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कृषि मंत्री जेपी दलाल बोले- लंपी बीमारी को लेकर प्रदेश में स्थिति नियंत्रण मेंं

पशुओं में पाई जाने वाली लंपी बीमारी को लेकर पशुपालन मंत्री ने कहा है कि इस बीमारी पर अब काबू पा लिया गया है. प्रदेश में 15 लाख से ज्यादा पशुओं का वैक्सीनेशन किया जा चुका है.

Lumpy skin disease in Haryana
कृषि मंत्री जेपी दलाल बोले- लंपी बीमारी को लेकर प्रदेश में स्थिति नियंत्रण मेंं
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Published : Sep 11, 2022, 9:05 AM IST

भिवानी: हरियाणा के कृषि एवं पशुपालन मंत्री जयप्रकाश दलाल ने पशुओं में पाई जाने वाली लंपी बीमारी को लेकर दावा किया है कि प्रदेश में स्थिति पूर्णतया नियंत्रण में (Lumpi Disease Situation under control in Haryana) है. हरियाणा में लगभग 19 लाख गौवंश में से 15 लाख 50 हजार गायों का वैक्सीनेशन पूरा किया जा चुका है. अब तक हरियाणा प्रदेश में 1900 गायों की मृत्यु हुई है. पशुपालन विभाग की टीम ने गांव-गांव, घर-घर जाकर वैक्सीनेशन का कार्य कर रही है ताकि गौवंश को बचाया जा सके.

कृषि मंत्री जयप्रकाश दलाल ने कहा कि दुर्भाग्य से लंपी बीमारी हरियाणा के अलावा गुजरात, राजस्थान, पंजाब राज्यों में फैली, जिससे हजारों गौमाता को अपने प्राण त्यागने पड़े. परन्तु हरियाणा राज्य में तत्परता दिखाते हुए समय बचाने के लिए बगैर टैंडर प्रक्रिया के वैक्सीनेशन मंगवाकर उन्हे लगवाने का कार्य किया, जिसके चलते 15 लाख 50 हजार से अधिक गायों को अब तक वैक्सीनेशन लगाई जा चुकी है.

वर्तमान में हरियाणा में 15 हजार के लगभग गाय इस बीमारी से पीड़ित है जिनका ईलाज चल रहा है. अब तक सिर्फ 1900 गायों की मृत्यु प्रदेश में हुई हैं. उन्होंने कहा कि यह हरियाणा सरकार के पशुपालन विभाग की तत्परता के कारण ही संभव हो पाया है. जबकि पड़ोसी राज्य राजस्थान में एक लाख के लगभग और पंजाब में 30 हजार के गायों की मृत्यु हुई है.

उन्होंने कहा कि हरियाणा में लंपी बीमारी पर लगभग नियंत्रण किया जा चुका है. अब सिर्फ जो पशुधन ढ़ाणियों, सड़कों पर है, सिर्फ उन्ही की वैक्सीनेशन शेष है जिस पर तत्परता से कार्य किया जा रहा है. पशुपालन विभाग द्वारा लंपी बीमारी के खिलाफ छेड़े गए इस अभियान में सामाजिक संस्थाएं और गौसेवक भी आगे आ रहे है.

भिवानी के पशु चिकित्सक डॉ. विजय सनसनवाल ने बताया कि जो पशु चरना बंद कर दे या जिसे बुखार हो या जिसके शरीर पर गांठे हो, उन्हे अन्य पशुओं से अलग रखना चाहिए. बीमार पशुओं को फिटकरी या लाल दवाई से नहलाना चाहिए. 10 से 15 दिन में पशु इलाज के बाद ठीक हो जाता है. लंपी बीमारी से पीडि़त गाय का दूध उबालकर पीना चाहिए. इसके अलावा उन्होंने लोगों से अपील करते हुए कहा कि सोशल मीडिया पर आए किसी भी भ्रम में पड़े बगैर इन गायों की सेवा करनी चाहिए. क्योंकि यह बीमारी मनुष्यों में नहीं फैलती. उन्होंने कहा कि इस बीमारी का प्रभाव गायों में जरूर है लेकिन भैंसों में इसके केस नग्ण्य हैं.

भिवानी: हरियाणा के कृषि एवं पशुपालन मंत्री जयप्रकाश दलाल ने पशुओं में पाई जाने वाली लंपी बीमारी को लेकर दावा किया है कि प्रदेश में स्थिति पूर्णतया नियंत्रण में (Lumpi Disease Situation under control in Haryana) है. हरियाणा में लगभग 19 लाख गौवंश में से 15 लाख 50 हजार गायों का वैक्सीनेशन पूरा किया जा चुका है. अब तक हरियाणा प्रदेश में 1900 गायों की मृत्यु हुई है. पशुपालन विभाग की टीम ने गांव-गांव, घर-घर जाकर वैक्सीनेशन का कार्य कर रही है ताकि गौवंश को बचाया जा सके.

कृषि मंत्री जयप्रकाश दलाल ने कहा कि दुर्भाग्य से लंपी बीमारी हरियाणा के अलावा गुजरात, राजस्थान, पंजाब राज्यों में फैली, जिससे हजारों गौमाता को अपने प्राण त्यागने पड़े. परन्तु हरियाणा राज्य में तत्परता दिखाते हुए समय बचाने के लिए बगैर टैंडर प्रक्रिया के वैक्सीनेशन मंगवाकर उन्हे लगवाने का कार्य किया, जिसके चलते 15 लाख 50 हजार से अधिक गायों को अब तक वैक्सीनेशन लगाई जा चुकी है.

वर्तमान में हरियाणा में 15 हजार के लगभग गाय इस बीमारी से पीड़ित है जिनका ईलाज चल रहा है. अब तक सिर्फ 1900 गायों की मृत्यु प्रदेश में हुई हैं. उन्होंने कहा कि यह हरियाणा सरकार के पशुपालन विभाग की तत्परता के कारण ही संभव हो पाया है. जबकि पड़ोसी राज्य राजस्थान में एक लाख के लगभग और पंजाब में 30 हजार के गायों की मृत्यु हुई है.

उन्होंने कहा कि हरियाणा में लंपी बीमारी पर लगभग नियंत्रण किया जा चुका है. अब सिर्फ जो पशुधन ढ़ाणियों, सड़कों पर है, सिर्फ उन्ही की वैक्सीनेशन शेष है जिस पर तत्परता से कार्य किया जा रहा है. पशुपालन विभाग द्वारा लंपी बीमारी के खिलाफ छेड़े गए इस अभियान में सामाजिक संस्थाएं और गौसेवक भी आगे आ रहे है.

भिवानी के पशु चिकित्सक डॉ. विजय सनसनवाल ने बताया कि जो पशु चरना बंद कर दे या जिसे बुखार हो या जिसके शरीर पर गांठे हो, उन्हे अन्य पशुओं से अलग रखना चाहिए. बीमार पशुओं को फिटकरी या लाल दवाई से नहलाना चाहिए. 10 से 15 दिन में पशु इलाज के बाद ठीक हो जाता है. लंपी बीमारी से पीडि़त गाय का दूध उबालकर पीना चाहिए. इसके अलावा उन्होंने लोगों से अपील करते हुए कहा कि सोशल मीडिया पर आए किसी भी भ्रम में पड़े बगैर इन गायों की सेवा करनी चाहिए. क्योंकि यह बीमारी मनुष्यों में नहीं फैलती. उन्होंने कहा कि इस बीमारी का प्रभाव गायों में जरूर है लेकिन भैंसों में इसके केस नग्ण्य हैं.

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