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'वार्षिक खर्च का हिसाब नहीं दिया तो बंद होगा गौशालाओं का अनुदान'

गौसेवा आयोग के चेयरमैन भानीराम ने गौशालाओं के संचालकों से कहा कि यदि कोई गौशाला अपने खर्च का हिसाब गौसेवा आयोग को नहीं देती है, तो मजबूरन गौसेवा आयोग को उस गौशाला का अनुदान बंद करना पड़ेगा.

गौशाला को देना होगा अपने खर्च का हिसाब
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Published : Aug 14, 2019, 9:52 AM IST

भिवानी: जिले के गौसेवा आयोग के चेयरमैन भानीराम मंगला चेक वितरित करने पहुंचे. जहां उन्होंने जानकारी देते हुए कहा कि हरियाणा गौसेवा आयोग अब उन गौशालाओं को कोई अनुदान नहीं देगा, जो गौशालाएं वार्षिक लेखा-जोखा गौसेवा आयोग के पास नहीं भेजेंगे.

क्लिक कर देखें गौसेवा आयोग के चेयरमैन ने क्या कहा

'गौशालाओं को देना होगा खर्च का हिसाब'
चेयरमैन ने साफ कहा कि गौशाला आयोग के पास पैसा प्रदेश सरकार से आता है. ऐसे में यदि कोई गौशाला अपने खर्च का हिसाब गौसेवा आयोग को नहीं देती है, तो मजबूरन गौसेवा आयोग को उस गौशाला का अनुदान बंद करना पड़ेगा, इतना ही नहीं वार्षिक लेखा-जोखा सीए से प्रमाणित होना चाहिए, तभी सरकार द्वारा यह मान्य होता हैं.

'ऊंट के मुंह में जीरे के समान है अनुदान'
इस मौके पर उन्होंने गौशाला संचालकों से बातचीत करते हुए कहा कि उन्हें पता है कि गौसेवा आयोग द्वारा दिया जा रहा अनुदान ऊंट के मुंह में जीरे के समान है, परन्तु गौसेवा आयोग के इस प्रयास से गौशाला संचालकों को काम करने और आगे बढ़ने की प्रेरणा मिली है. कहीं न कहीं उन्हें सरकार की तरफ से एक सहारा नजर आने लगा है.

भिवानी: जिले के गौसेवा आयोग के चेयरमैन भानीराम मंगला चेक वितरित करने पहुंचे. जहां उन्होंने जानकारी देते हुए कहा कि हरियाणा गौसेवा आयोग अब उन गौशालाओं को कोई अनुदान नहीं देगा, जो गौशालाएं वार्षिक लेखा-जोखा गौसेवा आयोग के पास नहीं भेजेंगे.

क्लिक कर देखें गौसेवा आयोग के चेयरमैन ने क्या कहा

'गौशालाओं को देना होगा खर्च का हिसाब'
चेयरमैन ने साफ कहा कि गौशाला आयोग के पास पैसा प्रदेश सरकार से आता है. ऐसे में यदि कोई गौशाला अपने खर्च का हिसाब गौसेवा आयोग को नहीं देती है, तो मजबूरन गौसेवा आयोग को उस गौशाला का अनुदान बंद करना पड़ेगा, इतना ही नहीं वार्षिक लेखा-जोखा सीए से प्रमाणित होना चाहिए, तभी सरकार द्वारा यह मान्य होता हैं.

'ऊंट के मुंह में जीरे के समान है अनुदान'
इस मौके पर उन्होंने गौशाला संचालकों से बातचीत करते हुए कहा कि उन्हें पता है कि गौसेवा आयोग द्वारा दिया जा रहा अनुदान ऊंट के मुंह में जीरे के समान है, परन्तु गौसेवा आयोग के इस प्रयास से गौशाला संचालकों को काम करने और आगे बढ़ने की प्रेरणा मिली है. कहीं न कहीं उन्हें सरकार की तरफ से एक सहारा नजर आने लगा है.

Intro:रिपोर्ट इन्द्रवेश दुहन भिवानी
दिनांक 13 अगस्त।
वार्षिक खर्च का हिसाब नहीं दिया तो बंद होगा गौशालाओं का अनुदान : गौसेवा आयोग चेयरमैन
आयोग के पास पंजीकृत गौशालाओं को ही मिलेगा अनुदान
प्रदेश में 432 गौशालाएं है अब तक पंजीकृत
हरियाणा गौसेवा आयोग अब उन गौशालाओं को कोई अनुदान नहीं देगा, जो गौशालाएं वार्षिक लेखा-जोखा गौसेवा आयोग के पास नही भेजेंगे। यह बात आज भिवानी में गौसेवा आयोग के चेयरमैन भानीराम मंगला ने दी। चेयरमैन आज भिवानी में गौशालाओं को चैक वितरित करने पहुंचे थे।
इस दौरान यह मुद्दा उठा कि गौशालाओं में अपना वार्षिक लेखा-जोखा आयोग को नहीं दिया हैं। इस पर जब चेयरमैन से गौशलाा संचालकों ने गुहार लगाई कि अगले वर्ष वार्षिक लेखा-जोखा आयोग को जमा करवा देंगे तो इस पर चेयरमैन ने साफ कहा कि गौशाला आयोग के पास पैसा प्रदेश सरकार से आता है। ऐसे में यदि कोई गौशाला अपने खर्च का हिसाब गौसेवा आयोग को नहीं देती है तो मजबूरन गौसेवा आयोग को उस गौशाला का अनुदान बंद करना पड़ेगा।
Body: इस मौके पर कुछ गौशाला संचालकों ने कहा कि उन्होंने अपना वार्षिक लेखा-जोखा जमा करवा दिया है तो गौसेवा आयोग के चेयरमैन ने कहा कि वार्षिक लेखा-जोखा सीए से प्रमाणित होना चाहिए, तभी सरकार द्वारा यह मान्य होता हैं। इस मौके पर उन्होंने गौशाला संचालकों से बातचीत करते हुए कहा कि उन्हे पता है कि गौसेवा आयोग द्वारा दिया जा रहा अनुदान ऊंट के मुंह में जीरे के समान है, परन्तु गौसेवा आयोग के इस प्रयास से गौशाला संचालकों को काम करने व आगे बढऩे की प्रेरणा मिली हैं। कही न कही उन्हे सरकार की तरफ से एक सहारा नजर आने लगा हैं।
Conclusion: इस मौके पर मंगला ने कहा कि हरियाणा प्रदेश में 432 के लगभग पंजीकृत गौशालाएं है, जो भी गौशाला अनुदान लेना चाहती है, वह अपना पंजीकरण करवाएं। बिना पंजीकरण के आयोग अपंजीकृत गौशालाओं की मदद नहीं कर पाएगा।
बाईट : भानी राम मंगला चेयरमैन गौशाला आयोग।
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