अंबाला: जिले के लगभग 1213 आंगनबाड़ी केंद्रों पर बच्चे खाने को तरस रहे हैं. दरअसल डेढ़ महीने से यहां राशन का संकट मंडरा रहा है. हालात ऐसे हैं कि कई जगहों पर बच्चे दलिया का स्वाद तक भूल गए हैं. क्योंकि जहां से राशन की सप्लाई होनी थी, उसके लिये टेंडर ही नहीं हुआ.
ईटीवी भारत ने किया आंगनबाड़ी केंद्रों का दौरा
जब ईटीवी भारत की टीम ने अलग-अलग आंगनबाड़ी केंद्रों में जाकर सच जानने की कोशिश की तो लोगों ने कहा कि बच्चों को कभी मंदिरों में चल रहे भंडारे का खाना दिया जाता है, तो कभी शादी विवाह का बचा खाना या फिर कभी आंगनबाड़ी केंद्रों पर बच्चों के लिए समाजसेवियों द्वारा खाना पहुंचाया जाता है.
जल्द ही किया जाएगा समस्या का समाधान
वहीं जब ईटीवी भारत की टीम ने ADC जगदीप ढांडा से इस मामले पर बात की उन्होंने कहा कि जैसे ही मामला मेरे संज्ञान में आया तो तुरंत DPO ने WCD डिपार्टमेंट के इंचार्ज से इस मसले पर बात की. उन्होंने कहा कि जल्द ही इस समस्या का समाधान किया जाएगा.
मैन्यू के हिसाब से नहीं मिल रहा बच्चों को खाना
बता दें कि लगभग सभी आंगनबाड़ियों में 27 से 36 बच्चे पहुंच रहे हैं. इनमें पहले सबला स्कीम के तहत मूंगफली पहुंचती थी. लेकिन बाद में इसे बंद कर दिया गया. इसके बाद अलग से बच्चों को राशन दिये जाने का मैन्यू तैयार किया गया था. परंतु अब बच्चों को मैन्यू के मुताबिक भी राशन नहीं मिल पा रहा. क्योंकि आंगनबाड़ी केंद्रों के पास पूरा सामान ही नहीं है. हालांकि आंगनबाड़ी वर्कर समुदाय, संस्थाओं के सहयोग से आंगनबाड़ी में बच्चों को खाना उपलब्ध करवाने में लगी हुई हैं.
ये भी पढ़ें: कश्मीर में बर्फीले तूफान की चपेट में आने से 3 जवान शहीद, हरियाणा का एक जवान भी शामिल