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भिवानी: कपास की फसल के मुआवजे को लेकर सरकार को चेतावनी - भिवानी कपास के मुआवजे की मांग

भिवानी में कांग्रेस नेता रामकिशन फौजी ने प्रदेश सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि सरकार के उपेक्षित रवैये के चलते नहरों के अंतिम छोर तक पानी नहीं पहुंच पा रहा है. जिसके चलते कपास की फसल पूरी तरह से खत्म होने की कगार पर है. उन्होंने कहा कि अगर सरकार ने जल्द किसानों को मुआवजा नहीं दिया तो वो धरना प्रदर्शन करेंगे.

Demand for compensation of cotton crop from the government in bhiwani
कपास की फसल के मुआवजे को लेकर सरकार को चेतावनी
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Published : Sep 2, 2020, 6:27 PM IST

भिवानी: पूर्व सीपीएस एवं वरिष्ठ कांग्रेस नेता रामकिशन फौजी ने प्रदेश सरकार पर निशाना साधा है. रामकिशन ने कहा सरकार के उपेक्षित रवैये के चलते नहरों के अंतिम छोर तक पानी नहीं पहुंच पा रहा है. जिसकी वजह से कपास की फसल को बीमारी ने जकड़ लिया है. किसानों की कपास की फसल पूरी तरह से खत्म होने की कगार पर पहुंच गई है.

उन्होंने कहा कि 90 से 95 फीसदी तक किसानों की कपास की फसल खत्म हो चुकी है. लेकिन अभी तक सरकार ने बर्बाद फसलों की विशेष गिरदावरी तक नहीं करवाई है. उन्होंने कहा कि सरकार को शीघ्र बर्बाद फसलों की विशेष गिरदावरी करवाकर किसानों को कम से कम 50 हजार रुपए प्रति एकड़ के हिसाब से मुआवजा देना चाहिए.

रामकिशन ने कहा कि जिस वक्त किसानों ने कपास की फसल की बिजाई की थी. उस वक्त नहरी पानी का अभाव बना हुआ था. किसानों ने टयूब वैलों से अपने खेतों की सिंचाई करके कपास की फसल की बिजाई की थी. उसके बाद से अब तक किसान अपनी फसलों को बीमारियों से बचाने के लिए कीटनाशक दवाओं का छिडक़ाव कर रहे है. जिसके चलते कपास की खेती की लागत ओर बढ़ गई है.

रामकिशन ने कहा कि सरकार ने पेट्रोलियम पदार्थों की कीमतों में बेहताशा बढ़ोतरी करके खेती की लागत बढ़ा दी है. ऐसे में किसानों की आर्थिक हालत और भी बिगड़ गई है. उन्होंने सरकार से किसानों की बर्बाद फसलों की शीघ्र गिरदावरी करवाकर मुआवजा देने की मांग की. उन्होंने सरकार को चेतावनी देते हुए कहा कि अगर सरकार ने जल्द ही किसानों को फसलों का मुआवजा नहीं दिया तो वो धरना प्रदर्शन करेंगे.

ये भी पढ़ें: जींद विधायक कृष्ण मिड्ढा मेदांता में भर्ती, बुखार न उतरने के कारण किया शिफ्ट

भिवानी: पूर्व सीपीएस एवं वरिष्ठ कांग्रेस नेता रामकिशन फौजी ने प्रदेश सरकार पर निशाना साधा है. रामकिशन ने कहा सरकार के उपेक्षित रवैये के चलते नहरों के अंतिम छोर तक पानी नहीं पहुंच पा रहा है. जिसकी वजह से कपास की फसल को बीमारी ने जकड़ लिया है. किसानों की कपास की फसल पूरी तरह से खत्म होने की कगार पर पहुंच गई है.

उन्होंने कहा कि 90 से 95 फीसदी तक किसानों की कपास की फसल खत्म हो चुकी है. लेकिन अभी तक सरकार ने बर्बाद फसलों की विशेष गिरदावरी तक नहीं करवाई है. उन्होंने कहा कि सरकार को शीघ्र बर्बाद फसलों की विशेष गिरदावरी करवाकर किसानों को कम से कम 50 हजार रुपए प्रति एकड़ के हिसाब से मुआवजा देना चाहिए.

रामकिशन ने कहा कि जिस वक्त किसानों ने कपास की फसल की बिजाई की थी. उस वक्त नहरी पानी का अभाव बना हुआ था. किसानों ने टयूब वैलों से अपने खेतों की सिंचाई करके कपास की फसल की बिजाई की थी. उसके बाद से अब तक किसान अपनी फसलों को बीमारियों से बचाने के लिए कीटनाशक दवाओं का छिडक़ाव कर रहे है. जिसके चलते कपास की खेती की लागत ओर बढ़ गई है.

रामकिशन ने कहा कि सरकार ने पेट्रोलियम पदार्थों की कीमतों में बेहताशा बढ़ोतरी करके खेती की लागत बढ़ा दी है. ऐसे में किसानों की आर्थिक हालत और भी बिगड़ गई है. उन्होंने सरकार से किसानों की बर्बाद फसलों की शीघ्र गिरदावरी करवाकर मुआवजा देने की मांग की. उन्होंने सरकार को चेतावनी देते हुए कहा कि अगर सरकार ने जल्द ही किसानों को फसलों का मुआवजा नहीं दिया तो वो धरना प्रदर्शन करेंगे.

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