भिवानी: हरियाणा के जिले भिवानी की लाल मिट्टी के लालों में कुछ खास है. यहां के लाल और लाडली देश में ही नहीं पूरी दुनिया में अपना नाम कमा रहे हैं. इसी का नतीजा है कि दंगल गर्ल के बाद अब देश के पहले एशियन गोल्ड मेडलिस्ट बॉक्सर और फादर ऑफ दि इंडियन बॉक्सिंग कहे जाने वाले हवा सिंह श्योराण पर फिल्म बनने जा रही है.
कौन हैं हवा सिंह ?
1937 में जन्मे कैप्टन हवा सिंह देश के लिए बॉक्सिंग में पहला एशियन गोल्ड मेडल लाने वाले खिलाड़ी हैं जो हरियाणा के भिवानी से ताल्लुक रखते हैं. हवा सिंह भारतीय फौज में थे और वहीं पर उन्होंने बॉक्सिंग शुरू की थी.
हवा सिंह की उपलब्धियां
⦁ देश के लिए पहला एशियन गोल्ड मेडल
⦁ एशियन चैंपियनशिप में दो बार गोल्ड जीता
⦁ लगातार 11 बार नेशनल चैंपियन रहने का रिकॉर्ड
⦁ 1961 से 1972 तक लगातार नेशनल चैंपियन रहे
⦁ द्रोणाचार्य अवॉर्ड और अर्जुन अवॉर्ड से नवाजे गए
⦁ भारत में बॉक्सिंग को पहचान दिलाई
⦁ फादर ऑफ दि इंडियन बॉक्सिंग कहलाए
हवा सिंह के बेटे को पिता पर है गर्व
अपने पिता पर बन रही फिल्म को लेकर भीम अवॉर्डी बॉक्सिंग कोच संयज श्योराण कहते हैं कि उन्हें अपने पिता पर गर्व है. जो एक साधारण से गांव और गरीब परिवार से उठकर देश सेवा करते हुए बॉक्सिंग को पूरे देश में पहचान दे गए. उन पर बन रही फिल्म को लेकर संजय श्योराण काफी उत्साहित हैं.
पिता के सपने को आगे बढ़ा रहा बेटा
कैप्टन हवा सिंह की आज तीसरी पीढ़ी बॉक्सिंग में है जो अपने आप में एक रिकॉर्ड है. कैप्टन हवा सिंह के बेटे संजय श्योराण खुद भीम अवॉर्डी बॉक्सर हैं और अब अपने पिता के नाम से बॉक्सिंग एकेडमी चला रहे हैं. खास बात ये है कि वो अपनी एकेडमी में हर बच्चे को फ्री ट्रेनिंग देते हैं. जहां हर रोज सैकड़ों बॉक्सर सुबह-शाम अभ्यास करने आते हैं.
संजय श्योराण की एकेडमी से निकली हैं पूजा रानी
ओलंपिक के लिए क्वालीफाई कर चुकी पूजा रानी भी संजय श्योराण की ही एकेडमी से निकली हैं. इसके अलावा हवा सिंह की पोती नुपुर श्योराण भी अंतरराष्ट्रीय स्तर पर महज 16 साल की उम्र में नाम कमा रही हैं.
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