अंबाला: पूरी दुनिया 14 फरवरी का दिन वैलेंटाइन डे के रूप में मनाती है, लेकिन भारत में इस दिन को काला दिवस के रूप में मनाया जाता है. आज के ही दिन दो साल पहले जम्मू कश्मीर में पाकिस्तान के आतंकियों के एक हमले में भारत ने अपने 40 वीर जवानों को खो दिया था. जिसको लेकर पूरे देश के लोगों ने अपने वीर जवानों को श्रद्धांजली दी.
वहीं अंबाला में कृषि कानूनों के खिलाफ लड़ाई लड़ रहे किसानों ने भी आज पुलवामा शहीदों की दूसरी बरसी पर कैंडल मार्च निकाला. किसानों ने कहा दो साल पहले आतंकियों ने कायरता पूर्वक हमला कर हमारे 40 बेटों को शहीद कर दिया था. उन्हीं की याद में आज वो कैंडल मार्च निकाल रहे हैं.
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किसानों ने कहा कि पुलवामा के शहीदों की ना तो न्यायिक जांच हुई और ना ही सरकार ने कोई जवाब दिया. किसानों ने कहा कि हम अपने बेटों की याद में ये कैंडल मार्च निकाल रहे हैं. क्योंकि सरहद पर शहीद होने वाले भी किसान के ही बेटे होते हैं.
सिरसा में भी किसानों ने निकाला कैंडल मार्च
वहीं सिरसा में भी पक्के मोर्चे पर बैठे किसानों ने पुलवामा शहीदों के लिए मशाल मार्च निकाला. किसानों ने हाथों में मशाल लेकर शहीदों को श्रद्धांजलि दी और मशाल लेकर सिरसा के पक्के मोर्चा से शुरूआत करते हुए मुख्य बाजारों से होते हुए अंबेडकर चौक पर मशाल मार्च का समापन किया.
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किसान नेता गुरदीप सिंह ने कहा कि सिरसा में शहीद भगत सिंह स्टेडियम से पुलवामा कांड में शहीद हुए जवानों को श्रद्धांजलि देते हुए ये मशाल मार्च निकाला जा रहा है. उन्होंने कहा कि सरकार के प्रति बहुत रोष है, क्योंकि बीजेपी सरकार बहुत कहती है दूसरे देशों के खिलाफ कार्रवाई करेंगे, लेकिन सरकार अपने देश मे हुए पुलवामा कांड की अभी तक जांच नहीं करवा पाई है.
वहीं किसानों का गुस्सा कृषि मंत्री जेपी दलाल के बयान के प्रति भी देखने को मिला. किसानों ने कहा कि उनकी कृषि कानूनों के खिलाफ लड़ाई जारी रहेगी और वे दिल्ली जीत कर ही वापस लौटेंगे.
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