अंबाला: मुलाना विधानसभा सीट से संतोष चौहान 2014 के विधानसभा चुनावों में भारतीय जनता पार्टी से विधायक बनीं थी. चुनावों के दौरान उन्होंने मुख्य तौर से मुलाना विधानसभा क्षेत्र के अंदर बस अड्डे निर्माण और बराड़ा को नगर पालिका कमेटी बनाने जैसे मुद्दों को मुख्य तौर से उठाया था.
सब डिवीजन बनवाया लेकिन परेशानी नहीं हुई कम
कहने में कोई हर्ज नहीं कि विधायक संतोष चौहान ने चुनाव जीतने के तुरंत बाद ही लगभग 2 महीने के अंदर ही बराड़ा सब डिवीजन को कमेटी का दर्जा दिलवा दिया था, लेकिन हैरानी की बात यह है कि इतना बड़ा विधानसभा क्षेत्र होने के बावजूद अभी भी मुलानावासियों को बस अड्डा नहीं मिल पाया. जिस वजह से उन्हें भारी परेशानियों का सामना करना पड़ता है.
मुलाना में विकास तो हुआ पर..
ईटीवी भारत की टीम सबसे पहले ग्राम पंचायत मुलाना पहुंची और वहां के निवासियों से जाना कि आखिर पिछले 5 वर्षों के दौरान उनके इलाके में कितने विकास के कार्य हुए हैं. वहां के सरपंच नरेश कुमार ने बताया कि उनकी विधायिका ने पिछले 5 वर्षो के अंदर उनके इलाके में बहुत से विकास के कार्य करवाए हैं जैसे पूरे हल्के में लगभग 50 कम्युनिटी हॉल बनाना, बराड़ा सबडिवीजन को कमेटी का दर्जा दिलवाना मुख्य है.
वहीं जब उनसे रोजगार, बस अड्डे, सड़कों की बात की तो वहां के निवासियों ने कहा कि मुलाना विधानसभा क्षेत्र से लगभग 5 युवाओं को रोजगार मिला है और साथ ही नेशनल हाईवे जो बन रहे हैं उससे वह काफी संतुष्ट हैं लेकिन दबी जुबान में निवासियों ने विधायक की शिकायत करते हुए बताया कि यहां पर सड़कों के हालात ठीक नहीं है और साथ ही जो नेशनल हाईवे बनाए गए हैं. वहां पर बाईपास की सुविधा ना होने की वजह से आसपास के लोगों को भारी दिक्कतों का सामना करना पड़ता है.
बराड़ा सब-डिवीजन बनाई पर काम नहीं हुआ
इसके बाद ईटीवी भारत की टीम मुलाना विधानसभा क्षेत्र के बराड़ा सब-डिवीजन क्षेत्र में पहुंची और वहां के निवासियों से विधायक द्वारा पिछले 5 वर्षो के अंदर किए गए विकास कार्यों को जानने की कोशिश की तो कुछ हैरान कर देने वाले तथ्य सामने आए.
उन्होंने बताया कि इसमें कोई शक नहीं कि विधायक संतोष चौहान ने बराड़ा सब-डिवीजन को कमेटी बनाया लेकिन कमेटी बनने के बावजूद आज तक सीवरेज का कार्य लगभग 3 साल होने के बावजूद कंप्लीट नहीं हुआ है और साथ ही सड़कों, नालियों, गली-मोहल्लों के हालात बद से बदतर हैं- घरों के अंदर पानी, दुकानों के अंदर पानी, रोजगार की समस्या.
क्या विधायक को फिर से मौका देगी जनता?
वहीं लोगों से जब विधायक को विकास कार्यों में नंबर देने के लिए कहा गया तो यहां के लोग उन्हें नंबर देने को ही तैयार नहीं हुए. किसी ने नंबर दिए भी तो सिर्फ जीरो या फिर एक. ये था मुलाना विधानसभा क्षेत्र की जनता का मूड. यहां स्थानीय विधायक को लेकर लोगों में खासी नाराजगी देखने को मिली. खैर अब ये तो आने वाले चुनाव में पता चलेगा कि मुलाना की जनता मौजूदा विधायक पर भरोसा बरकरार रखते हुए उन्हें समय देगी या नकार देगी.