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भिवानी में देसी कपास के बीज और खाद की कमी, किसान अंग्रेजी बीज की खेती करने को मजबूर

हरियाणा सरकार ने किसानों को देसी कपास की बुआई (indigenous cotton farming in Haryana) करने पर तीन हजार रुपये प्रति एकड़ प्रोत्साहन राशि देने की घोषणा की थी. जिसके बाद से बड़ी संख्या में किसान कपास के बीज और खाद लेने के लिए दुकान पहुंच रहे हैं, लेकिन भिवानी में खाद की फिर से किल्लत हो गई है.

भिवानी में खाद की कमी के चलते किसान परेशान, किसानों को मजबूरन करना पड़ रही है बीटी कॉटन की खेती
भिवानी में खाद की कमी के चलते किसान परेशान, किसानों को मजबूरन करना पड़ रही है बीटी कॉटन की खेती
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Published : Apr 30, 2022, 3:29 PM IST

भिवानी: किसानों को सरकार ने सौगात दी थी कि इस बार हरियाणा में कपास की खेती करने वाले किसानों को प्रोत्साहन राशि दी जाएगी. शर्त ये है कि किसानों को केवल देसी कपास की किस्म लगानी पड़ेगी. किसानों को देसी कपास की बुआई करने पर सरकार द्वारा विशेष तौर पर तीन हजार रुपये प्रति एकड़ प्रोत्साहन राशि दी जायेगी. प्रदेश सरकार के तुरंत आदेश के बाद बड़ी संख्या में किसान कपास के बीज और खाद लेने के लिए दुकान पहुंच रहे हैं, लेकिन भिवानी में खाद की फिर से किल्लत हो गई है.

जिससे किसानों को परेशानी हो रही है. जिसकी वजह से किसानों को देसी कपास की जह अंग्रेजी यानी बीटी कॉटन की खेती करनी पड़ रही है. किसान पिछले कई वर्षों के बाद खाद-बीज की दुकान पर देशी कपास का बीज मांग रहे है, लेकिन उन्हें दुकानों में बीज उपलब्ध ही नही हो रहा है. किसानों का कहना है कि सरकार ने इस बार देशी कपास बिजने के लिए प्रोत्साहन कर तो रही है, लेकिन पिछले एक महीने से बीज मार्किट में उपलब्ध नही है.

भिवानी में खाद की कमी के चलते किसान परेशान, किसानों को मजबूरन करना पड़ रही है बीटी कॉटन की खेती

किसानों का कहना है कि सरकार ने इस बार देशी कपास बिजने के लिए प्रोत्साहन कर तो रही है, लेकिन पिछले एक महीने से बीज मार्केट में उपलब्ध नहीं है. जिस कारण से उन्होंने परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है. वहीं किसानों ने सरकार से बीज उपलब्ध करवाने की मांग रखी है. वहीं बीज भंडार के संचालकों को कहना है कि सरकार की घोषणा के बाद बीज मार्किट में आया था, लेकिन मार्किट में भारी डिमांड के चलते बीज बिक गया है.

ये भी पढ़ें- सरकार का बड़ा फैसला, इस कपास का उत्पादन करने वाले किसान को मिलेगी 3 हजार प्रोत्साहन राशि

भंडार के संचालकों का बताया की भारी डिमांड के कारण बीज की कमी हुई है पर किसानों को जल्द ही बीज मिल जाएगा इसके लिए दुकानदारों ने सरकार से भी बात की है. कृषि विभाग के उप निदेशक डॉ. आत्माराम गोदारा ने बताया कि सरकार की घोषणा के बाद किसानों ने देशी बीज लेना शुरू कर दिया था, लेकिन भिवानी के काफी बड़े क्षेत्र में पहले किसान बीटी कॉटन की बिजाई करते है. डॉ. आत्माराम गोदारा ने बताया कि बीज कंपनियों कि सरकार से बात चल रही है. उन्होंने कहा कि जल्द ही देशी बीज फिर से बाजार में आसानी से उपलब्ध जाएगी. उसके बाद किसान अपनी फसल की बुआई कर पाएंगे.

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भिवानी: किसानों को सरकार ने सौगात दी थी कि इस बार हरियाणा में कपास की खेती करने वाले किसानों को प्रोत्साहन राशि दी जाएगी. शर्त ये है कि किसानों को केवल देसी कपास की किस्म लगानी पड़ेगी. किसानों को देसी कपास की बुआई करने पर सरकार द्वारा विशेष तौर पर तीन हजार रुपये प्रति एकड़ प्रोत्साहन राशि दी जायेगी. प्रदेश सरकार के तुरंत आदेश के बाद बड़ी संख्या में किसान कपास के बीज और खाद लेने के लिए दुकान पहुंच रहे हैं, लेकिन भिवानी में खाद की फिर से किल्लत हो गई है.

जिससे किसानों को परेशानी हो रही है. जिसकी वजह से किसानों को देसी कपास की जह अंग्रेजी यानी बीटी कॉटन की खेती करनी पड़ रही है. किसान पिछले कई वर्षों के बाद खाद-बीज की दुकान पर देशी कपास का बीज मांग रहे है, लेकिन उन्हें दुकानों में बीज उपलब्ध ही नही हो रहा है. किसानों का कहना है कि सरकार ने इस बार देशी कपास बिजने के लिए प्रोत्साहन कर तो रही है, लेकिन पिछले एक महीने से बीज मार्किट में उपलब्ध नही है.

भिवानी में खाद की कमी के चलते किसान परेशान, किसानों को मजबूरन करना पड़ रही है बीटी कॉटन की खेती

किसानों का कहना है कि सरकार ने इस बार देशी कपास बिजने के लिए प्रोत्साहन कर तो रही है, लेकिन पिछले एक महीने से बीज मार्केट में उपलब्ध नहीं है. जिस कारण से उन्होंने परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है. वहीं किसानों ने सरकार से बीज उपलब्ध करवाने की मांग रखी है. वहीं बीज भंडार के संचालकों को कहना है कि सरकार की घोषणा के बाद बीज मार्किट में आया था, लेकिन मार्किट में भारी डिमांड के चलते बीज बिक गया है.

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भंडार के संचालकों का बताया की भारी डिमांड के कारण बीज की कमी हुई है पर किसानों को जल्द ही बीज मिल जाएगा इसके लिए दुकानदारों ने सरकार से भी बात की है. कृषि विभाग के उप निदेशक डॉ. आत्माराम गोदारा ने बताया कि सरकार की घोषणा के बाद किसानों ने देशी बीज लेना शुरू कर दिया था, लेकिन भिवानी के काफी बड़े क्षेत्र में पहले किसान बीटी कॉटन की बिजाई करते है. डॉ. आत्माराम गोदारा ने बताया कि बीज कंपनियों कि सरकार से बात चल रही है. उन्होंने कहा कि जल्द ही देशी बीज फिर से बाजार में आसानी से उपलब्ध जाएगी. उसके बाद किसान अपनी फसल की बुआई कर पाएंगे.

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