भिवानी: स्वास्थ्य शिक्षा सहयोग संगठन की शिकायत पर केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड ने संज्ञान लिया है. सीबीएसई ने जांच में दोषी पाए गए निजी स्कूलों पर डीईओ को कार्रवाई के आदेश दिए हैं. दरअसल शिक्षा विभाग ने स्कूली बच्चों के बस्तों का वजन कक्षावार निर्धारित किया है.
स्वास्थ्य शिक्षा सहयोग संगठन ने करवाई थी जांच
स्वास्थ्य शिक्षा सहयोग संगठन ने निजी स्कूलों में इस बात की जांच करवाई कि क्या बच्चों से कक्षावार निर्धारित बस्तों का वजन उठवाया जा रहा है. जांच में पाया गया कि 32 निजी स्कूल बच्चों से निर्धारित वजन से ज्यादा वजन उठा रहे हैं.
केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड ने जांच के आदेश दिए
केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड ने जांच में दोषी पाए जाने वाले 32 स्कूलों पर कार्रवाई के आदेश दिए हैं. सीबीएसई ने बच्चों की पीठ पर बस्ते का अनावश्यक बोझ केन्द्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड की संबद्धता उपनियम 2018 का उल्लंघन माना है.
अप्रैल में दी गई थी मुख्यमंत्री को शिकायत
जिसके बाद केन्द्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड ने भी जिला शिक्षा अधिकारी भिवानी को पत्र जारी किया. जिसमें स्वास्थ्य शिक्षा सहयोग संगठन के प्रदेश अध्यक्ष बृजपाल परमार की शिकायत का हवाला देते हुए संबंधित नियम और उपनियम के तहत कार्रवाई के निर्देश दिए हैं. स्वास्थ्य शिक्षा सहयोग संगठन के प्रदेश अध्यक्ष बृजपाल परमार ने आठ अप्रैल 2019 को मुख्यमंत्री को इस मामले में शिकायत दी थी.
32 निजी स्कूलों पर होगी कार्रवाई
जिसके बाद उप जिला शिक्षा अधिकारी की अगुवाई में टीम ने 32 स्कूलों के अंदर पहुंचकर पाठयक्रम संबंधी मामले की जांच की थी. इस जांच रिपोर्ट में सभी स्कूलों के अंदर कक्षावार बच्चे के बस्ते के निर्धारित वजन से डेढ़ गुणा तक किताबें पाई गई थी. जबकि अधिकांश निजी स्कूलों में प्राइवेट प्रकाशकों की किताबें भी पढ़ाई जा रही थी.
जानें क्या है नियम
हरियाणा में चल रहे सीबीएसई और हरियाणा विद्यालय शिक्षा बोर्ड से सम्बद्धता रखने वाले निजी विद्यालयों के अंदर एनसीईआरटी द्वारा निर्धारित पाठयक्रम की पुस्तकें ही पढ़ाना अनिवार्य किया हुआ है. इसके अलावा निजी प्रकाशकों की किताबें निजी स्कूलों में किसी भी सुरत में नहीं लगाए जाने की सख्त हिदायतें हैं.
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जांच में ये मिली खामियां
बृजपाल परमार ने बताया कि कमेटी ने अपनी जांच रिपोर्ट 15 जुलाई को जिला शिक्षा अधिकारी को सौंप दी थी. इस जांच रिपोर्ट में उप जिला शिक्षा अधिकारी की कमेटी द्वारा सभी निजी स्कूलों के निरीक्षण में बच्चों के बस्ते का वजन निर्धारित वजन से डेढ़ गुणा दर्शाया था, जबकि इन स्कूलों में बच्चों को निजी प्रकाशकों की पुस्तकें भी पढ़ाई जा रही थी. जिसका हवाला भी जांच रिपोर्ट में जांच अधिकारियों ने दिया था.
ये है कक्षावार निर्धारित बस्ते का वजन
- कक्षा पहली से दूसरी तक डेढ़ किलोग्राम
- कक्षा तीसरी से पांचवीं तक दो से तीन किलोग्राम
- कक्षा छठी से आठवीं तक चार किलोग्राम
- आठवीं से नौंवी तक चार से पांच किलोग्राम
- दसवीं से बारहवीं तक पांच किलोग्राम