना भी करना पड़ा. पैसों की कमी, डाइट भी पूरी ना मिलना, पिता और बहन का निधन हो जाना. घर के हालात इतने खराब हो गए कि लुक्का को चाय की दुकान खोलनी पड़ी लेकिन बॉक्सिंग नहीं छोड़ी. सुबह-शाम प्रैक्टिस की और बाकी समय में चाय बेचकर घर को संभालते रहे. फिर केस होने के कारण दुकान बंद हो गई. कठिनाईयां बढ़ती जा रही थी. वहीं मुश्किल के इस समय में सरकार की ओर से भी कोई मदद नहीं मिली.

सरकार से नौकरी देने की लगाई गुहार
लुक्का अब सीनियर वर्ल्ड टाइटल की तैयारी कर रहे हैं. उन्होंने ईटीवी भारत के जरिए सरकार से एक छोटी सी नौकरी देने की गुहार लगाई है. राजेश लुक्का की तरह और भी कई खिलाड़ी हैं जो मदद की राह देख रहे हैं. अगर इन्हें सहायता मिल जाए तो ये देश के लिए ज्यादा से ज्यादा मेडल जीतने में कोई कसर नहीं छोड़ेंगे. अब देखना ये है कि सबसे बेहतर खेल नीति होने का दम भरने वाली हरियाणा सरकार इनकी मदद करने के लिए कब आगे बढ़ेगी.

Intro:स्टेट चैंपियन हरियाणा के बेस्ट बॉक्सर रह चुके राजेश उर्फ लुक्का ने सरकारी नोकरी के लिए की अपील । आर्थिक परिस्थितियों में भी लुक्का ने जीते अनेक बॉक्सिंग मेडल । नवंबर में हैदराबाद में होने वाली सीनियर मैन डब्लू बी ओ प्रतियोगित की तैयारियों में जुटे राजेश लुक्का । भारत के प्रो बॉक्सिंग लाइट वेट् कब पहले WBC यूथ वर्ल्ड चैंपिनशिप में चैंपियन रहे राजेश लुका को सरकारी नोकरी जरूरत । पिता की मौत के बाद खोलनी पड़ी चाय की दुकान ।

बता दें राजेश कसाना उर्फ लुक्का भिवानी के रहने वाले हैं जिन्होंने 2006 में बॉक्सिंग की शुरुआत की और कड़ी मेहनत करते हुए आज प्रो बॉक्सिंग में अपना अच्छा नाम बनाए हुए हैं । राजेश लुक्का को अनेक कठिनाइयों का सामना करना पड़ा राजेश लुक्का के परिवार की आर्थिक स्थिति खराब होने की वजह से उन्होंने अपनी चाय की दुकान भी खोली और अपने घर का खर्च चलाया और साथ ही साथ अपनी बॉक्सिंग की प्रैक्टिस भी जारी रखें ।


Body:राजेश लुक्का ने ईटीवी भारत टीम से बातचीत करते हुए बताया कि उन्होंने 2000 6 में बॉक्सिंग की शुरुआत की थी उनको बॉक्सिंग की चाह पड़ोस में बॉक्सिंग करने वाले लड़कों से मिली उन्हीं के साथ वे बॉक्सिंग करने जाते हैं स्कूल समय में 2009 में उन्होंने स्कूल में स्टेट चैंपियनशिप मैं पहला मेडल प्राप्त किया था उसके बाद 2012 में जूनियर नेशनल में उन्होंने पार्टिसिपेट किया लेकिन कोई भी मेडल नहीं जीत पाए उसके कड़ी मेहनत के बाद 2014 में वह हरियाणा के स्टेट चैंपियन के बेस्ट बॉक्सर बने ।
लुक्का बॉक्सर ने बताया कि रे 2015 में प्रो बॉक्सिंग में आए और वह चाइना में तीन बार लगातार चैंपियन रह चुके हैं और इसी तरह 6 बार इंडिया में लगातार चैंपियन बन चुके हैं उन्होंने बताया कि वे भारत के नंबर वन 60kg लाइट वेट में बेस्ट बॉक्सर के अवार्ड से नवाजे जा चुके हैं ।
लुक्का ने बताया कि अनेकों परिस्थितियों से गुजर कर वे अब भी अपनी बॉक्सिंग में टिके हुए हैं । उन्होंने बताया कि 2012 में अपनी बहन की मृत्यु होने की वजह से बॉक्सिंग से दूर हो गए थे और फिर 2014 में उनके पिताजी उन्हें छोड़कर चले गए जिससे परिवार का भोज उन पर आ गया और उन्होंने अपनी एक चाय की दुकान खोली जिससे उनके घर का खर्चा चला । चाय की दुकान पर काम करते रहते हुए वे अपनी बॉक्सिंग की प्रैक्टिस को जारी रखे रहे । रे सुबह अपनी बॉक्सिंग के प्रैक्टिस करते हैं और फिर दिन में अवनी चाय की दुकान पर चाय बनाते शाम तक जाएगा काम करते करते वह फिर शाम को बॉक्सिंग की प्रैक्टिस के लिए रिंग में जाते ।
बॉक्सर राजेश लुक्का ने अनेकों मेडल पूर्व बॉक्सिंग में हासिल की है और अपना और अपने देश का और प्रदेश का नाम रोशन किया लेकिन उसके बाद भी राजेश के घर की आर्थिक स्थिति नहीं सुधरी राजेश लुक्का ने ईटीवी भारत के कैमरे के सामने कहा कि उन्हें एक सरकारी नौकरी की जरूरत है जिससे उनके परिवार का गुजारा हो सके । मैं सरकार से मांग करता हूं कि मुझे कोई भी छोटी या बड़ी सरकारी नौकरी सरकार द्वारा दी जाए ।

1 To 1 राजेश लुक्का बॉक्सर



Conclusion:भिवानी से अनेकों बॉक्सर निकले हैं और जिन्होंने अपने भारत का नाम रोशन किया । अच्छे-अच्छे खेलने वाले खिलाड़ियों को सरकार द्वारा सरकारी मदद और सरकारी नौकरियां भी प्रदान की गई हैं लेकिन आज तक बॉक्सर राजेश लुक्का को किसी प्रकार की कोई सरकारी सहायता नहीं मिली है राजेश लुक्का प्रो बॉक्सिंग में अपना वह अपने मुंह के कदम चलाते आ रहे हैं । अपना और अपने शहर प्रदेश और देश का नाम रोशन करते आ रहे हैं । लेकिन परिवार की आर्थिक स्थिति खराब हो होने के कारण भी वे अपना मुक्का चला तैयार हैं । ऐसे में उन्होंने मांग की है कि उन्हें सरकारी नौकरी दी जाए जैसे उनकी आर्थिक स्थिति व घर का खर्चा आसानी से चल सके ।
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