अंबाला: हरियाणा सरकार जुलाई से स्कूल खोलने पर विचार कर रही है. ऐसे में स्कूल मैनेजमेंट और अभिभावक सरकार के इस फैसले को अंबाला के लोग किस प्रकार देखते हैं और क्या अभिभावक अपने बच्चों को स्कूल भेजने के लिए तैयार हैं. इसको लेकर ईटीवी भारत की टीम ने अभिभावकों बच्चों और स्कूल मैनेजमेंट से बातचीत की.
इंटीग्रेटेड प्राइवेट स्कूल वेलफेयर सोसाइटी के प्रधान और अंबाला सीबीएसई स्कूल जनरल सेक्टरी प्रशांत मुंजाल ने बताया कि वो सरकार के इस फैसले का स्वागत करते हैं. उन्होंने कहा कि आखिरकार सरकार ने इस ओर ध्यान देना शुरू किया. उन्होंने कहा कि आज की तारीख में सबसे पहला सवाल ये है कि कौन अपने बच्चों को स्कूल भेजेगा. इसके लिए स्कूल और सरकार दोनों को ही बच्चों और अभिभावकों में कॉन्फिडेंस बिल्ड करना पड़ेगा. ताकि अभिभावक अपने बच्चों को स्कूल भेज सकें और बच्चे भी बिना किसी डर के स्कूल में पढ़ सके.
इस मामले पर जब हमारी टीम ने स्कूल प्रिंसिपल से बातचीत की तो उन्होंने सरकार के इस फैसले का विरोध किया. उन्होंने कहा कि स्कूल ओपन होने से खतरा और भी बढ़ सकता है. इसलिए फिलहाल इस स्तिथि को देखते हुए स्कूल नहीं खुलने चाहिए बल्कि ऑनलाइन पढ़ाई को ही सुचारू रखना चाहिए.
अभिभावकों ने सरकार के इस फैसले का जमकर विरोध किया. उन्होंने कहा कि इस वक्त जहां देश के अंदर कोरोना संक्रमित मरीजों के आंकड़े लगातार बढ़ते जा रहे हैं. ऐसे में स्कूल ओपन करने का विचार सरकार के ध्यान में भी कैसे आ गया. उन्होंने बताया कि हमारे बच्चों की पढ़ाई ऑनलाइन अच्छे तरीके से चल रही है और सरकार बच्चों को जबरन खतरे में क्यों धकेलना चाहती है.
वहीं, बच्चों ने भी सरकार के इस फैसले को गलत बताया. उन्होंने कहा कि इस समय कोरोना संक्रमित मरीजों के आंकड़े लगातार बढ़ते जा रहे हैं. अंबाला में भी कोरोना मरीजों के आंकड़े लगातार बढ़ रहे हैं. ऐसे में स्कूल ओपन करना बिल्कुल भी सही नहीं है और हमारी पढ़ाई ऑनलाइन चल रही है.
ये भी पढ़ें- झज्जर सब्जी मंडी में ऑड ईवन फॉर्मूले का विरोध, आढ़तियों से सड़क पर फेंकी सब्जियां