भिवानी: हरियाणा के भिवानी में एक बेटी ने जज्बातों की तितलियां पुस्तक लिखकर एक बड़ी उपलब्धि हासिल की है. भिवानी की इस बेटी का नाम नंदिनी है. नंदिनी ने अपनी विकलांगता को कभी अपनी कमजोरी नहीं समझा बल्कि एक ताकत बनाकर अपनी भावनाओं को किताबों के माध्यम से उतारकर आज सभी को गौरान्वित किया है. बता दें कि उनकी भिवानी में जज्बातों की तितलियां पुस्तक का विमोचन (Jazbaato ki titiliyan Book Released in bhiwani) किया गया है. नंदिनी बजाज ने इसे रुपांतरित किया है, इस पुस्तक में 43 कविताओं का संग्रह है.
दोस्ती के जज्बातों से जुड़ी कविता: नंदिनी बजाज (Nandini Bajaj of Bhiwani) की लिखी गई कविताएं दोस्ती के जज्बातों से जुड़ी है. पुस्तक में व्यक्ति के अंदर छिपी कमियों और बुराइयों को उजागर कर उन्हें जड़मूल से खत्म करने का भी संदेश दिया है. नंदिनी बजाज की नई पुस्तक के विमोचन का समारोह भिवानी के पंचायत भवन में हुआ. जिसमें नंदिनी बजाज ने इस पुस्तक से जुड़ी खूबियों को बताया है. वहीं दिव्यांगता को लेकर वर्तमान समाज की सोच पर भी कटाक्ष किया है. शहर के गणमान्य लोगों ने प्रतिभाशाली बेटी नंदिनी को अपना आशीर्वाद दिया है.
बचपन से ही सेरेब्रल पालसी से ग्रसित हैं नंदिनी बजाज : भिवानी के सेक्टर 23 निवासी पंचायती राज विभाग में उपमंडल (Panchayati Raj Department Bhiwani) अभियंता प्रवीन बजाज की बेटी नंदिनी बजाज बचपन से ही सेरेब्रल पालसी (दिमागी दिव्यांगता) से ग्रस्त होने के बावजूद विलक्षण प्रतिभा की धनी रही है. नंदिनी अब तक कई खिताब अपने नाम कर चुकी हैं. उसे गायन के साथ साथ लेखन का भी बचपन से ही शौक रहा है. वे अपने अंदर के जज्बातों को कविताओं के माध्यम से समाज के सामने रख रही हैं. इन कविताओं में न केवल भावनाओं का बवंडर उमड़ता है बल्कि समाज के लिए भी इसमें गहरा संदेश छिपा होता है.
नंदिनी ग्रेजुएट के साथ जेबीटी भी कर चुकी हैं: जज्बातों की तिललियां पुस्तक मेंं कुल 43 कविताएं हैं. नंदिनी के पिता प्रवीन बजाज व माता पूजा बजाज ने बताया कि नंदिनी ग्रेजुएट के साथ साथ जेबीटी कर चुकी हैं. उसने हरियाणा अध्यापक पात्रता की परीक्षा भी पास की हुई है. नंदिनी गरीब बच्चों को मुफ्त में पढ़ाने के साथ समाजसेवा का कार्य करती रहती हैं. उन्होंने अपनी बेटी में लेखन की प्रतिभा को देखा तो उसे बढ़ावा देना शुरू किया. इसी की बदौलत नंदिनी ने अब तक ढेरों कविताओं की रचना की है, जिसमें उनकी पहली पुस्तक का विमोचन हुआ है. छोटी बहन पियांशु ने बताया कि उसने अपनी बड़ी बहन नंदिनी को हमेशा आदर्श माना है. नंदिनी भले ही दिव्यांग है, लेकिन उसके कार्यों व व्यवहार से हमे कभी ऐसा महसूस नहीं हुआ है.