चंडीगढ़: पंजाब एवं हरियाणा हाई कोर्ट धार्मिक स्थलों को खोलने के लिए एक जनहित याचिका दाखिल की गई थी. इस याचिका में मंदिर, गुरुद्वारे और मस्जिदें खोलने की अनुमति मांगी गई थी. इस याचिका पर पंजाब एवं हरियाणा हाई कोर्ट में वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए सुनवाई हुई. जिस पर फैसला सुनाते हुए कोर्ट ने इस याचिका को खारिज कर दिया.
याचिकाकर्ता की दलील
ये याचिका पंजाब एंव हरियाणा हाई कोर्ट के वकील मोबीन फारुकी ने लगाई थी. मोबीन फारुकी मुस्लिम फेडरेशन ऑफ पंजाब मलेरकोटला के अध्यक्ष हैं. याचिकाकर्ता ने कहा था कि गृह मंत्रालय की ओर से लॉकडाउन और कर्फ्यू को लेकर जो भी गाइडलान जारी की गई हैं, उसमें धार्मिक स्थलों को कोई छूट नहीं दी गई.
साथ ही मोबीन फारुकी ने याचिका में कहा कि रमजान का महीना चल रहा है और इस्लाम धर्म में रमजान की बहुत ज्यादा अहमियत है. इस दिन सभी मुस्लिम मस्जिद में जाकर दुआ करते हैं. ऐसे में पंजाब, हरियाणा और चंडीगढ़ की ओर से 1 घंटे की छूट दी जाए, जहां मस्जिद में जाकर दुआ की जा सके और ईद उल फितर पर नमाज पढ़ी जा सके.
याचिकाकर्ता ने श्री गुरु अर्जुन देव जी की शहीदी दिवस पर, जो 26 मई को आने वाला है. उसको लेकर भी अपनी याचिका में कहा था कि कुछ समय के लिए लोगों को सोशल डिस्टेंसिंग के साथ धार्मिक स्थलों मस्जिदों, मंदिरों और गुरुद्वारों में जाने की इजाजत दी जाए. इसके अलावा अपील ये भी की थी कि सभी धार्मिक स्थलों को खोला जाए पर वहां जाने की समय अवधि प्रशासन या सरकारें खुद तय करे.
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याचिका पर कोर्ट का तर्क
इस मामले पर हाई कोर्ट ने कहा कि धर्म का प्रचार करना आपका मूल अधिकार है. कोरोना महामारी के समय में किसी तरह का सम्मेलन मूल अधिकार नहीं है. इसलिए इस याचिका को खारिज कर दिया गया.