अंबाला: देश और प्रदेश में कोरोना का कहर लगातार जारी है. हर रोज बड़ी संख्या में कोरोना संक्रमित मरीज सामने आ रहे हैं. वहीं हर रोज बड़ी संख्या में लोग रिकवर भी हो रहे हैं. ईटीवी भारत ने अंबाला में ऐसे ही एक कोरोना सर्वाइवर से बात की जिन्होंने कोरोना को मात दी है और वे डॉक्टर भी हैं. अंबाला स्वास्थ्य विभाग में बतौर डॉक्टर अपनी सेवाएं दे रहे डॉ. सुखप्रीत सिंह ने सफलतापूर्वक कोरोना महामारी को मात देकर एक बार फिर से अपनी ड्यूटी ज्वॉइन की है.
रिपोर्ट पॉजिटिव आने पर लगा था डर
डॉ. सुखप्रीत सिंह ने बताया कि वह अपने ही विभाग के कोरोना संक्रमित मरीज के संपर्क में आने के बाद से कोरोना संक्रमित हुए. उन्होंने बताया कि जब उन्हें इस बारे में पता चला तो डॉक्टर होने के बावजूद वे काफी डरे हुए थे. उन्होंने कहा कि जब मेरी कोरोना रिपोर्ट पॉजिटिव आई तो सौभाग्यवश मेरे दोनों छोटे बच्चे अपनी नानी के घर गए हुए थे, जिसकी उन्हें सबसे ज़्यादा तसल्ली हुई.
उन्होंने बताया कि घर पर मैं और मेरी पत्नी ही थे. इस दौरान मैंने खुद को घर में 14 दिनों के लिए आइसोलेट कर लिया. उन्होंने बताया कि शुरू में तो उन्हें ऐसा लगने लगा कि वह घर बैठे आराम फरमा रहे हैं, लेकिन फिर धीरे-धीरे बाद में उनको फीवर हो गया जिससे उनकी हालत और भी नाजुक हो गई, लेकिन क्योंकि वे खुद डॉक्टर थे तो उन्होंने वक्त पर दवाइयों का सेवन, मल्टीविटामिन और साथ-साथ योगा किया.
बीमारी को मात देने में योग निभाता है अहम भूमिका
उन्होंने कहा कि इस घातक कोरोना महामारी को मात देने के लिए योगा एक अहम भूमिका निभाता है. इसके लिए मैं सभी से कहना चाहूंगा कि सब लोग योग जरूर करें. इस बीमारी में हर आदमी को अलग-अलग तरह के लक्षण होते हैं. जैसे मुझे ना जुखाम और ना ही सांस लेने में दिक्कत आ रही थी, लेकिन मुझे अपनी छाती में परेशानी हो रही थी जिसके बाद मैंने अपना कोरोना टेस्ट करवाया और मेरी रिपोर्ट कोरोना पॉजिटिव आई. उन्होंने बताया कि एक लक्षण जैसे की सूंघने की क्षमता जाना मैंने भी महसूस किया. मुझे एक अजीब तरह की दुर्गंध हमेशा रहती थी.
बीमार व्यक्ति से ना बनाएं दिल की दूरी
उन्होंने कहा कि किसी भी मरीज से उसके आस पड़ोस में रह रहे लोगों को उसके साथ दिल की दूरियां नहीं बनानी चाहिए क्योंकि हौसला अफजाई इस बीमारी को मात देने में सबसे अधिक कारगर साबित होता है. आप यदि किसी के साथ दुर्व्यवहार करते हैं तो आप उस कोरोना संक्रमित मरीज के लिए और अधिक कठिनाइयां पेश करते हैं. उन्होंने सबसे गुजारिश करते हुए कहा कि ये छुआछूत की बीमारी नहीं है. इस बीमारी में आप उक्त मरीज से उचित दूरी जरूर बनाकर रखें, लेकिन दिल की दूरियां ना बनाई.
ये भी पढ़ें- एसवाईएल मामले पर दीपेंद्र हुड्डा ने सरकार से पूछे कई सवाल