भिवानी: कोरोना वायरस को लेकर राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन के एमडी व डीजी ने प्रदेश के सभी चीफ मेडिकल ऑफिसर को वायरस से पीड़ित संदिग्धों को उचित इलाज व इसके रोकथाम के निर्देश जारी किए हैं. इसी के तहत भिवानी जिला के सामान्य अस्पताल में आइसोलेशन वार्ड भी बनाया गया है और कोरोना वायरस से संदिग्ध मरीजों की जांच की व्यवस्था भी की है.
भिवानी के चीफ मेडिकल ऑफिसर डॉ. कृष्ण कुमार ने बताया कि कोरोना वायरस चीन से दुनिया भर में फैल रहा है. यह पशुओं से मनुष्यों में आने वाली बीमारी है. इस बीमारी के प्रारंभिक लक्षण में सांस लेने में दिक्कत व तेज बुखार होना है.
कोरोना वायरस की पहचान के लिए संदिग्ध मरीजों की जांच की व्यवस्था भिवानी में की गई है. इसके बाद जांच के नमूनों को पुणे की एनआईबी लैबोरेट्री में भेजने की व्यवस्था भी की गई है. इसके लिए भिवानी सामान्य अस्पताल में वार्ड नम्बर 9 में 15 से 20 बैड की व्यवस्था की गई है. डॉ. कृष्ण कुमार ने लोगों से अपील की है कि इस बीमारी के लक्षणों को पहचानते हुए भीड़-भाड़ में जाने व हाथ मिलाने से बचे तथा मुंह को ढ़ककर रखने से इस बीमारी का वायरस मनुष्य में प्रवेश की संभावना खत्म हो जाती है. उन्होंने अस्पताल के सभी चिकित्सकों को भी मास्क पहनकर काम करने के निर्देश दिए हैं.
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क्या है कोरोना वायरस ?
वायरसों का एक बड़ा समूह है कोरोना जो जानवरों में आम है. अमेरिका के सेंटर फॉर डिसीज कंट्रोल एंड प्रिवेंशन (सीडीएस) के अनुसार, कोरोना वायरस जानवरों से मनुष्यों तक पहुंच जाता है. अब एक नया चीनी कोरोनो वायरस, सार्स वायरस की तरह है जिसने सैकड़ों को संक्रमित किया है. माना जा रहा है कि यह संभवतः एक जानवर में शुरू हुआ और मनुष्यों में फैल गया. कोरोना वायरस के लक्षणों में नाक बहना, खांसी, गले में खराश, कभी-कभी सिरदर्द और शायद बुखार शामिल है, जो कुछ दिनों तक रह सकता है. कमजोर प्रतिरोधक क्षमता वाले लोगों यानी जिनकी रोगों से लड़ने की ताकत कम है ऐसे लोगों के लिए यह घातक है. बुजुर्ग और बच्चे इसके आसान शिकार हैं.
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कोरोना वायरस कैसे फैलता है ?
कोरोना वायरस के दो रूप हैं- एमईआरएस और सार्स. कोरोना वायरस जानवरों के साथ मानव संपर्क से फैल सकता है. डब्ल्यूएचओ के अनुसार, वैज्ञानिकों को लगता है कि एमईआरएस ने ऊंटों से निकल कर संक्रमित किया था, जबकि सार्स के प्रसार के लिए सिवेट बिल्लियों को दोषी ठहराया गया था. जब वायरस के मानव-से-मानव संचरण की बात आती है, तो अक्सर ऐसा तब होता है जब कोई व्यक्ति संक्रमित व्यक्ति के स्राव के संपर्क में आता है. वायरस कितना वायरल है, इसके आधार पर खांसी, छींक या हाथ मिलाना जोखिम का कारण बन सकता है. किसी संक्रमित व्यक्ति के छूने और फिर अपने मुंह, नाक या आंखों को छूने से भी वायरस का संक्रमण हो सकता है.