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लॉकडाउन इफेक्ट: मधुमक्खी पालकों को करोड़ों का नुकसान, लाखों मधुमक्खी बॉक्स हुए बर्बाद

भिवानी में लॉकडाउन और बढ़ती गर्मी के कारण मधुमक्खी पालकों को करोड़ों रुपये का नुकसान हुआ है. पूरे देश में 4 से 5 लाख मधुमक्खी बॉक्स बर्बाद हो गए हैं.

bhiwani bee farming loss
bhiwani bee farming
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Published : May 24, 2020, 3:15 PM IST

भिवानी: लॉकडाउन और बढ़ती गर्मी ने पूरे देश के साथ भिवानी में मधुमक्खी पालकों को बड़ा नुकसान पहुंचाया है. हर तरफ से मधुमक्खी पालकों को मार ही पड़ रही है. देश भर में मधुमक्खी पालकों को अनुमानित 1200 करोड़ रुपये का भारी नुकसान हुआ है. एक तरफ तो मधुमक्खी पालकों का बचा हुआ शहद बड़ी-बड़ी कंपनियां ट्रेडर्स के माध्यम से कोड़ियों के भाव में खरीद रही हैं, वहीं दूसरी तरफ पैसे भी पूरे नहीं दिए जा रहे.

सरकार ने की आर्थिक सहायता की घोषणा

हालांकि मधुमक्खी पालकों के उत्थान के लिए केंद्र सरकार ने 500 करोड़ रुपये की आर्थिक सहायता देने की घोषणा की है. सरकार का राज्यों को आदेश है कि सहायता राशि का सही तरीके से प्रयोग करके मधुमक्खी पालकों तक पहुंचाया जाए, जिससे उनको आर्थिक मदद मिल सके.

कोड़ियों के भाव शहद खरीद रही कंपनियां

गांव पालुवास निवासी मधुमक्खी पालक राजकुमार तंवर ने बताया कि लॉकडाउन, बढ़ती हुई गर्मी व अन्य समस्याओं के कारण पूरे देश में 4 से 5 लाख मधुमक्खी बॉक्स खत्म हुए हैं. हरियाणा में एक लाख व अकेले भिवानी जिले में 5 हजार के लगभग बॉक्स खराब हुए हैं, जिसके कारण पूरे देश में मधुमक्खी पालकों को लगभग 1200 करोड़ रुपये का भारी नुकसान हुआ है. साथ ही शहद खरीदने वाली कंपनी भी कोड़ियों के भाव में शहद खरीद रही हैं और पैसे भी पूरे नहीं दिए जा रहे.

मधुमक्खी पालक को मदद की आस

उन्होंने बताया कि लॉकडाउन के कारण शहद की सप्लाई नहीं हो पाई. जिसके कारण पालकों को मधुमक्खियों को खिलाई जाने वाली फीड खरीदने के लिए मजबूरी में ट्रेडरों के माध्यम से कंपनियों को शहद बेचना पड़ रहा है. ये कंपनिया उनकी मजबूरी का फायदा उठाते हुए कम दाम में शहद की खरीद कर रही हैं और खरीद का पैसा भी समय पर पूरा नहीं दिया जा रहा. सरकार से मांग करते हुए उन्होंने कहा कि इन कंपिनयों से शहद की खरीद का उचित दाम दिलाया जाए और मधुमक्खी पालकों को सहायता दी जाए.

भिवानी: लॉकडाउन और बढ़ती गर्मी ने पूरे देश के साथ भिवानी में मधुमक्खी पालकों को बड़ा नुकसान पहुंचाया है. हर तरफ से मधुमक्खी पालकों को मार ही पड़ रही है. देश भर में मधुमक्खी पालकों को अनुमानित 1200 करोड़ रुपये का भारी नुकसान हुआ है. एक तरफ तो मधुमक्खी पालकों का बचा हुआ शहद बड़ी-बड़ी कंपनियां ट्रेडर्स के माध्यम से कोड़ियों के भाव में खरीद रही हैं, वहीं दूसरी तरफ पैसे भी पूरे नहीं दिए जा रहे.

सरकार ने की आर्थिक सहायता की घोषणा

हालांकि मधुमक्खी पालकों के उत्थान के लिए केंद्र सरकार ने 500 करोड़ रुपये की आर्थिक सहायता देने की घोषणा की है. सरकार का राज्यों को आदेश है कि सहायता राशि का सही तरीके से प्रयोग करके मधुमक्खी पालकों तक पहुंचाया जाए, जिससे उनको आर्थिक मदद मिल सके.

कोड़ियों के भाव शहद खरीद रही कंपनियां

गांव पालुवास निवासी मधुमक्खी पालक राजकुमार तंवर ने बताया कि लॉकडाउन, बढ़ती हुई गर्मी व अन्य समस्याओं के कारण पूरे देश में 4 से 5 लाख मधुमक्खी बॉक्स खत्म हुए हैं. हरियाणा में एक लाख व अकेले भिवानी जिले में 5 हजार के लगभग बॉक्स खराब हुए हैं, जिसके कारण पूरे देश में मधुमक्खी पालकों को लगभग 1200 करोड़ रुपये का भारी नुकसान हुआ है. साथ ही शहद खरीदने वाली कंपनी भी कोड़ियों के भाव में शहद खरीद रही हैं और पैसे भी पूरे नहीं दिए जा रहे.

मधुमक्खी पालक को मदद की आस

उन्होंने बताया कि लॉकडाउन के कारण शहद की सप्लाई नहीं हो पाई. जिसके कारण पालकों को मधुमक्खियों को खिलाई जाने वाली फीड खरीदने के लिए मजबूरी में ट्रेडरों के माध्यम से कंपनियों को शहद बेचना पड़ रहा है. ये कंपनिया उनकी मजबूरी का फायदा उठाते हुए कम दाम में शहद की खरीद कर रही हैं और खरीद का पैसा भी समय पर पूरा नहीं दिया जा रहा. सरकार से मांग करते हुए उन्होंने कहा कि इन कंपिनयों से शहद की खरीद का उचित दाम दिलाया जाए और मधुमक्खी पालकों को सहायता दी जाए.

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