नई दिल्ली: भारतीय रिजर्व बैंक के पूर्व गवर्नर रघुराम राजन ने बीजिंग में एक कार्यक्रम के दौरान भारत के अर्थव्यवस्था पर बोला है. उन्होंने कहा कि भारत की अर्थव्यवस्था स्थिर विकास के संकेत दे रही है. लेकिन दुनिया के सबसे अधिक आबादी वाले देश के लिए पर्याप्त नौकरियां पैदा करने के लिए 8 फीसदी से अधिक की गति से विस्तार करने की जरूरत है.
देश के वृद्धि दर को बढ़ाने की जरुरत
रघुराम राजन ने शुक्रवार को बीजिंग में एक कार्यक्रम में वीडियो लिंक के माध्यम से कहा कि जनसंख्या की जरूरतों और नौकरियों की आवश्यकता को देखते हुए हमें 8 फीसदी से 8.5 फीसदी पर जाना होगा. 6 फीसदी से 6.5 फीसदी की आर्थिक वृद्धि अन्य देशों की तुलना में मजबूत है. लेकिन नौकरियों की हमारी आवश्यकता के सापेक्ष मुझे लगता है कि यह अभी भी कुछ हद तक धीमी है क्योंकि हमारे पास बहुत सारे युवा हैं जिन्हें रोजगार की आवश्यकता है. जबकि भारत का विस्तार अन्य प्रमुख अर्थव्यवस्थाओं से आगे निकल गया है. देश हर साल कार्यबल में शामिल होने वाले लाखों लोगों के लिए पर्याप्त नौकरियां पैदा नहीं कर रहा है.
सेंटर फॉर मॉनिटरिंग इंडियन इकोनॉमी की रिसर्च
मुंबई स्थित शोधकर्ता सेंटर फॉर मॉनिटरिंग इंडियन इकोनॉमी के अनुसार, अक्टूबर में कुल बेरोजगारी दर बढ़कर 10.05 फीसदी हो गई, जो पिछले दो साल से अधिक है. एचएसबीसी का अनुमान है कि देश को अगले 10 सालों में 70 मिलियन नई नौकरियां पैदा करने की आवश्यकता होगी. 7.5 फीसदी की वृद्धि के साथ, केवल दो-तिहाई नौकरियों की समस्या हल हो जाएगी. इसके साथ ही कहा कि बेरोजगारी दर को देखते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के लिए भी चिंता का विषय है क्योंकि वह अगले साल चुनाव में तीसरा कार्यकाल चाहते हैं. उनके प्रशासन के अधिकारी इस साल के अंत तक दस लाख सरकारी नौकरियां प्रदान करने के उनके वादे के तहत नौकरी नियुक्ति पत्र वितरित करके समस्या से निपटने और अपनी साख को चमकाने की कोशिश कर रहे हैं.
चीन से प्रतिस्पर्धा के लिए प्रशिक्षित की जरूरत
राजन ने कहा कि देश को चीन और वियतनाम समेत अन्य कुशल मैन्युफैक्चरिंग देशों के साथ प्रतिस्पर्धा करने के लिए अपने कार्यबल को प्रशिक्षित करने की जरूरत है. उन्होंने आईफोन पार्ट्स के उत्पादन का हवाला देते हुए कहा कि भारत मूल्य श्रृंखला में आगे बढ़ने की कोशिश कर रहा है और आप ऐसा होने के कुछ संकेत देख रहे हैं. लेकिन उनका मानना है कि भारत में वास्तव में पूर्ण सेल फोन के निर्माण के लिए अभी लंबी दूरी तय करनी है.