भिवानी: जिले के गौसेवा आयोग के चेयरमैन भानीराम मंगला चेक वितरित करने पहुंचे. जहां उन्होंने जानकारी देते हुए कहा कि हरियाणा गौसेवा आयोग अब उन गौशालाओं को कोई अनुदान नहीं देगा, जो गौशालाएं वार्षिक लेखा-जोखा गौसेवा आयोग के पास नहीं भेजेंगे.
'गौशालाओं को देना होगा खर्च का हिसाब'
चेयरमैन ने साफ कहा कि गौशाला आयोग के पास पैसा प्रदेश सरकार से आता है. ऐसे में यदि कोई गौशाला अपने खर्च का हिसाब गौसेवा आयोग को नहीं देती है, तो मजबूरन गौसेवा आयोग को उस गौशाला का अनुदान बंद करना पड़ेगा, इतना ही नहीं वार्षिक लेखा-जोखा सीए से प्रमाणित होना चाहिए, तभी सरकार द्वारा यह मान्य होता हैं.
'ऊंट के मुंह में जीरे के समान है अनुदान'
इस मौके पर उन्होंने गौशाला संचालकों से बातचीत करते हुए कहा कि उन्हें पता है कि गौसेवा आयोग द्वारा दिया जा रहा अनुदान ऊंट के मुंह में जीरे के समान है, परन्तु गौसेवा आयोग के इस प्रयास से गौशाला संचालकों को काम करने और आगे बढ़ने की प्रेरणा मिली है. कहीं न कहीं उन्हें सरकार की तरफ से एक सहारा नजर आने लगा है.