भिवानी: सरकार ने ठेकेदारी प्रथा से छुटकारा दिलाने के नाम पर हरियाणा कौशल रोजगार निगम का गठन किया (Haryana Municipality personnel) है. सरकार द्वारा प्रकट की गई चिंताओं ने कार्यप्रणाली में पारदर्शिता लाना व फर्जी ढंग से खर्च दिखाकर धन के दुरुपयोग को रोकने का दावा किया है, लेकिन नगर पालिका कर्मियों ने ढ़ोल की पोल खोलते हुए कौशल रोजगार निगम को भंग करने की मांग की है. सर्व कर्मचारी संघ हरियाणा नगर पालिका कर्मियों की राज्य व्यापी हड़ताल में उतर गया (Sarva Karmachari Sangh strike in bhiwani) है.
हड़ताली कर्मियों को संबोधित करते हुए सकसं जिला प्रधान सुखदर्शन सरोहा ने बताया कि हड़ताली कर्मी कौशल रोजगार निगम को भंग करने, दो माह का बकाया वेतन, साबुन, वर्दी सहित बंद की गई अन्य सुविधाएं बहाली, हटाए कर्मियों को वापस लेने, सफाई कर्मियों के वेतन से काटे गए पीएफ के रुपयों की जानकारी देने, वर्ष 2014 से सफाई कर्मियों का ईएसआई कार्ड के पैसे वेतन से काटे जा रहे हैं. जिनका रिकॉर्ड देने, पीएफ व जीपीएफ का रुपये जमा करवाने, समान काम-समान वेतन, पुरानी पेंशन बहाली सहित अन्य मांगों को लेकर दो दिवसीय भूख हड़ताल पर हैं.
इस दौरान कर्मियों ने कड़े शब्दों में कहा कि यदि सरकार उनकी मांगें नहीं मानती तो यह राज्य व्यापी हड़ताल बेमियादी हड़ताल में परिवर्तित होगी. भाजपा-जजपा गठबंधन सरकार पूरी तरह से कर्मचारी विरोधी साबित हो रही है. जिसे कर्मियों के हितों से कोई लेना-देना नहीं है. सरकार बार-बार समझौते तो करती है, लेकिन उनको लागू करने की बजाए कर्मियों को ही प्रताड़ित किया जा रहा है.
उन्होंने कहा कि कर्मियों का शोषण किए जाने के उद्देश्य से सरकार ने कौशल रोजगार निगम बनाया है. जिसके तहत बिना नोटिस दिए पुराने कर्मियों को हटाकर बेरोजगार बनाया जा रहा है. इसके अलावा सफाई कर्मियों को पिछले दो माह का वेतन तक नहीं मिला. तेल, साबुन, वर्दी जैसी सुविधाएं भी बंद कर दी गई है. काफी समय से सरकार व प्रशासन को अवगत करवाया गया है, लेकिन उनकी कानों पर कोई जूं नहीं रेंग रही है, जिससे मजबूरन हड़ताल पर जाना पड़ा.
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