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हरियाणा के स्कूलों में बच्चे पढ़ाई के साथ अब सीखेंगे शतरंज - haryana samachar

भारतीय शतरंज महासंघ (एआईसीएफ) के राष्ट्रीय महासचिव कुलदीप ने भिवानी में बताया कि पढ़ाई-लिखाई के साथ स्कूलों में अब बच्चों की तार्किक क्षमता बढ़ाने शतरंज खेल महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा.

शतरंज खेलते बच्चे
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Published : Jun 28, 2019, 3:03 PM IST

भिवानी: नई शिक्षा नीति 2019 में शतरंज के खेल को ऐच्छिक विषय के रूप में शामिल किया जाएगा. नई शिक्षा नीति की रिपोर्ट में शतरंज के महत्व को लेकर विभिन्न बिंदुओं पर विस्तार से चर्चा की गई है. रिपोर्ट के पेज न. 91 से 94 तक इस खेल को छात्रों के लिए महत्वपूर्ण बताया है.

ये भी पढ़ें- फरीदाबाद में कांग्रेस नेता की दिनदहाड़े हत्या, मनोहर लाल बोले- मुझे नहीं पता

भारतीय शतरंज महासंघ (एआईसीएफ) के राष्ट्रीय महासचिव कुलदीप ने भिवानी में बताया कि पढ़ाई-लिखाई के साथ स्कूलों में अब बच्चों की तार्किक क्षमता बढ़ाने शतरंज खेल महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा. नई शिक्षा नीति में शतरंज को पाठ्यक्रम में शामिल किए जाने के प्रस्ताव का एसोसिएशन स्वागत करती है. नई शिक्षा नीति में इसे लेकर जोरदार पहल की गई है.

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नई शिक्षा नीति के तहत स्कूलों में पढ़ने वाले बच्चों को ऐच्छिक रुप से शतरंज खेलने के लिए प्रेरित किया जाएगा. साथ ही उन्हें शब्द और तर्क पहेलियों जैसी गतिविधियां से भी जोड़ने की सिफारिश की गई है. शिक्षा नीति में बच्चों में घटती तार्किक क्षमता को लेकर चिंता जताई गई है.

गौरतलब है कि नई शिक्षा नीति के मसौदे पर सरकार फिलहाल अभी राय ले रही है जिसकी अंतिम तिथि 30 जून है. इसके बाद इसके अमल की प्रक्रिया शुरू होगी.

भिवानी: नई शिक्षा नीति 2019 में शतरंज के खेल को ऐच्छिक विषय के रूप में शामिल किया जाएगा. नई शिक्षा नीति की रिपोर्ट में शतरंज के महत्व को लेकर विभिन्न बिंदुओं पर विस्तार से चर्चा की गई है. रिपोर्ट के पेज न. 91 से 94 तक इस खेल को छात्रों के लिए महत्वपूर्ण बताया है.

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भारतीय शतरंज महासंघ (एआईसीएफ) के राष्ट्रीय महासचिव कुलदीप ने भिवानी में बताया कि पढ़ाई-लिखाई के साथ स्कूलों में अब बच्चों की तार्किक क्षमता बढ़ाने शतरंज खेल महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा. नई शिक्षा नीति में शतरंज को पाठ्यक्रम में शामिल किए जाने के प्रस्ताव का एसोसिएशन स्वागत करती है. नई शिक्षा नीति में इसे लेकर जोरदार पहल की गई है.

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नई शिक्षा नीति के तहत स्कूलों में पढ़ने वाले बच्चों को ऐच्छिक रुप से शतरंज खेलने के लिए प्रेरित किया जाएगा. साथ ही उन्हें शब्द और तर्क पहेलियों जैसी गतिविधियां से भी जोड़ने की सिफारिश की गई है. शिक्षा नीति में बच्चों में घटती तार्किक क्षमता को लेकर चिंता जताई गई है.

गौरतलब है कि नई शिक्षा नीति के मसौदे पर सरकार फिलहाल अभी राय ले रही है जिसकी अंतिम तिथि 30 जून है. इसके बाद इसके अमल की प्रक्रिया शुरू होगी.

Intro:रिपोर्ट इन्द्रवेश दुहन भिवानी
दिनांक 26 जून।
नई शिक्षा नीति 2019 की पहल
स्कूलों में बच्चे पढ़ाई के साथ अब सीखेंगे शतरंज की चाल भी
नई शिक्षा नीति में सुझाए गए बच्चो की तार्किक क्षमता बढ़ाने के उपाय
पहेलियां, समस्या-समाधान जैसी गतिविधियां शामिल करने की सिफारिश
नई शिक्षा नीति 2019 में शतरंज के खेल को ऐच्छिक विषय के रूप में शामिल करने किया जाएगा। नई शिक्षा नीति की रिपोर्ट में शतरंज के महत्व को लेकर विभिन्न बिंदुओं पर विस्तार से चर्चा की गई है। रिपोर्ट के पेज न. 91से 94 तक इस खेल को छात्रों के लिए महत्वपूर्ण बताया है।
भारतीय शतरंज महासंघ (एआईसीएफ) के राष्ट्रीय महासचिव कुलदीप ने भिवानी में बताया कि पढ़ाई-लिखाई के साथ स्कूलों में अब बच्चों की तार्किक क्षमता बढ़ाने शतरंज खेल महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा। नई शिक्षा नीति में शतरंज को पाठ्यक्रम में शामिल किए जाने के प्रस्ताव का एसोसिएशन स्वागत करती है। नई शिक्षा नीति में इसे लेकर जोरदार पहल की गई है। नई शिक्षा नीति के तहत स्कूलों में पढऩे वाले बच्चों को ऐच्छिक रुप से शतरंज खेलने के लिए प्रेरित किया जाएगा। साथ ही उन्हें शब्द और तर्क पहेलियों जैसी गतिविधियां से भी जोडऩे की सिफारिश की गई है। शिक्षा नीति में बच्चों में घटती तार्किक क्षमता को लेकर चिंता जताई गई है।
राष्ट्रीय महासचिव कुलदीप ने बताया कि नई शिक्षा नीति के प्रस्तावित मसौदे में कहा गया है जिस तरह से स्कूलों में बच्चों के स्वस्थ रहने के लिए खेलकूद और शारीरिक कसरत जरूरी है, उसी तरह से दिमाग के विकास के लिए दिमागी कसरत भी जरूरी है। जो शतरंज या दूसरी तार्किक गतिविधियों से हासिल हो सकती है। नई शिक्षा नीति के मसौदे से साफ है कि स्कूली शिक्षा को मजबूत बनाने और बच्चों के विकास के लिए चिंतन किया गया है।
Body:नेशनल महासचिव कुलदीप ने बताया कि नई शिक्षा नीति में शतरंज को पूरी ताकत के साथ बढ़ावा देने की बात कही गई है। मसौदे में कहा गया है कि इस शतरंज खेल का उदय भारत में ही हुआ है। शब्द, समस्या-समाधान और तर्क पहेलियां बच्चों में तार्किक क्षमता को बढ़ाने का एक आनंददायी तरीका है, इसके जरिए बच्चों में तर्क करने की क्षमता विकसित की जा सकती है। उन्होंने बताया कि नई शिक्षा नीति में कहा गया है कि यदि स्कूली स्तर पर बच्चों में तर्क करने की यह क्षमता विकसित कर दी जाए, उसे पूरे जीवन उसका फायदा मिलेगा। नई शिक्षा नीति के मसौदे से साफ है कि स्कूली शिक्षा को मजबूत बनाने और बच्चों के विकास के लिए कितने निचले स्तर पर चिंतन किया गया है। मसौदे में बच्चों को गणितीय अंक ज्ञान से जोडऩे की सिफारिश भी की गई है।
Conclusion: नई शिक्षा नीति के मसौदे में कहा गया है कि मौजूदा समय में बच्चे केवल एक करोड़ तक गिनना सीखते है, जो कि आज की दुनिया में अपर्याप्त है। आज के आधुनिक समय में बच्चों को दस की घात- एक से महाशंख तक सिखाना चाहिए, ताकि वे बड़ी संख्याओं को समझ सके और अपने जीवन में इस्तेमाल कर सके। नई शिक्षा नीति 2019 की रिपोर्ट में शतरंज को पूरी ताकत के साथ बढ़ावा देने की बात कही गई है। साथ ही कहा गया है कि इस खेल का उद्भव भारत में ही हुआ है। भारतीय बच्चों को इस खेल से अनिवार्य रुप से जोडऩा चाहिए। गौरतलब है कि नई शिक्षा नीति के मसौदे पर सरकार फिलहाल अभी राय ले रही है। जिसकी अंतिम तिथि 30 जून है। इसके बाद इसके अमल की प्रक्रिया शुरू होगी।
बाईट : कुलदीप भारतीय शतरंज महासंघ (एआईसीएफ) के राष्ट्रीय महासचिव।
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