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भिवानी: विभिन्न सामाजिक संगठनों ने क्रांतिकारी शहीद उधम सिंह को किया याद

भिवानी में विभिन्न सामाजिक संगठनों ने क्रांतिकारी शहीद उधम सिंह को याद किया. आज ही की दिन उन्हें फांसी दी गई थी.

people remember udham singh on his death anniversary in bhiwani
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Published : Jul 31, 2020, 4:08 PM IST

भिवानी: शहर में शुक्रवार को विभिन्न सामाजिक संगठनों ने अमर शहीद क्रांतिकारी उधम सिंह के बलिदान दिवस पर उनके चित्र पर पुष्प अर्पित कर उन्हें याद किया. संगठनों के पदाधिकारियों ने शहीद उधम सिंह के चित्र पर पुष्पांजलि अर्पित कर श्रद्धांजलि दी. संगठन के पदाधिकारियों ने कहा कि वे ऐसे देशभक्त थे, जिन्होंने जलियांवाला बाग हत्याकांड का बदला दुश्मन के घर के अंदर जाकर लिया.

इस कड़ी में युवा कल्याण संगठन ने भी अमर शहीद क्रांतिकारी उधम सिंह को उनके बलिदान दिवस पर याद किया तथा स्वच्छ पर्यावरण की शपथ के साथ शहीद उधम सिंह के चित्र पर पुष्प अर्पित किए. इस मौके पर युवा कल्याण संगठन के संरक्षक कमल सिंह प्रधान ने कहा कि देशभक्तों की बदौलत से आज हम खुली हवा में सांस ले रहे हैं. उन्होंने कहा कि जरूरतमंद की सेवा कर व स्वच्छ पर्यावरण की शपथ के साथ उन्होंने शहीद उधम सिंह का बलिदान दिवस मनाया है.

कौन थे उधम सिंह ?

शहीद उधम सिंह 13 अप्रैल 1919 को घटित जालियांवाला बाग नरसंहार के प्रत्यक्षदर्शी थे. इस घटना से वीर उधम सिंह तिलमिला गए और उन्होंने जलियांवाला बाग की मिट्टी हाथ में लेकर जनरल डायर को सबक सिखाने की प्रतिज्ञा ले ली. उधम सिंह को अपने सैकड़ों भाई-बहनों की मौत का बदला लेने का मौका 1940 में मिला. वो 26 दिसंबर का दिन था जब उन्‍होंने लंदन में जनरल डायर को गोली मारकर अपनी वर्षों पुरानी प्रतिज्ञा पूरी की थी.

उधम सिंह ने जनरल डायर पर गोलियां दाग दीं. दो गोलियां जनरल डायर को लगी, जिससे उसकी मौत हो गई. उधम सिंह ने वहां से भागने की कोशिश नहीं की और अपनी गिरफ्तारी दे दी. उन पर मुकदमा चला. 4 जून 1940 को उधम सिंह को हत्या का दोषी ठहराया गया और 31 जुलाई 1940 को उन्हें पेंटनविले जेल में फांसी दे दी गई. माइकल ओ ड्वायर पंजाब प्रांत के गवर्नर रहे थे.

ये भी पढ़ें- खबर का असर, मजदूरी कर रही वुशु खिलाड़ी के लिए 5 लाख रुपये मदद का ऐलान

भिवानी: शहर में शुक्रवार को विभिन्न सामाजिक संगठनों ने अमर शहीद क्रांतिकारी उधम सिंह के बलिदान दिवस पर उनके चित्र पर पुष्प अर्पित कर उन्हें याद किया. संगठनों के पदाधिकारियों ने शहीद उधम सिंह के चित्र पर पुष्पांजलि अर्पित कर श्रद्धांजलि दी. संगठन के पदाधिकारियों ने कहा कि वे ऐसे देशभक्त थे, जिन्होंने जलियांवाला बाग हत्याकांड का बदला दुश्मन के घर के अंदर जाकर लिया.

इस कड़ी में युवा कल्याण संगठन ने भी अमर शहीद क्रांतिकारी उधम सिंह को उनके बलिदान दिवस पर याद किया तथा स्वच्छ पर्यावरण की शपथ के साथ शहीद उधम सिंह के चित्र पर पुष्प अर्पित किए. इस मौके पर युवा कल्याण संगठन के संरक्षक कमल सिंह प्रधान ने कहा कि देशभक्तों की बदौलत से आज हम खुली हवा में सांस ले रहे हैं. उन्होंने कहा कि जरूरतमंद की सेवा कर व स्वच्छ पर्यावरण की शपथ के साथ उन्होंने शहीद उधम सिंह का बलिदान दिवस मनाया है.

कौन थे उधम सिंह ?

शहीद उधम सिंह 13 अप्रैल 1919 को घटित जालियांवाला बाग नरसंहार के प्रत्यक्षदर्शी थे. इस घटना से वीर उधम सिंह तिलमिला गए और उन्होंने जलियांवाला बाग की मिट्टी हाथ में लेकर जनरल डायर को सबक सिखाने की प्रतिज्ञा ले ली. उधम सिंह को अपने सैकड़ों भाई-बहनों की मौत का बदला लेने का मौका 1940 में मिला. वो 26 दिसंबर का दिन था जब उन्‍होंने लंदन में जनरल डायर को गोली मारकर अपनी वर्षों पुरानी प्रतिज्ञा पूरी की थी.

उधम सिंह ने जनरल डायर पर गोलियां दाग दीं. दो गोलियां जनरल डायर को लगी, जिससे उसकी मौत हो गई. उधम सिंह ने वहां से भागने की कोशिश नहीं की और अपनी गिरफ्तारी दे दी. उन पर मुकदमा चला. 4 जून 1940 को उधम सिंह को हत्या का दोषी ठहराया गया और 31 जुलाई 1940 को उन्हें पेंटनविले जेल में फांसी दे दी गई. माइकल ओ ड्वायर पंजाब प्रांत के गवर्नर रहे थे.

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